"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/अभ्यास": अवतरणों में अंतर
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{[[छत्तीसगढ़]] के [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में कौन-सा अभयारण्य स्थित है?(भारतकोश) | |||
|type="()"} | |||
-[[भोरमदेव अभयारण्य]] | |||
-[[बारनावापारा वन्य जीवन अभयारण्य|बारनवापारा अभयारण्य]] | |||
-[[अचानकमार वन्य जीवन अभयारण्य|अचानकमार अभयारण्य]] | |||
+[[सीतानंदी अभयारण्य]] | |||
||[[चित्र:Chital-Sitanadi-Wildlife-Sanctuary.jpg|right|120px|चीतल, सीतानंदी अभयारण्य]]'सीतानंदी अभयारण्य' [[भारत]] के [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में स्थित एक सर्वाधिक प्रसिद्ध और महत्त्वपूर्ण वन्य जीव अभयारण्य है। इस अभयारण्य की स्थापना वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम- 1972 के तहत [[1974]] में की गई थी। इस अभयारण्य में 556 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में अत्यंत ऊंचे-नीचे पहाड़ और पहाड़ी तराइयाँ हैं, जिनकी ऊंचाई 327-736 मीटर के बीच है। यह सुंदर अभयारण्य सीतानंदी नदी के नाम पर बनाया गया है, जो इस अभयारण्य के बीच से बहती है और देवकूट के पास [[महानदी]] नामक नदी से जुड़ती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सीतानंदी अभयारण्य]] | |||
{[[छत्तीसगढ़]] में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बारूदी सुरंग की घटना से बचने के लिए किस साधन का उपयोग करने की सहमति प्रदान की गई है? | {[[छत्तीसगढ़]] में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बारूदी सुरंग की घटना से बचने के लिए किस साधन का उपयोग करने की सहमति प्रदान की गई है? | ||
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-[[राजनीति]] | -[[राजनीति]] | ||
-[[खेल]] | -[[खेल]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] में 'लक्ष्मण मन्दिर' कहाँ स्थित है?(भारतकोश) | |||
|type="()"} | |||
+[[सिरपुर (छत्तीसगढ़)|सिरपुर]] | |||
-[[डीपाडीह]] | |||
-[[सिहावा]] | |||
-[[चांपा]] | |||
||[[चित्र:Laxman-Temple-Sirpur.jpg|right|100px|लक्ष्मण मन्दिर, सिरपुर]]'सिरपुर' या 'श्रीपुर' या 'सीरपुर' [[छत्तीसगढ़]] राज्य की राजधानी [[रायपुर]] से लगभग 78 कि.मी. दूर [[महानदी]] के तट पर स्थित है। ऐतिहासिक जनश्रुति से विदित होता है कि [[भद्रावती]] के सोमवंशी [[पाण्ड्य]] नरेशों ने भद्रावती को छोड़कर [[सिरपुर (छत्तीसगढ़)|सिरपुर]] बसाया था। यहाँ की उत्तर [[गुप्तकालीन कला और स्थापत्य|गुप्तकालीन कला]] की विशेषता जानने के लिए विशाल 'लक्ष्मण मन्दिर' का वर्णन पर्याप्त है। इसका तोरण 6'×6' है, जिस पर अनेक प्रकार की नक़्क़ाशी की गई हैं। इसके ऊपर शेषशायी [[विष्णु]] की सुन्दर प्रतिमा अवस्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिरपुर (छत्तीसगढ़)|सिरपुर]] | |||
{निम्नलिखित में से [[संगीत]] के 'तालतीय' [[ग्रंथ]] के रचनाकार कौन हैं?351-12 | {निम्नलिखित में से [[संगीत]] के 'तालतीय' [[ग्रंथ]] के रचनाकार कौन हैं?351-12 | ||
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-देव गीत | -देव गीत | ||
{[[छत्तीसगढ़]] में ' | {[[सीताबेंगरा गुफ़ा]] का [[शिलालेख]] किस लिपि में लिखा हुआ है?(भारतकोश) | ||
|type="()"} | |||
-[[शारदा लिपि]] | |||
-[[कलिंग लिपि]] | |||
+[[ब्राह्मी लिपि]] | |||
