"प्रियतम से -सुभद्रा कुमारी चौहान": अवतरणों में अंतर

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मत रूठो मेरे अभिमानी।
मत रूठो मेरे अभिमानी।
लो प्रसन्न हो जाओ
लो प्रसन्न हो जाओ
गलती मैंने अपनी सब मानी॥
ग़लती मैंने अपनी सब मानी॥


मैं भूलों की भरी पिटारी
मैं भूलों की भरी पिटारी

14:20, 1 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण

प्रियतम से -सुभद्रा कुमारी चौहान
सुभद्रा कुमारी चौहान
सुभद्रा कुमारी चौहान
कवि सुभद्रा कुमारी चौहान
जन्म 16 अगस्त, 1904
जन्म स्थान इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 15 फरवरी, 1948
मुख्य रचनाएँ 'मुकुल', 'झाँसी की रानी', बिखरे मोती आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएँ

बहुत दिनों तक हुई परीक्षा
अब रूखा व्यवहार न हो।
अजी, बोल तो लिया करो तुम
चाहे मुझ पर प्यार न हो॥

जरा जरा सी बातों पर
मत रूठो मेरे अभिमानी।
लो प्रसन्न हो जाओ
ग़लती मैंने अपनी सब मानी॥

मैं भूलों की भरी पिटारी
और दया के तुम आगार।
सदा दिखाई दो तुम हँसते
चाहे मुझ से करो न प्यार॥

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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