"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-उ": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} {| class="wikitable" |- !कहावत लोकोक्ति म...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 46: पंक्ति 46:
|-
|-
|}
|}
[[Category:कहावत_लोकोक्ति_मुहावरे]]
__INDEX__

20:35, 9 मई 2010 का अवतरण

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र
कहावत लोकोक्ति मुहावरे अर्थ

1-उत्रा उत्तर दै गयी, हस्त गयो मुख मोरि।
भली विचारी चित्तरा, परजा लेइ बहोरि।।

अर्थ - उत्तर नक्षत्र ने जवाब दे दिया और हस्त नक्षत्र भी मुंह मोड़कर चला गया। चित्रा नक्षत्र ही अच्छा है जो कि प्रजा को बसा लेता है अर्थात यदि उत्तरा और हस्त नक्षत्र में पानी न बरसे और चित्रा नक्षत्र में पानी बरस जाता है तो उपज अच्छी होती है।

2- उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।

अर्थ - दोषी होने पर भी दोषी बताना।

3- उँगली पकड़ते ही पहुँचा पकड़ना।

अर्थ - थोड़ा सा आसरा पाकर पूर्ण अधिकार पाने की हिम्मत बढ़ना।

4- उगले तो अंधा, खाए तो कोढ़ी।

अर्थ - दुविधा में पड़ जाना।

5- उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई।

अर्थ - इज्ज़त न रहने पर आदमी निर्लज्ज हो जाता है, उसे मान अपमान का ध्यान नहीं रहता है।

6- उत्तर जाएं कि दक्खिन, वही करम के लक्ख़न।

अर्थ - भाग्य और दुर्भाग्य हर जगह साथ देता है, व्यक्ति कहीं भी रहे।

7- उपजति एक संग जल माही,

जलज जोंक जिमि गुण विलगाही

अर्थ - एक पिता के बेटे भी एक जैसे नहीं होते अर्थात मूल एक होने पर भी विभिन्नताएँ देखने को मिलती हैं।

8- उलटी गंगा पहाड़ चली।

अर्थ - असंभव या विपरीत बात होना, असंभव काम करने की कोशिश करना।

9- उलटे बाँस बरेली को।

अर्थ - विपरीत कार्य करना, असंभव काम करने की कोशिश करना।