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||[[चित्र:Rashtrapati-Bhavan-1.jpg|120px| | ||[[चित्र:Rashtrapati-Bhavan-1.jpg|120px|right|राष्ट्रपति भवन]][[दिल्ली]] [[भारत]] की राजधानी एवं महानगरीय क्षेत्र है। इसमें [[नई दिल्ली]] सम्मिलित है, जो कि ऐतिहासिक पुरानी दिल्ली के बाद बसी थी। महान ऐतिहासिक महत्त्व वाला यह महानगरीय क्षेत्र महत्त्वपूर्ण व्यापारिक, परिवहन एवं सांस्कृतिक हलचलों से भरा है। दिल्ली देश के उत्तरी मध्य भाग में [[गंगा नदी|गंगा]] की एक प्रमुख सहायक [[यमुना नदी|नदी यमुना]] के दोनों तरफ बसी है। दिल्ली देश का तीसरा बड़ा शहर है। यहाँ के ऐतिहासिक स्थल तथा रमणीय स्थल अपने आप में विशेष हैं। [[पर्यटन]] विकास के उद्वेश्य से यह [[आगरा]] और [[जयपुर]] से जुड़ा है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[दिल्ली]] | ||
{[[तिरुअनन्तपुरम]] का पुराना नाम क्या है? | {[[तिरुअनन्तपुरम]] का पुराना नाम क्या है? | ||
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-[[वरुणा नदी|वरुणा]] और [[असि नदी|असि]] से | -[[वरुणा नदी|वरुणा]] और [[असि नदी|असि]] से | ||
||[[चित्र:Satluj-River.jpg|120px|right|[[सतलुज नदी]]]] सतलुज उत्तरी [[भारत]] में बहने वाली एक नदी है, जो 'सदानीरा' (हर मौसम में बहती है) है, और जिसकी लम्बाई [[पंजाब]] में बहने वाली पाँचों नदियों में सबसे अधिक है। यह [[पाकिस्तान]] में होकर बहती है। [[ऋग्वेद]] के नदीसूक्त में इसे शुतुद्रि कहा गया है। वैदिक काल में [[सरस्वती नदी]] 'शुतुद्रि' में ही मिलती थी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सतलुज नदी]] | ||[[चित्र:Satluj-River.jpg|120px|right|[[सतलुज नदी]]]] सतलुज उत्तरी [[भारत]] में बहने वाली एक नदी है, जो 'सदानीरा' (हर मौसम में बहती है) है, और जिसकी लम्बाई [[पंजाब]] में बहने वाली पाँचों नदियों में सबसे अधिक है। यह [[पाकिस्तान]] में होकर बहती है। [[ऋग्वेद]] के नदीसूक्त में इसे शुतुद्रि कहा गया है। वैदिक काल में [[सरस्वती नदी]] 'शुतुद्रि' में ही मिलती थी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सतलुज नदी]] | ||
||[[चित्र:Byas-River.jpg|120px|[[व्यास नदी]], [[मनाली हिमाचल प्रदेश|मनाली]]]] व्यास नदी [[पंजाब]] [[हिमाचल प्रदेश]] में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। [[पंजाब]] की पांच प्रमुख नदियों में से एक है। इसका उल्लेख [[ॠग्वेद]] में केवल एक बार है। [[वाल्मीकि रामायण]] में [[अयोध्या]] के दूतों की केकय देश की यात्रा के प्रसंग में विपाशा (वैदिक नाम विपाश) को पार करने का उल्लेख है|{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[व्यास नदी]] | ||[[चित्र:Byas-River.jpg|120px|right|[[व्यास नदी]], [[मनाली हिमाचल प्रदेश|मनाली]]]] व्यास नदी [[पंजाब]] [[हिमाचल प्रदेश]] में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। [[पंजाब]] की पांच प्रमुख नदियों में से एक है। इसका उल्लेख [[ॠग्वेद]] में केवल एक बार है। [[वाल्मीकि रामायण]] में [[अयोध्या]] के दूतों की केकय देश की यात्रा के प्रसंग में विपाशा (वैदिक नाम विपाश) को पार करने का उल्लेख है|{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[व्यास नदी]] | ||
{सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-7) कहाँ से कहाँ तक है ? | {सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-7) कहाँ से कहाँ तक है ? | ||
