"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-भ": अवतरणों में अंतर
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अर्थ - भादों सुदी छट को अनुराधा नक्षत्र हो तब अनुपजाऊ धरती में भी धान बो देने से उपज हो जाती है। | अर्थ - भादों सुदी छट को अनुराधा नक्षत्र हो तब अनुपजाऊ धरती में भी धान बो देने से उपज हो जाती है। | ||
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|2- भई हल लगा बस पाताल, न पड़े जगत और घर काल। | |2- भई हल लगा बस पाताल,<br /> | ||
न पड़े जगत और घर काल। | |||
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अर्थ - किसानों को धरती में हल खूब धंसा कर जमीन को जोतना चाहिए, इससे संसार में अकाल कभी नहीं पड़ेगा। | अर्थ - किसानों को धरती में हल खूब धंसा कर जमीन को जोतना चाहिए, इससे संसार में अकाल कभी नहीं पड़ेगा। |
07:07, 14 मई 2010 का अवतरण
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कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
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1- भादों की छठ चांदनी, जो अनुराधा होय। |
अर्थ - भादों सुदी छट को अनुराधा नक्षत्र हो तब अनुपजाऊ धरती में भी धान बो देने से उपज हो जाती है। |
2- भई हल लगा बस पाताल, न पड़े जगत और घर काल। |
अर्थ - किसानों को धरती में हल खूब धंसा कर जमीन को जोतना चाहिए, इससे संसार में अकाल कभी नहीं पड़ेगा। |
3- भागते भूत की लँगोटी ही सही। |
अर्थ - कुछ भी मिलने की उम्मीद न हो और कुछ मिल जाए। |
4- भगीरथ प्रयत्न। |
अर्थ - भारी कोश। |
5- भाड़ झोंकना। |
अर्थ - समय व्यर्थ खोना। |
6- भाड़े का टट्टू। |
अर्थ - पैसे लेकर ही काम करने वाला। |
7- भिड़(बर्र) के छत्ते को छेड़ना। |
अर्थ - चिड़चिड़े आदमी को चिढ़ाना। |
8- भीगी बिल्ली़ बनना। |
अर्थ - सहम जाना। |
9- भेडि़या धसान। |
अर्थ - अंधानुकरण। |
10- भैंस के आगे बीन बजाना। |
अर्थ - नासमझ आदमी को उपदेश देना। |