"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-घ": अवतरणों में अंतर

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|28- घी घना मुट्ठी चना।
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|29- घी के दिये जलना।
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09:59, 8 अगस्त 2011 का अवतरण

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कहावत लोकोक्ति मुहावरे अर्थ

1- घर में नहीं हैं दाने और अम्मा चली भुनाने।

अर्थ -झूठी शान दिखाना, न होने पर ढोंग करना।

2- घड़ी में घर जले, अढ़ाई घड़ी भद्रा।

अर्थ - संकट को होशियारी से दूर करें।

3- घड़ी में तोला, घड़ी में माशा।

अर्थ - चंचल मन वाला।

4- घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते।

अर्थ - घर में आने वाले का सत्कार करना चाहिए।

5- घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध।

अर्थ - अपने घर में योग्यता का आदर नहीं होता और बाहर का व्यक्ति योग्य समझा जाता है।

6- घर का भेदी लंका ढाए।

अर्थ - घर की फूट का परिणाम बुरा होता है।

7- घर की खांड़ किरकिरी, लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा।

अर्थ - अपनी वस्तु़ ख़राब लगती है और दूसरे की अच्छी।

8- घर की मुर्गी दाल बराबर।

अर्थ - अपनी चीज़ या अपने आदमी की कदर नहीं होती।

9- घर खीर तो, बाहर खीर।

अर्थ - अपने पास कुछ हो तो, बाहर भी आदर होता है।

10- घर का घोड़ा, नखास मोल।

अर्थ - चीज़ घर में पड़ी है और उसकी कोई कीमत नहीं है।

11- घायल की गति घायल जाने।

अर्थ - जो कष्ट भोगता है वही दूसरों का कष्ट समझता है।।

12- घी कहाँ गया ? खिचड़ी में।

अर्थ - वस्तु का प्रयोग ठीक जगह हो गया।

13- घी सँवारे काम, बड़ी बहू का नाम।

अर्थ - काम तो साधन से हुआ, नाम करने वाले का हो गया।

14- घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या।

अर्थ - पेशेवर को किसी की से रियायत नहीं करनी चाहिए।

15- घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा।

अर्थ - उन्नति करके आदमी अपना ही भला करता है।

16- घोड़े को लात, आदमी को बात।

अर्थ - उत्तम वस्तु थोड़ी भी हो तो अच्छी है।।

17- घडियाँ गिनना।

अर्थ - बेचैनी से प्रतीक्षा करना।

18- घड़ों पानी पड़ जाना।

अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना।

19- घर काट खाने को आना।

अर्थ - अकेलापन अखरना।

20- घर का न घाट का।

अर्थ - कहीं का भी नहीं रहना।

21- घर फूँक तमाशा देखना।

अर्थ - अपनी हानि करके मौज उड़ाना।

22- घर में गंगा बहना।

अर्थ - अच्छी चीज़ पास ही में मिल जाना।

23- घाव पर नमक छिड़कना।

अर्थ - दु:खी को और दु:खी करना।

24- घाव हरा करना।

अर्थ - भूले हुए दु:ख की याद दिलाना।

25- घास काटना।

अर्थ - फूहड़ काम करना। ।

26- घास छीलना।

अर्थ - व्यर्थ समय गवाँना।।

27- घिग्घी बँधना।

अर्थ - स्पष्ट बोल न सकना।

28- घी घना मुट्ठी चना।

अर्थ - जो मिल जाए उसी पर संतुष्ट रहना चाहिए।

29- घी के दिये जलना।

अर्थ - आनंद मंगल होना, खुशियाँ मनाना।

30- घी खिचड़ी होना।

अर्थ - खूब मिल- जुल जाना।।

31- घोंघा बसंत।

अर्थ - मूर्ख होना।

32- घोड़े बेचकर सोना।

अर्थ - निश्चिंत हो जाना।