"प्रयाग तीर्थ मथुरा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
छो (Text replace - "{{यमुना के घाट मथुरा}}" to "{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}") |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
==अन्य लिंक== | ==अन्य लिंक== | ||
{{ | {{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} | ||
[[Category:ब्रज]] | [[Category:ब्रज]] |
10:22, 16 जून 2010 का अवतरण
- यहाँ तीर्थराज प्रयाग भगवद् आराधना करते हैं। यहीं पर प्रयाग के वेणीमाधव नित्य अवस्थित रहते हैं। यहाँ स्नान करने वाले अग्निष्टोम आदि का फल प्राप्त कर वैकुण्ठ धाम को प्राप्त होते हैं।
प्रयागनामतीर्थं तु देवानामपि दुर्ल्लभम् ।
तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! अग्निष्टोमफलं लभेत ।।
इतिहास
यहाँ बेनी माधव व रामेश्वर महादेव की मूर्तियाँ स्थापित हैं ।
वास्तु
यहाँ बिना छतरी के दो बुर्ज मात्र ही बचे हैं । इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है ।