"मार दी तुझे पिचकारी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला": अवतरणों में अंतर

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<poem>मार दी तुझे पिचकारी,
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मार दी तुझे पिचकारी,
कौन री, रँगी छबि यारी ?
कौन री, रँगी छबि यारी ?


  फूल -सी देह,-द्युति सारी,
फूल -सी देह,- द्युति सारी,
  हल्की तूल-सी सँवारी,
हल्की तूल-सी सँवारी,
  रेणुओं-मली सुकुमारी,
रेणुओं-मली सुकुमारी,
  कौन री, रँगी छबि वारी ?
कौन री, रँगी छबि वारी ?


मुसका दी, आभा ला दी,
मुसका दी, आभा ला दी,
उर-उर में गूँज उठा दी,
उर-उर में गूँज उठा दी,
  फिर रही लाज की मारी,
फिर रही लाज की मारी,
  मौन री रँगी छबि प्यारी।</poem>
मौन री रँगी छबि प्यारी।
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11:10, 23 अगस्त 2011 का अवतरण

मार दी तुझे पिचकारी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
जन्म 21 फ़रवरी, 1896
जन्म स्थान मेदनीपुर ज़िला, बंगाल (पश्चिम बंगाल)
मृत्यु 15 अक्टूबर, सन 1961
मृत्यु स्थान प्रयाग, भारत
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की रचनाएँ

मार दी तुझे पिचकारी,
कौन री, रँगी छबि यारी ?

फूल -सी देह,- द्युति सारी,
हल्की तूल-सी सँवारी,
रेणुओं-मली सुकुमारी,
कौन री, रँगी छबि वारी ?

मुसका दी, आभा ला दी,
उर-उर में गूँज उठा दी,
फिर रही लाज की मारी,
मौन री रँगी छबि प्यारी।












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