"विजयपाल रासो": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('*विजय पाल रासो के रचनाकार 'नल्ह सिह भाट' हैं। *नल्हसिं...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
*विजयपाल, जिनके विषय में यह [[रासो काव्य]] है, विजयगढ़, करौली के 'यादव' राजा थे। | *विजयपाल, जिनके विषय में यह [[रासो काव्य]] है, विजयगढ़, करौली के 'यादव' राजा थे। | ||
*इनके आश्रित कवि के रुप में 'नल्ह सिंह' का नाम आता है। | *इनके आश्रित कवि के रुप में 'नल्ह सिंह' का नाम आता है। | ||
*रचना की [[भाषा]] से यह ज्ञात होता है कि यह रचना 17 वीं शताब्दी से पूर्व की नहीं हो सकती है। | *रचना की [[भाषा]] से यह ज्ञात होता है कि यह रचना 17 वीं शताब्दी से पूर्व की नहीं हो सकती है।<ref>{{cite web |url=http://knowhindi.blogspot.com/2011/02/blog-post_4165.html |title=रासो काव्य : वीरगाथायें|accessmonthday=15 मई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} |
13:45, 30 मई 2011 के समय का अवतरण
- विजय पाल रासो के रचनाकार 'नल्ह सिह भाट' हैं।
- नल्हसिंह भाट कृत इस रचना के केवल '42' छन्द उपलब्ध है।
- विजयपाल, जिनके विषय में यह रासो काव्य है, विजयगढ़, करौली के 'यादव' राजा थे।
- इनके आश्रित कवि के रुप में 'नल्ह सिंह' का नाम आता है।
- रचना की भाषा से यह ज्ञात होता है कि यह रचना 17 वीं शताब्दी से पूर्व की नहीं हो सकती है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रासो काव्य : वीरगाथायें (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 मई, 2011।