"निकिल": अवतरणों में अंतर
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([[अंग्रेज़ी भाषा]]- Nickel) [[आवर्त सारणी]] के अष्टसमूह का [[ | ([[अंग्रेज़ी भाषा]]- Nickel) [[आवर्त सारणी]] के अष्टसमूह का [[तत्त्व]] है। निकिल के पाँच स्थायी समस्थानिक ज्ञात हैं, जिनकी [[द्रव्यमान संख्या|द्रव्यमान संख्याएँ]] 58, 60, 61, 62 और 64 हैं। निकिल तत्त्व के पाँच अस्थायी समस्थानिक भी बनाए गए हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 57, 58, 62, 65 और 66 हैं। | ||
==प्राप्ति== | ==प्राप्ति== | ||
[[मिश्रधातु]] के रूप में | [[मिश्रधातु]] के रूप में निकिल का उपयोग पुरातन काल से होता आया है। [[नालंदा]] की [[धातु]] मूर्तियों में न्यून मात्रा में निकिल उपस्थित है। [[चीन]] में निकिल की मिश्रधातुओं का उपयोग श्वेत [[ताम्र]] बनाने में होता था। सर्वप्रथम अशुद्ध निकिल धातु का निर्माण क्रोन्सटेड ने 1750 ई. में किया था। | ||
[[पृथ्वी]] की सतह पर | [[पृथ्वी]] की सतह पर निकिल समुचित मात्रा में वर्तमान है और इसका परिमाण ताम्र, यशद या राँगे से अधिक है। परंतु इसके ऐसे सांद्र अयस्क बहुत कम है, जिनसे धातु निकाली जा सके। निकिल का विश्व में सबसे समृद्ध अयस्क कैनाडा के सडबरी ज़िले में पाया गया है। यह [[लोहा]] और निकिल की मिश्रित सल्फाइड है। न्यूकैलिडोनिया, सोवियत संघ तथा क्यूबा में भी समुचित मात्रा में निकिल अयस्क से धातु निकाली जाती है। [[भारत]], चीन, नॉर्वे, [[अमेरिका]] का अलास्का प्रदेश, वेनेज़ुएला, ब्राज़ील, [[मिस्र]] और [[यूनान]] में अल्प मात्रा में निकिल अयस्क प्राप्य हैं। | ||
==निर्माण== | ==निर्माण== | ||
निकिल का निर्माण एक जटिल क्रिया है। कैनाडा में सडरी अयस्क का सर्वप्रथम संप्लवन क्रिया द्वारा संद्र किया जाता है। इसका भर्जन करने के पश्चात् भट्ठी में प्रगलन करने पर अशुद्ध धातु और [[गंधक]] का मिश्रण मिलता है। इस मिश्रण से बेसमर संपरिवर्तक द्वारा 70 प्रतिशत निकिल की मिश्रधातु प्राप्त करते हैं। यह अशुद्ध धातु अनेक औद्योगिक एवं घरेलू उपयोगों में आती है। विशुद्ध निकिल विद्युद्विश्लेषण अथवा मांड प्रक्रिया द्वारा प्राप्त होता है। विद्युद्विश्लेषण क्रिया में अशुद्ध निकिल धनाग्र के रूप में प्रयुक्त होता है, जो निकिल सल्फेट के विलयन में डूबा रहता है। शुद्ध निकिल ऋणाग्र पर जमा हो जाता है। इस क्रिया में बचे अपद्रव्यों से अनेक बहुमूल्य धातुएँ (जैसे [[चाँदी]], [[स्वर्ण]], [[प्लेटिनम]] धातुएँ) निकाली जाती हैं। मांड प्रक्रिया में निकिल धातु पर कार्बन मोनॉक्साइड की प्रक्रिया से निकिल कार्बोनिल [<math>\mathrm{N}</math><math>\mathrm{i}</math>(<math>\mathrm{C}</math><math>\mathrm{O}</math>)<sub>4</sub>] बनाते हैं। इसके वाष्प को अलग प्रकोष्ठों में ले जाकर 180 रू सें. [[ताप]] पर रखने से उसका विघटन होकर विशुद्ध निकिल प्राप्त होता है। | |||
==भौतिक गुण== | ==भौतिक गुण== | ||
* | *निकिल हलका [[पीला रंग]] लिए श्वेत रंग की धातु है। | ||
* | *निकिल की [[परमाणु संख्या]] 28, [[परमाणु भार]] 58.71, [[गलनांक]] 1453° सेंटीग्रेड, [[क्वथनांक]] 2730° सेंटीग्रेड, [[घनत्त्व]] 8.9 ग्रा.घ. सेंमी. होता है। | ||
* | *निकिल के गलन की गुप्त [[ऊष्मा]] 74 कैलरी, परमाणु व्यास 2.49 ऐंग्स्ट्रॉम<ref>(A)</ref>, आयनीकरण विभव 7.63, विद्युत्प्रतिरोध 6.84 (20° सेंटीग्रेड) माइक्रोओह्म सेंमी. होता है। | ||
* | *निकिल के कुछ गुण [[लोहा|लोहे]] के समान और कुछ ताम्र के समान हैं। | ||
* | *निकिल [[अम्ल|अम्लों]] से मंद [[गति]] में अभिक्रिया करता है और द्विसंयोजी [[यौगिक]] बनाता है। [[क्षार]] द्वारा निकिल अप्रभावित रहता है। | ||
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* | *निकिल ऑक्साइड (<math>\mathrm{N}</math><math>\mathrm{i}</math><math>\mathrm{O}</math>) निकिल का स्थायी ऑक्साइड है। यह ऑक्साइड, सल्फाइड, कार्बोंनेट या नाइट्रेट को गरम करके बनाया जा सकता है। यह अम्लों में विलेय है। | ||
