"सम्भल": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''सम्भल''' [[उत्तर प्रदेश]] के मुरादाबाद ज़िले में स्थित एक प्राचीन तीर्थ स्थल है। | |||
*[[टॉलमी]] द्वारा उल्लिखित संबकल को संभल से समीकृत किया जाता है। | *[[टॉलमी]] द्वारा उल्लिखित संबकल को संभल से समीकृत किया जाता है। | ||
*यहाँ ऐसी पौराणिक मान्यता है कि [[कलियुग]] में कल्कि अवतार शंबल नामक ग्राम में होगा। | *यहाँ ऐसी पौराणिक मान्यता है कि [[कलियुग]] में कल्कि अवतार शंबल नामक ग्राम में होगा। | ||
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}} | {{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]] [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] [[Category:उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]] | [[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]] [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] [[Category:उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
05:14, 9 फ़रवरी 2012 का अवतरण
सम्भल उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले में स्थित एक प्राचीन तीर्थ स्थल है।
- टॉलमी द्वारा उल्लिखित संबकल को संभल से समीकृत किया जाता है।
- यहाँ ऐसी पौराणिक मान्यता है कि कलियुग में कल्कि अवतार शंबल नामक ग्राम में होगा।
- लोक मान्यता में सम्भल को ही शंबल माना जाता है।
- मध्यकाल में सम्भल का सामरिक महत्त्व बढ़ गया, क्योंकि यह आगरा व दिल्ली के निकट है।
- सम्भल की जागीर बाबर के आक्रमण के समय अफ़गान सरदारों के हाथ में थी।
- बाबर ने हुमायूँ को संभल की जागीर दी लेकिन वहाँ वह बीमार हो गया, अतः आगरा लाया गया।
- इस प्रकार बाबर के बाद हुमायूँ ने साम्राज्य को भाइयों में बाँट दिया और सम्भल अस्करी को मिला।
- शेरशाह सूरी ने हुमायूँ सूरी को खदेड़ दिया और अपने दामाद मुबारिज़ ख़ाँ को सम्भल की जागीर दी।
- अब्बास ख़ाँ शेरवानी के अनुसार बाबर के सेनापतियों ने यहाँ कई मन्दिरों को तोड़ा था और जैन मूर्तियों का खण्डन किया था।