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12:49, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यह व्रत किया जाता है।
- यह व्रत चार अवधियों में विभाजित होता है और एक वर्ष तक किया जाता है।
- दर्भों से निर्मित उमा एवं महादेव की पूजा की जाती है।
- प्रत्येक मास में पुष्पों, नैवेद्य, धूप एवं देव-नामों में अन्तर रखा जाता है।
- वर्ष के अन्त में एक ब्राह्मण एवं उसकी पत्नी का भोजन दिया जाता है, दो सोने की गाय दी जाती हैं।
- इस व्रत से पुत्र की प्राप्ति होती है।
- शिवलोक अथवा मोक्ष की उपलब्धी भी होती है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 245-258); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1|841-844, भविष्य पुराण से उद्धरण
अन्य संबंधित लिंक
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