"सर जॉन शोर": अवतरणों में अंतर
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*'''सर जॉन शोर''' 1793 से 1798 ई. तक [[भारत]] | *'''सर जॉन शोर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sir John Shore'', जन्म- [[5 अक्टूबर]], 1751; मृत्यु- [[14 फ़रवरी]], [[1834]]) सन 1793 से 1798 ई. तक [[भारत]] का [[गवर्नर-जनरल]] रहा।<br /> | ||
*जॉन शोर के समय में ब्रिटिश संसद ने 1793 ई. का [[चार्टर एक्ट]] पास किया था। | |||
* | *सर जॉन शोर के काल में निज़ाम और [[मराठा|मराठों]] के बीच 1795 ई. में 'खुर्दा का युद्ध' लड़ा गया। इस समय जॉन शोर ने हस्तक्षेप की नीति का पालन किया। उसने केवल [[अवध]] के मामलें में हस्तक्षेप किया। | ||
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*[[आसफ़उद्दौला]] की मुत्यु के बाद अवध में उत्तराधिकार की समस्या शुरू हो गयी थी। | *[[आसफ़उद्दौला]] की मुत्यु के बाद अवध में उत्तराधिकार की समस्या शुरू हो गयी थी। | ||
*आसफ़द्दौला वज़ीर अली को नवाब बनाना चाहता था, किन्तु सर जॉन शोर ने उसकी एक न चलने दी। | *आसफ़द्दौला वज़ीर अली को नवाब बनाना चाहता था, किन्तु सर जॉन शोर ने उसकी एक न चलने दी। उसने आसफ़उद्दौला के दूसरे पुत्र सआदत अली को नवाब घोषित किया एवं उसके साथ संधि कर ली। | ||
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09:38, 19 मार्च 2020 के समय का अवतरण
- सर जॉन शोर (अंग्रेज़ी: Sir John Shore, जन्म- 5 अक्टूबर, 1751; मृत्यु- 14 फ़रवरी, 1834) सन 1793 से 1798 ई. तक भारत का गवर्नर-जनरल रहा।
- जॉन शोर के समय में ब्रिटिश संसद ने 1793 ई. का चार्टर एक्ट पास किया था।
- सर जॉन शोर के काल में निज़ाम और मराठों के बीच 1795 ई. में 'खुर्दा का युद्ध' लड़ा गया। इस समय जॉन शोर ने हस्तक्षेप की नीति का पालन किया। उसने केवल अवध के मामलें में हस्तक्षेप किया।
- आसफ़उद्दौला की मुत्यु के बाद अवध में उत्तराधिकार की समस्या शुरू हो गयी थी।
- आसफ़द्दौला वज़ीर अली को नवाब बनाना चाहता था, किन्तु सर जॉन शोर ने उसकी एक न चलने दी। उसने आसफ़उद्दौला के दूसरे पुत्र सआदत अली को नवाब घोषित किया एवं उसके साथ संधि कर ली।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख