"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-ए": अवतरणों में अंतर

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* एक टकसाल के ढले।
* एक टकसाल के ढले।
* एक तवे की रोटी, क्या छोटी क्या मोटी।
* एक तवे की रोटी, क्या छोटी क्या मोटी।
* एक तो चोरी दूसरे सीना-जोरी।
* एक तो चोरी दूसरे सीना-ज़ोरी।
* एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होना।
* एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होना।
* एक मुँह दो बातें।
* एक मुँह दो बातें।

15:56, 8 जुलाई 2011 का अवतरण

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                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र
  • एक पंथ दो काज
  • एक करेला/गिलोय, दूसरे नीम चढ़ा।
  • एक अंडा वह भी गंदा।
  • एक आँख से रोवे, एक आँख से हँसे।
  • एक अनार सौ बीमार।
  • एक आवे (आवाँ) के बर्तन।
  • एक और एक ग्यारह होते हैं।
  • एक के दूने से सौ के सवाये भले।
  • एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है।
  • एक टकसाल के ढले।
  • एक तवे की रोटी, क्या छोटी क्या मोटी।
  • एक तो चोरी दूसरे सीना-ज़ोरी।
  • एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होना।
  • एक मुँह दो बातें।
  • एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकती।
  • एक हाथ से ताली नहीं बजती।
  • एक ही लकड़ी से सबको हाँकना।
  • एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय।
  • एक आँख से देखना।
  • एक-एक नस पहचानना।
  • एक घाट का पानी पीना।
  • एक लकड़ी से सबको हाँकना।
  • एडि़याँ रगड़ना।
  • एड़ी-चोटी का पसीना एक करना।