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किल पर सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया द्वारा निकिल सल्फेट बनाया जाता है। इसके क्रिस्टल (<math>\mathrm{N}</math><math>\mathrm{i}</math><math>\mathrm{S}</math><math>\mathrm{O}</math><sub>4</sub>, 7<math>\mathrm{H}</math><sub>2</sub><math>\mathrm{O}</math>) हरे रंग के होते हैं। ये 300° सें. [[ताप]] पर अजल निकिल सल्फेट (NiSO4) में परिवर्तित हो जाते हैं। निकिल क्लोराइड (<math>\mathrm{N}</math><math>\mathrm{i}</math><math>\mathrm{C}</math><math>\mathrm{l}</math><sub>2</sub>, 6<math>\mathrm{H}</math><sub>2</sub><math>\mathrm{O}</math>) और इट्रेट [<math>\mathrm{N}</math><math>\mathrm{i}</math>(<math>\mathrm{N}</math><math>\mathrm{O}</math><sub>3</sub>)<sub>2</sub>, <math>\mathrm{H}</math><sub>2</sub><math>\mathrm{O}</math>], दोनों गरम करने पर जल के [[अणु]] मुक्त कर देते हैं। सल्फेट तथा नाइट्रेट उच्च ताप पर विघटित होकर निकिल ऑक्साइड बनाते हैं। | |||
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निकिल अनेक कार्बनिक अम्लों से अभिक्रिया करके [[लवण]] बनाता है। उच्च [[अणु भार]] के अम्लों द्वारा बने निकिल के लवणों में कलिलीय गुण होते हैं। | |||
;संकीर्ण यौगिक | ;संकीर्ण यौगिक | ||
निकिल अनेक संकीर्ण यौगिक बनाता है। इसके कार्बनिक अथवा अकार्बनिक दोनों प्रकार के संकीर्ण यौगिक ज्ञात हैं, जिनमें कुछ जैसे निकिल डाइमिथाल ग्लाइऑक्ज़ाइम,<ref>(nikel dimethyl glyoxime)</ref> वैश्लेषिक तथा भारात्मक विश्लेषण में उपयुक्त होते हैं। | |||
;विचित्र पदार्थ | ;विचित्र पदार्थ | ||
निकिल कार्बोंनिल [<math>\mathrm{N}</math><math>\mathrm{i}</math>(<math>\mathrm{C}</math><math>\mathrm{O}</math>)<sub>4</sub>] एक विचित्र [[पदार्थ]] है, जो सामान्य ताप पर निकिल पर कार्बन मोनॉक्साइड प्रवाहित करने से बन सकता है। यह रंगरहित [[द्रव]] है, जिसका क्वथनांक 43° सेंटीग्रेड है। 60° सेंटीग्रेड पर इसका विघटन प्रारंभ हो जाता है। वह विषैला पदार्थ है और इसके वाष्प से बचाव आवश्यक है। | |||
==उपयोग== | ==उपयोग== | ||
*[[मिश्रधातु|मिश्रधातुओं]] के निर्माण में | *[[मिश्रधातु|मिश्रधातुओं]] के निर्माण में निकिल का बहुत उपयोग होता है। इस्पात उद्योग में निकिल का महत्वपूर्ण स्थान है। | ||
* | *निकिल-इस्पात कठोर होने के कारण मोटरकार, जलयान, वायुयान तथा रेल इंजन बनाने के उद्योगों में बहुत काम आता है। | ||
*विभिन्न अविकारी इस्पातों में 2 से लेकर 25 प्रतिशत तक | *विभिन्न अविकारी इस्पातों में 2 से लेकर 25 प्रतिशत तक निकिल उपस्थित रहता है। | ||
* | *निकिल मिश्रधातुओं का उपयोग सिक्कों में प्रतिरोधकों में और अन्य घरेलू वस्तुओं में होता है। जर्मनसिल्वर निकिल और ताम्र द्वारा बनी मिश्रधातु है। | ||
*चूर्ण अवस्था में | *चूर्ण अवस्था में निकिल उत्प्रेरक का अनेक रासायनिक क्रियाओं में सफल उपयोग हुआ है। | ||
*अनेक कार्बनिक [[पदार्थ|पदार्थों]] के हाइड्रोजनीकरण उद्योगों में<ref>(जैसे वनस्पति उद्योग में)</ref> यह उत्तम उत्प्रेरक सिद्ध हुआ है। | *अनेक कार्बनिक [[पदार्थ|पदार्थों]] के हाइड्रोजनीकरण उद्योगों में<ref>(जैसे वनस्पति उद्योग में)</ref> यह उत्तम उत्प्रेरक सिद्ध हुआ है। | ||
* | *निकिल उत्प्रेरक बनाने की अनेक क्रियाएँ हैं, जिनमें निकिल के यौगिकों जैसे निकिल हाइड्रॉक्साइड, निकिल नाइट्रेट आदि का विशेष विधियों द्वारा विघटन किया जाता है। | ||
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13:01, 30 मई 2011 का अवतरण
निकिल | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
चाँदी पर सोने की आभा लिए धातु | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
साधारण गुणधर्म | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
नाम, प्रतीक, संख्या | निकिल, Ni, 28 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
तत्व श्रेणी | संक्रमण धातु | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
