"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-च": अवतरणों में अंतर
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|35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले। | |35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले। | ||
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अर्थ - | अर्थ - ज़बरदस्त आदमी से दो व्यक्ति हार जाते हैं। | ||
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|36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो। | |36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो। |
12:30, 11 मई 2010 का अवतरण
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
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1- चोर की दाढ़ी में तिनका होना। |
अर्थ -मन में पाप रखने वाला नज़रें नहीं मिला पाता। |
2- चोर चोरी से जाये, हेरा-फेरी से न जाये। |
अर्थ - बुरी आदतें मुश्किल से दूर होती हैं। |
3- चक्की में कौर डालोगे तो चून पाओगे। |
अर्थ - कुछ करोगे तो फल मिलेगा। |
4- चट मँगनी पट ब्याह। |
अर्थ - तत्काल कार्य होना। |
5- चढ़ जा बेटा सूली पर, भली करेंगे राम। |
अर्थ - किसी के कहने पर विपत्ति में पड़ना। |
6- चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए। |
अर्थ - दोषी के साथ कहीं निर्दोष न मारा जाए। |
7- चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटके तुम भी लटको। |
अर्थ - गरीब आदमी क्या आवभगत करेगा। |
8- चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए। |
अर्थ - बहुत कंजूसी करना। |
9- चमार चमड़े का यार। |
अर्थ - स्वार्थी व्यक्ति होना।। |
10- चरसी यार किसके दम लगाया खिसके। |
अर्थ - एकदम स्वार्थी होना। आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।। |
11- चलती का नाम गाड़ी है। |
अर्थ - जिसका काम चल निकले, उसी का बोलबाला है। |
12- चाँद को भी ग्रहण लगता है। |
अर्थ - कभी भले आदमी की भी बदनामी हो जाती है। |
13- चाकरी में न करी क्याद। |
अर्थ - नौकरी में स्वामी की आज्ञा माननी पड़ती है। |
14- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात। |
अर्थ - सुख थोड़े ही दिन का होता है। |
15- चिकना मुँह पेट खाली। |
अर्थ - देखने में अच्छा–भला भीतर से दु:खी होना। |
16- चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता। |
अर्थ - निर्लज्ज आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता है। |
17- चिकने मुँह को सब चूमते हैं। |
अर्थ - ऊँचे आदमी के सब यार हैं। |
18- चित भी मेरी पट भी मेरी। |
अर्थ - हर हालत में मेरा ही लाभ। |
19- चिराग तले अँधेरा। |
अर्थ - पास की चीज़ दिखाई न पड़ना। |
20- चिराग में बत्ती और आँख पे पट्टी। |
अर्थ - शाम होते ही सोने लगना। |
21- चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं। |
अर्थ - घमंड करने से नाश होता है।। |
22- चील के घोसले में मांस कहाँ। |
अर्थ - यहाँ कुछ भी नहीं बचा रह सकता। |
23- चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वह भी परी है। |
अर्थ - जो चीज़ पसंद हो वह सब से अच्छी मान लेना। |
24- चुल्लू़ भर पानी में डूब मरना। |
अर्थ - शर्म आना। |
25- चुल्लून–चुल्लू साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा। |
अर्थ - थोड़ा-थोड़ा जमा करके अमीर हो जाओगे। |
26- चूल्हे की न चक्की की। |
अर्थ -घर का कोई काम न करना। |
27- चूहे का बच्चा बिल ही खोदता है। |
अर्थ - जन्मजात कार्य, स्वभाव नहीं बदलता। |
28-चूहे के नाम से कहीं नगाड़े मढ़े जाते हैं। |
अर्थ - थोड़ी वस्तु से बड़ा काम नहीं हो सकता। |
29- चूहों की मौत बिल्ली का खेल। |
अर्थ - किसी को कष्ट देकर मौज करना।। |
30- चोट्टी कुतिया जलेबियों की रखवाली पर। |
अर्थ - चोर को रक्षा करने के कार्य पर लगाना। |
31- चोर के पैर नहीं होते। |
अर्थ - दोषी व्यक्ति अपने आप फंसता है। |
32- चोर-चोर मौसेरे भाई। |
अर्थ - एक जैसे बदमाश का मेल हो जाता है। |
33- चोर–चोरी से गया तो क्या हेरा-फेरी से भी गया। |
अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही। |
34- चोर –चोरी से जाए, हेरा-फेरी न जाए। |
अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही। |
35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले। |
अर्थ - ज़बरदस्त आदमी से दो व्यक्ति हार जाते हैं। |
36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो। |
अर्थ - दो पक्षों को लड़ाने वाला। |
37- चोरी और सीनाजोरी। |
अर्थ - एक तो अपराध उस पर अकड़ दिखाना। |
38- चोरी का धन मोरी में। |
अर्थ - हराम की कमाई बेकार जाती है। |
39- चौबे जी गए छब्बे जी बनने, दूबे जी ही रह गए। |
अर्थ - अधिक पाने के लालच में अपना सब कुछ गँवा बैठे। |