"भारती वन्दना -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Suryakant Tripathi...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 31: पंक्ति 31:
{{Poemopen}}
{{Poemopen}}
<poem>
<poem>
भारति, जय, विजय करे
भारती, जय, विजय करे
कनक - शस्य - कमल धरे!
कनक - शस्य - कमल धरे!


पंक्ति 40: पंक्ति 40:


तरु-तण वन - लता - वसन
तरु-तण वन - लता - वसन
अंचल में खचित सुमन,
अंचल में संचित सुमन,
गंगा ज्योतिर्जल - कण
गंगा ज्योतिर्जल - कण
धवल - धार हार लगे!
धवल - धार हार लगे!

10:01, 25 अगस्त 2011 का अवतरण

भारती वन्दना -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
जन्म 21 फ़रवरी, 1896
जन्म स्थान मेदनीपुर ज़िला, बंगाल (पश्चिम बंगाल)
मृत्यु 15 अक्टूबर, सन 1961
मृत्यु स्थान प्रयाग, भारत
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की रचनाएँ

भारती, जय, विजय करे
कनक - शस्य - कमल धरे!

लंका पदतल - शतदल
गर्जितोर्मि सागर - जल
धोता शुचि चरण - युगल
स्तव कर बहु अर्थ भरे!

तरु-तण वन - लता - वसन
अंचल में संचित सुमन,
गंगा ज्योतिर्जल - कण
धवल - धार हार लगे!

मुकुट शुभ्र हिम - तुषार
प्राण प्रणव ओंकार,
ध्वनित दिशाएँ उदार,
शतमुख - शतरव - मुखरे!




संबंधित लेख