समूह, आवर्त, कक्षा | 10, 4, d | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मानक परमाणु भार | 58.6934(4)g·mol−1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इलेक्ट्रॉन विन्यास | 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d8 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इलेक्ट्रॉन प्रति शेल | 2, 8, 16, 2 or 2, 8, 17, 1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भौतिक गुणधर्म | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अवस्था | ठोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
घनत्व (निकट क.ता.) | 8.908 g·cm−3 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
तरल घनत्व (गलनांक पर) |
7.81 g·cm−3 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
गलनांक | 1728 K, 1455 °C, 2651 °F | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
क्वथनांक | 3186 K, 2913 °C, 5275 °F | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
संलयन ऊष्मा | 17.48 किलो जूल-मोल | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वाष्पन ऊष्मा | 377.5 किलो जूल-मोल | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
विशिष्ट ऊष्मीय क्षमता |
26.07
जूल-मोल−1किलो−1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वाष्प दाब | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
परमाण्विक गुणधर्म | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ऑक्सीकरण अवस्था | 4, 3, 2, 1, -1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इलेक्ट्रोनेगेटिविटी | 1.91 (पाइलिंग पैमाना) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
आयनीकरण ऊर्जाएँ (अधिक) |
1st: 737.1 कि.जूल•मोल−1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2nd: 1753.0 कि.जूल•मोल−1 | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
3rd: 3395 कि.जूल•मोल−1 | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
परमाण्विक त्रिज्या | 124 pm | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
सहसंयोजक त्रिज्या | 124±4 pm | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वैन्डैर वाल्स त्रिज्या | 163 pm | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
विविध गुणधर्म | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
क्रिस्टल संरचना | केन्द्रीय मुख घनाकार | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
चुम्बकीय क्रम | लोहचुम्बकीय | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वैद्युत प्रतिरोधकता | (20 °C) 69.3 nΩ·m | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ऊष्मीय चालकता | (300 K) 90.9 W·m−1·K−1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ऊष्मीय प्रसार | (25 °C) 13.4 µm·m−1·K−1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ध्वनि चाल (पतली छड़ में) | (r.t.) 4900 m·s−1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
यंग मापांक | 200 GPa | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अपरूपण मापांक | 76 GPa | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
स्थूल मापांक | 180 GPa | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पॉयज़न अनुपात | 0.31 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मोह्स कठोरता मापांक | 4.0 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
विकर्स कठोरता | 638 MPa | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ब्राइनल कठोरता | 700 MPa | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
सी.ए.एस पंजीकरण संख्या |
7440-02-0 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
समस्थानिक | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
|