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||[[चित्र:Ganga-River-Varanasi.jpg|right|गंगा नदी, वाराणसी|120px]] [[गंगा नदी]] के तट पर बसे इस शहर को ही भगवान [[शिव]] ने पृथ्वी पर अपना स्थायी निवास बनाया था। यह भी माना जाता है कि [[वाराणसी]] का निर्माण सृष्टि रचना के प्रारम्भिक चरण में ही हुआ था। यह शहर प्रथम ज्योर्तिलिंग का भी शहर है। [[पुराण|पुराणों]] में वाराणसी को ब्रह्मांड का केंद्र बताया गया है तथा यह भी कहा गया है, कि यहाँ के कण-कण में शिव निवास करते हैं। वाराणसी के लोगों के अनुसार, [[काशी]] के कण-कण में शिवशंकर हैं। इनके कहने का अर्थ यह है कि यहाँ के प्रत्येक पत्थर में शिव का निवास है। कहते हैं कि काशी शंकर भगवान के त्रिशूल पर टिकी है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वाराणसी]] | ||[[चित्र:Ganga-River-Varanasi.jpg|right|गंगा नदी, वाराणसी|120px]] [[गंगा नदी]] के तट पर बसे इस शहर को ही भगवान [[शिव]] ने पृथ्वी पर अपना स्थायी निवास बनाया था। यह भी माना जाता है कि [[वाराणसी]] का निर्माण सृष्टि रचना के प्रारम्भिक चरण में ही हुआ था। यह शहर प्रथम ज्योर्तिलिंग का भी शहर है। [[पुराण|पुराणों]] में वाराणसी को ब्रह्मांड का केंद्र बताया गया है तथा यह भी कहा गया है, कि यहाँ के कण-कण में शिव निवास करते हैं। वाराणसी के लोगों के अनुसार, [[काशी]] के कण-कण में शिवशंकर हैं। इनके कहने का अर्थ यह है कि यहाँ के प्रत्येक पत्थर में शिव का निवास है। कहते हैं कि काशी शंकर भगवान के त्रिशूल पर टिकी है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वाराणसी]] | ||
||[[चित्र:Kanyakumari-Temple.jpg|120px|कन्याकुमारी मंदिर, कन्याकुमारी]]यह स्थान एक खाड़ी, एक सागर और एक महासागर का मिलन बिंदु है। अपार जलराशि से घिरे इस स्थल के पूर्व में [[बंगाल की खाड़ी]], पश्चिम में [[अरब सागर]] एवं दक्षिण में [[हिंद महासागर]] है। यहाँ आकर हर व्यक्ति को प्रकृति के अनंत स्वरूप के दर्शन होते हैं। सागर-त्रय के संगम की इस दिव्यभूमि पर मां भगवती देवी कुमारी के रूप में विद्यमान हैं। इस पवित्र स्थान को एलेक्जेंड्रिया ऑफ़ ईस्ट की उपमा से विदेशी सैलानियों ने नवाजा है। यहाँ पहुंच कर लगता है मानो पूर्व में सभ्यता की शुरूआत यहीं से हुई होगी। [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने इस स्थल को केप कोमोरिन कहा था। [[तिरुअनंतपुरम]] के बेहद निकट होने के कारण सामान्यत: समझा जाता है कि यह शहर [[केरल]] राज्य में स्थित है, लेकिन [[कन्याकुमारी]] वास्तव में [[तमिलनाडु]] राज्य का एक ख़ास पर्यटन स्थल है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कन्याकुमारी]] | ||[[चित्र:Kanyakumari-Temple.jpg|120px|right|कन्याकुमारी मंदिर, कन्याकुमारी]]यह स्थान एक खाड़ी, एक सागर और एक महासागर का मिलन बिंदु है। अपार जलराशि से घिरे इस स्थल के पूर्व में [[बंगाल की खाड़ी]], पश्चिम में [[अरब सागर]] एवं दक्षिण में [[हिंद महासागर]] है। यहाँ आकर हर व्यक्ति को प्रकृति के अनंत स्वरूप के दर्शन होते हैं। सागर-त्रय के संगम की इस दिव्यभूमि पर मां भगवती देवी कुमारी के रूप में विद्यमान हैं। इस पवित्र स्थान को एलेक्जेंड्रिया ऑफ़ ईस्ट की उपमा से विदेशी सैलानियों ने नवाजा है। यहाँ पहुंच कर लगता है मानो पूर्व में सभ्यता की शुरूआत यहीं से हुई होगी। [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने इस स्थल को केप कोमोरिन कहा था। [[तिरुअनंतपुरम]] के बेहद निकट होने के कारण सामान्यत: समझा जाता है कि यह शहर [[केरल]] राज्य में स्थित है, लेकिन [[कन्याकुमारी]] वास्तव में [[तमिलनाडु]] राज्य का एक ख़ास पर्यटन स्थल है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कन्याकुमारी]] | ||
{[[माउण्ट एवरेस्ट]] पर्वत किन दो देशों की सीमा बनाता है? | {[[माउण्ट एवरेस्ट]] पर्वत किन दो देशों की सीमा बनाता है? | ||
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-[[छत्तीसगढ़]] | -[[छत्तीसगढ़]] | ||
