"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-व": अवतरणों में अंतर
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जहां परे खेत की लार, बढनी लेके बहारों सार | जहां परे खेत की लार, बढनी लेके बहारों सार | ||
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अर्थ - बैल को ख़रीदते समय खेरे किस्म के बैल के दांत नहीं देखने चाहिएं, क्योंकि खेरे बैल की जहां खुर पड़ जाती है वहाँ सर्वनाश हो जाता है। जहाँ खेरे बैल की लार पड़ जाए वहाँ तुरंत | अर्थ - बैल को ख़रीदते समय खेरे किस्म के बैल के दांत नहीं देखने चाहिएं, क्योंकि खेरे बैल की जहां खुर पड़ जाती है वहाँ सर्वनाश हो जाता है। जहाँ खेरे बैल की लार पड़ जाए वहाँ तुरंत साफ़ कर देना चाहिए वरना रोग दूसरे जानवर को लग जाते हैं। | ||
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|2- वही किसानों में है पूरा, जो छोड़ै हड्डी का चूरा। | |2- वही किसानों में है पूरा, जो छोड़ै हड्डी का चूरा। |
14:11, 29 जनवरी 2013 का अवतरण
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कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
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1- वरद विसावन जावों कंता, खेरा का जिन देखा दंता, |
अर्थ - बैल को ख़रीदते समय खेरे किस्म के बैल के दांत नहीं देखने चाहिएं, क्योंकि खेरे बैल की जहां खुर पड़ जाती है वहाँ सर्वनाश हो जाता है। जहाँ खेरे बैल की लार पड़ जाए वहाँ तुरंत साफ़ कर देना चाहिए वरना रोग दूसरे जानवर को लग जाते हैं। |
2- वही किसानों में है पूरा, जो छोड़ै हड्डी का चूरा। |
अर्थ - |
3- विष की गाँठ। |
अर्थ - उपद्रवी, खोटा होना। |
4- विष घोलना। |
अर्थ - गड़बड़ पैदा करना। |