(अंग्रेज़ी भाषा- Nickel) आवर्त सारणी के अष्टसमूह का तत्त्व है। निकिल के पाँच स्थायी समस्थानिक ज्ञात हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 58, 60, 61, 62 और 64 हैं। निकिल तत्त्व के पाँच अस्थायी समस्थानिक भी बनाए गए हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 57, 58, 62, 65 और 66 हैं।
प्राप्ति
मिश्रधातु के रूप में निकिल का उपयोग पुरातन काल से होता आया है। नालंदा की धातु मूर्तियों में न्यून मात्रा में निकिल उपस्थित है। चीन में निकिल की मिश्रधातुओं का उपयोग श्वेत ताम्र बनाने में होता था। सर्वप्रथम अशुद्ध निकिल धातु का निर्माण क्रोन्सटेड ने 1750 ई. में किया था।
पृथ्वी की सतह पर निकिल समुचित मात्रा में वर्तमान है और इसका परिमाण ताम्र, यशद या राँगे से अधिक है। परंतु इसके ऐसे सांद्र अयस्क बहुत कम है, जिनसे धातु निकाली जा सके। निकिल का विश्व में सबसे समृद्ध अयस्क कैनाडा के सडबरी ज़िले में पाया गया है। यह लोहा और निकिल की मिश्रित सल्फाइड है। न्यूकैलिडोनिया, सोवियत संघ तथा क्यूबा में भी समुचित मात्रा में निकिल अयस्क से धातु निकाली जाती है। भारत, चीन, नॉर्वे, अमेरिका का अलास्का प्रदेश, वेनेज़ुएला, ब्राज़ील, मिस्र और यूनान में अल्प मात्रा में निकिल अयस्क प्राप्य हैं।
निर्माण
निकिल का निर्माण एक जटिल क्रिया है। कैनाडा में सडरी अयस्क का सर्वप्रथम संप्लवन क्रिया द्वारा संद्र किया जाता है। इसका भर्जन करने के पश्चात् भट्ठी में प्रगलन करने पर अशुद्ध धातु और गंधक का मिश्रण मिलता है। इस मिश्रण से बेसमर संपरिवर्तक द्वारा 70 प्रतिशत निकिल की मिश्रधातु प्राप्त करते हैं। यह अशुद्ध धातु अनेक औद्योगिक एवं घरेलू उपयोगों में आती है। विशुद्ध निकिल विद्युद्विश्लेषण अथवा मांड प्रक्रिया द्वारा प्राप्त होता है। विद्युद्विश्लेषण क्रिया में अशुद्ध निकिल धनाग्र के रूप में प्रयुक्त होता है, जो निकिल सल्फेट के विलयन में डूबा रहता है। शुद्ध निकिल ऋणाग्र पर जमा हो जाता है। इस क्रिया में बचे अपद्रव्यों से अनेक बहुमूल्य धातुएँ (जैसे चाँदी, स्वर्ण, प्लेटिनम धातुएँ) निकाली जाती हैं। मांड प्रक्रिया में निकिल धातु पर कार्बन मोनॉक्साइड की प्रक्रिया से निकिल कार्बोनिल [पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {N}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {i}} (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {C}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {O}} )4] बनाते हैं। इसके वाष्प को अलग प्रकोष्ठों में ले जाकर 180 रू सें. ताप पर रखने से उसका विघटन होकर विशुद्ध निकिल प्राप्त होता है।
भौतिक गुण
- निकिल हलका पीला रंग लिए श्वेत रंग की धातु है।
- निकिल की परमाणु संख्या 28, परमाणु भार 58.71, गलनांक 1453° सेंटीग्रेड, क्वथनांक 2730° सेंटीग्रेड, घनत्त्व 8.9 ग्रा.घ. सेंमी. होता है।
- निकिल के गलन की गुप्त ऊष्मा 74 कैलरी, परमाणु व्यास 2.49 ऐंग्स्ट्रॉम[1], आयनीकरण विभव 7.63, विद्युत्प्रतिरोध 6.84 (20° सेंटीग्रेड) माइक्रोओह्म सेंमी. होता है।
- निकिल के कुछ गुण लोहे के समान और कुछ ताम्र के समान हैं।
- निकिल अम्लों से मंद गति में अभिक्रिया करता है और द्विसंयोजी यौगिक बनाता है। क्षार द्वारा निकिल अप्रभावित रहता है।
ऑक्साइड
- निकिल ऑक्साइड (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {N}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {i}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {O}} ) निकिल का स्थायी ऑक्साइड है। यह ऑक्साइड, सल्फाइड, कार्बोंनेट या नाइट्रेट को गरम करके बनाया जा सकता है। यह अम्लों में विलेय है।
- निकिल लवणों पर क्षार की अभिक्रिया से निकिल हाइड्रॉक्साइड, [पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {N}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {i}} (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {O}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {H}} )2] बनता है।
