"वृषभानु": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Barsana-temple-3.jpg|thumb|250px|[[राधा]] रानी जी मन्दिर, [[बरसाना]]]] | |||
*[[राधा]] के पिता तथा [[ब्रज]] के एक प्रतिष्ठित गोप के रूप में प्रसिद्ध हैं। | *[[राधा]] के पिता तथा [[ब्रज]] के एक प्रतिष्ठित गोप के रूप में प्रसिद्ध हैं। | ||
*वृषभानु की पुत्री होने के कारण राधा का नाम वृषभानु कुमारी पड़ा। | *वृषभानु की पुत्री होने के कारण राधा का नाम वृषभानु कुमारी पड़ा। | ||
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*राधावल्लभीय भक्त कवियों ने राधा की शैशव लीलाओं के प्रसंग में वृषभानु के राधा के प्रति वात्सल्य भाव का निरूपण किया है। | *राधावल्लभीय भक्त कवियों ने राधा की शैशव लीलाओं के प्रसंग में वृषभानु के राधा के प्रति वात्सल्य भाव का निरूपण किया है। | ||
*[[वल्लभ संप्रदाय]] की वात्सल्य उपासना पद्धति में जो स्थान [[नन्द]] का है, [[राधावल्लभ सम्प्रदाय]] में वही स्थान वृषभानु का कहा जा सकता है। | *[[वल्लभ संप्रदाय]] की वात्सल्य उपासना पद्धति में जो स्थान [[नन्द]] का है, [[राधावल्लभ सम्प्रदाय]] में वही स्थान वृषभानु का कहा जा सकता है। | ||
==संबंधित लेख== | |||
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11:20, 27 दिसम्बर 2010 का अवतरण
- राधा के पिता तथा ब्रज के एक प्रतिष्ठित गोप के रूप में प्रसिद्ध हैं।
- वृषभानु की पुत्री होने के कारण राधा का नाम वृषभानु कुमारी पड़ा।
- कृष्णभक्ति-काव्य में वृषभानु के चरित्र का गौण स्थान है।
- कृष्णभक्ति के सभी सम्प्रदायों के काव्य में वृषभानु कुमारी के नाम के साथ ही वे जाने जाते रहे है।
- राधावल्लभीय भक्त कवियों ने राधा की शैशव लीलाओं के प्रसंग में वृषभानु के राधा के प्रति वात्सल्य भाव का निरूपण किया है।
- वल्लभ संप्रदाय की वात्सल्य उपासना पद्धति में जो स्थान नन्द का है, राधावल्लभ सम्प्रदाय में वही स्थान वृषभानु का कहा जा सकता है।