"करहिया की रायसौ": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('*करहिया की रायसौ नामक रासो काव्य सं. 1934 की रचना है। *इ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*करहिया की रायसौ नामक [[रासो काव्य]] सं. 1934 की रचना है।  
करहिया की रायसौ नामक [[रासो काव्य]] सं. 1934 की रचना है। इसके रचयिता कवि गुलाब हैं, जिनके वंशज 'माथुर चतुर्वेदी चतुर्भुज वैद्य आंतरी' ज़िला [[ग्वालियर]] में निवास करते थे।  
*इसके रचयिता कवि गुलाब हैं, जिनके वंशज 'माथुर चतुर्वेदी चतुर्भुज वैद्य आंतरी' ज़िला [[ग्वालियर]] में निवास करते थे।  
*श्री चतुर्भुज जी के वंशज श्री रघुनन्दन चतुर्वेदी आज भी आन्तरी ग्वालियर में ही निवास करते हैं, जिनके पास इस ग्रन्थ की एक प्रति वर्तमान है।  
*श्री चतुर्भुज जी के वंशज श्री रघुनन्दन चतुर्वेदी आज भी आन्तरी ग्वालियर में ही निवास करते हैं, जिनके पास इस ग्रन्थ की एक प्रति वर्तमान है।  
*इसमें करहिया के परमारों एवं [[भरतपुर]] के राजा [[जवाहर सिंह]] के बीच हुए एक युद्ध का वर्णन है।<ref>{{cite web |url=http://knowhindi.blogspot.com/2011/02/blog-post_4165.html |title=रासो काव्य : वीरगाथायें|accessmonthday=15 मई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
*इसमें करहिया के परमारों एवं [[भरतपुर]] के राजा [[जवाहर सिंह]] के बीच हुए एक युद्ध का वर्णन है।<ref>{{cite web |url=http://knowhindi.blogspot.com/2011/02/blog-post_4165.html |title=रासो काव्य : वीरगाथायें|accessmonthday=15 मई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
पंक्ति 6: पंक्ति 5:




{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==सम्बंधित लेख==
==सम्बंधित लेख==
{{रासो काव्य}}
{{रासो काव्य}}
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:आदि_काल]][[Category:साहित्य_कोश]]
[[Category:आदि_काल]][[Category:साहित्य_कोश]]
[[Category:रासो_काव्य]]
[[Category:रासो_काव्य]]
__INDEX__
__INDEX__

08:22, 22 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण

करहिया की रायसौ नामक रासो काव्य सं. 1934 की रचना है। इसके रचयिता कवि गुलाब हैं, जिनके वंशज 'माथुर चतुर्वेदी चतुर्भुज वैद्य आंतरी' ज़िला ग्वालियर में निवास करते थे।

  • श्री चतुर्भुज जी के वंशज श्री रघुनन्दन चतुर्वेदी आज भी आन्तरी ग्वालियर में ही निवास करते हैं, जिनके पास इस ग्रन्थ की एक प्रति वर्तमान है।
  • इसमें करहिया के परमारों एवं भरतपुर के राजा जवाहर सिंह के बीच हुए एक युद्ध का वर्णन है।[1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रासो काव्य : वीरगाथायें (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 मई, 2011।

सम्बंधित लेख