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||[[चित्र:Nilgiri-Hills.jpg|120px|नीलगिरि पहाड़ियाँ, तमिलनाडु]]नीलगिरि पहाड़ियाँ, [[तमिलनाडु]] राज्य का पर्वतीय क्षेत्र है, जो दक्षिणी [[भारत]] में स्थित हैं। नीलगिरि की चोटियाँ आसपास के मैदानी क्षेत्र से अचानक उठकर 1,800 से 2,400 मीटर की ऊँचाई तक पहुँचती हैं; इनमें से एक चोटी 'डोडाबेट्टा', जिसकी ऊँचाई 2,637 के लगभग है, तमिलनाडु का शीर्ष बिन्दु है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नीलगिरि पहाड़ियाँ]] | ||[[चित्र:Nilgiri-Hills.jpg|120px|right|नीलगिरि पहाड़ियाँ, तमिलनाडु]]नीलगिरि पहाड़ियाँ, [[तमिलनाडु]] राज्य का पर्वतीय क्षेत्र है, जो दक्षिणी [[भारत]] में स्थित हैं। नीलगिरि की चोटियाँ आसपास के मैदानी क्षेत्र से अचानक उठकर 1,800 से 2,400 मीटर की ऊँचाई तक पहुँचती हैं; इनमें से एक चोटी 'डोडाबेट्टा', जिसकी ऊँचाई 2,637 के लगभग है, तमिलनाडु का शीर्ष बिन्दु है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नीलगिरि पहाड़ियाँ]] | ||
{प्राचीन भारतीय भौगोलिक मान्यता के अनुसार भारतवर्ष किस द्वीप का खण्ड था? | {प्राचीन भारतीय भौगोलिक मान्यता के अनुसार भारतवर्ष किस द्वीप का खण्ड था? | ||
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-[[जैसलमेर]] | -[[जैसलमेर]] | ||
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||[[चित्र:Thiksey-Gompa-Ladakh.jpg|120px|थिक्सेय गोम्पा, लेह]] लेह नगर, पूर्वी [[जम्मू-कश्मीर]] राज्य के उत्तरी [[भारत]] में स्थित है। यह नगर 3,520 मीटर की ऊँचाई तक उठे अत्तुंग पर्वतीय क्षेत्र पर स्थित है, जिसे 'दुनिया की छत' कहा जाता है। इसके चारों ओर इससे अधिक ऊँचे पर्वतों का घेरा है। लेह स्थायी आबादी वाले दुनिया के सबसे ऊँचे नगरों में से एक है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लेह]] | ||[[चित्र:Thiksey-Gompa-Ladakh.jpg|120px|right|थिक्सेय गोम्पा, लेह]] लेह नगर, पूर्वी [[जम्मू-कश्मीर]] राज्य के उत्तरी [[भारत]] में स्थित है। यह नगर 3,520 मीटर की ऊँचाई तक उठे अत्तुंग पर्वतीय क्षेत्र पर स्थित है, जिसे 'दुनिया की छत' कहा जाता है। इसके चारों ओर इससे अधिक ऊँचे पर्वतों का घेरा है। लेह स्थायी आबादी वाले दुनिया के सबसे ऊँचे नगरों में से एक है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लेह]] | ||
{[[भारत]] में जनसंख्या घनत्त्व की दृष्टि से सबसे विरल प्रदेश कौन-सा है? | {[[भारत]] में जनसंख्या घनत्त्व की दृष्टि से सबसे विरल प्रदेश कौन-सा है? | ||
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-[[राजस्थान]] | -[[राजस्थान]] | ||
+[[जम्मू और कश्मीर|जम्मू-कश्मीर]] | +[[जम्मू और कश्मीर|जम्मू-कश्मीर]] | ||
||[[चित्र:Dal-Lake-Srinagar.jpg|120px|डल झील, श्रीनगर]]एक भारतीय राज्य, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिमी पर्वतश्रेणियों के निकट स्थित है। पहले यह [[भारत]] की बड़ी रियासतों में से एक था। यह पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व [[तिब्बत|तिब्बती]] स्वायत्त क्षेत्र (दोनों [[चीन]] के भाग) से, दक्षिण में [[हिमाचल प्रदेश]] व [[पंजाब]] राज्यों से, पश्चिम में [[पाकिस्तान]] और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भू-भाग से घिरा है। जम्मू-कश्मीर राज्य के पश्चिम मध्य हिस्से के पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में [[देवसई पर्वत]] है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जम्मू और कश्मीर]] | ||[[चित्र:Dal-Lake-Srinagar.jpg|120px|right|डल झील, श्रीनगर]]एक भारतीय राज्य, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिमी पर्वतश्रेणियों के निकट स्थित है। पहले यह [[भारत]] की बड़ी रियासतों में से एक था। यह पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व [[तिब्बत|तिब्बती]] स्वायत्त क्षेत्र (दोनों [[चीन]] के भाग) से, दक्षिण में [[हिमाचल प्रदेश]] व [[पंजाब]] राज्यों से, पश्चिम में [[पाकिस्तान]] और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भू-भाग से घिरा है। जम्मू-कश्मीर राज्य के पश्चिम मध्य हिस्से के पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में [[देवसई पर्वत]] है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जम्मू और कश्मीर]] | ||
{[[राज्यपाल]] की दोहरी भूमिका का क्या अर्थ है? | {[[राज्यपाल]] की दोहरी भूमिका का क्या अर्थ है? |