-[[अरामाइक लिपि]] | |||
||[[छत्तीसगढ़]] राज्य के रामगढ़ के शैलाप्रयों में स्थित [[सीताबेंगरा गुफ़ा|सीताबेंगरा]] नामक गुफ़ा नाट्यशाला के लिए प्रसिद्ध है। रामगढ़ शैलाश्रय के अंतर्गत सीताबेंगरा गुहाश्रय के अन्दर लिपिबद्ध अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर इस नाट्यशाला का निर्माण लगभग दूसरी-तीसरी [[शताब्दी]] ई. पूर्व होने की बात इतिहासकारों एवं पुरात्त्वविदों ने समवेत स्वर में स्वीकार की है। सीताबेंगरा गुफ़ा में एक प्राचीन [[शिलालेख]] भी है, जिस पर '[[ब्राह्मी लिपि]]' में लेख लिखा गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्राह्मी लिपि]] | |||
{पुस्तक 'छत्तीसगढ़ के लोकगीत' के लेखक कौन हैं?358-144 | |||
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+दानेश्वर वर्मा | |||
-श्यामचरण दुबे | |||
-सरयू कालेकर | |||
-शरद कोठारी | |||
{[[छत्तीसगढ़]] में 'अमझोरा' क्या है?358-147 | |||
|type="()"} | |||
+विवाह पद्धति | |||
-एक पेय पदार्थ | |||
-लोक गीत | |||
-[[लोक नृत्य]] | |||
{[[छत्तीसगढ़ी]] लोक गीतों का राजा किसे कहा जाता है?358-149 | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-तेजा गीत को | |||
- | -सुआ गीत को | ||
- | -करमा गीत को | ||
- | +ददरिया को | ||
{[[महानदी]] का उद्गम किस [[पर्वत]] श्रेणी से होता है? | {[[महानदी]] का उद्गम किस [[पर्वत]] श्रेणी से होता है?(भारतकोश) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[पारसनाथ पहाड़ी|पारसनाथ]] | -[[पारसनाथ पहाड़ी|पारसनाथ]] | ||
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||'सिहावा' [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[रायपुर]] के समीप [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में स्थित एक [[पर्वत]] श्रेणी है। इस पर्वत श्रेणी में ही [[महानदी]] का उद्गम होता है। किंवदंती है कि इस स्थान पर पूर्वकाल में श्रृंगी आदि सप्त ऋषियों की तपोभूमि थी, जिनके नाम से प्रसिद्ध कई गुफाएँ पहाड़ियों के उच्च शिखरों पर अवस्थित हैं। सिहावा के खंडहरों से छः मंदिरों के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिहावा]] | ||'सिहावा' [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[रायपुर]] के समीप [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में स्थित एक [[पर्वत]] श्रेणी है। इस पर्वत श्रेणी में ही [[महानदी]] का उद्गम होता है। किंवदंती है कि इस स्थान पर पूर्वकाल में श्रृंगी आदि सप्त ऋषियों की तपोभूमि थी, जिनके नाम से प्रसिद्ध कई गुफाएँ पहाड़ियों के उच्च शिखरों पर अवस्थित हैं। सिहावा के खंडहरों से छः मंदिरों के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिहावा]] | ||
{[[ | {[[छत्तीसगढ़]] में 'तमसई' किस पकवान को कहा जाता है?359-15 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+खीर | |||
- | -हल्वा | ||
-कचौड़ी | |||
- | -मालपुआ | ||
{ | {'मेघनाद पर्व' किस जनजाति द्वारा मनाया जाता है?359-21 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[गोंड]] | |||
- | -बैगा | ||
- | -भतरा | ||
-कमार | |||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
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09:06, 9 अप्रैल 2012 का अवतरण
छत्तीसगढ़
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