- निकिल ऑक्साइड हलके रंग के अवक्षेप के रूप में प्रकट होता है। ऐमोनिया की क्रिया से यह [पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {N}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {i}} (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {N}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {H}} 3)4]+ + आयन बनाता है जो जल में घुल जाता है।
सल्फेट के यौगिक
किल पर सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया द्वारा निकिल सल्फेट बनाया जाता है। इसके क्रिस्टल (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {N}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {i}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {S}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {O}} 4, 7पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {H}} 2पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {O}} ) हरे रंग के होते हैं। ये 300° सें. ताप पर अजल निकिल सल्फेट (NiSO4) में परिवर्तित हो जाते हैं। निकिल क्लोराइड (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {N}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {i}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {C}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {l}} 2, 6पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {H}} 2पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {O}} ) और इट्रेट [पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {N}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {i}} (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {N}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {O}} 3)2, पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {H}} 2पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {O}} ], दोनों गरम करने पर जल के अणु मुक्त कर देते हैं। सल्फेट तथा नाइट्रेट उच्च ताप पर विघटित होकर निकिल ऑक्साइड बनाते हैं।
- कलिलीय गुण
निकिल अनेक कार्बनिक अम्लों से अभिक्रिया करके लवण बनाता है। उच्च अणु भार के अम्लों द्वारा बने निकिल के लवणों में कलिलीय गुण होते हैं।
- संकीर्ण यौगिक
निकिल अनेक संकीर्ण यौगिक बनाता है। इसके कार्बनिक अथवा अकार्बनिक दोनों प्रकार के संकीर्ण यौगिक ज्ञात हैं, जिनमें कुछ जैसे निकिल डाइमिथाल ग्लाइऑक्ज़ाइम,[2] वैश्लेषिक तथा भारात्मक विश्लेषण में उपयुक्त होते हैं।
- विचित्र पदार्थ
निकिल कार्बोंनिल [पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {N}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {i}} (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {C}} पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathrm {O}} )4] एक विचित्र पदार्थ है, जो सामान्य ताप पर निकिल पर कार्बन मोनॉक्साइड प्रवाहित करने से बन सकता है। यह रंगरहित द्रव है, जिसका क्वथनांक 43° सेंटीग्रेड है। 60° सेंटीग्रेड पर इसका विघटन प्रारंभ हो जाता है। वह विषैला पदार्थ है और इसके वाष्प से बचाव आवश्यक है।
उपयोग
- मिश्रधातुओं के निर्माण में निकिल का बहुत उपयोग होता है। इस्पात उद्योग में निकिल का महत्वपूर्ण स्थान है।
- निकिल-इस्पात कठोर होने के कारण मोटरकार, जलयान, वायुयान तथा रेल इंजन बनाने के उद्योगों में बहुत काम आता है।
- विभिन्न अविकारी इस्पातों में 2 से लेकर 25 प्रतिशत तक निकिल उपस्थित रहता है।
- निकिल मिश्रधातुओं का उपयोग सिक्कों में प्रतिरोधकों में और अन्य घरेलू वस्तुओं में होता है। जर्मनसिल्वर निकिल और ताम्र द्वारा बनी मिश्रधातु है।
- चूर्ण अवस्था में निकिल उत्प्रेरक का अनेक रासायनिक क्रियाओं में सफल उपयोग हुआ है।
- अनेक कार्बनिक पदार्थों के हाइड्रोजनीकरण उद्योगों में[3] यह उत्तम उत्प्रेरक सिद्ध हुआ है।
- निकिल उत्प्रेरक बनाने की अनेक क्रियाएँ हैं, जिनमें निकिल के यौगिकों जैसे निकिल हाइड्रॉक्साइड, निकिल नाइट्रेट आदि का विशेष विधियों द्वारा विघटन किया जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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