"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/अभ्यास": अवतरणों में अंतर
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{[[छत्तीसगढ़]] के [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में कौन-सा अभयारण्य स्थित है? | {[[छत्तीसगढ़]] के [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में कौन-सा अभयारण्य स्थित है? | ||
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-[[भोरमदेव अभयारण्य]] | -[[भोरमदेव अभयारण्य]] | ||
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-उपरोक्त में से कोई नहीं | -उपरोक्त में से कोई नहीं | ||
{[[छत्तीसगढ़]] में 'भरभरी' की प्रसिद्ध गायिका निम्नलिखित में से कौन हैं? | {[[छत्तीसगढ़]] में 'भरभरी' की प्रसिद्ध गायिका निम्नलिखित में से कौन हैं? | ||
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-बासंती देवार | -बासंती देवार | ||
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-प्रभा यादव | -प्रभा यादव | ||
{[[छत्तीसगढ़]] के हबीब तनवीर ने किस माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित की? | {[[छत्तीसगढ़]] के हबीब तनवीर ने किस माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित की? | ||
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-छत्तीसगढ़ लोक संगीत | -छत्तीसगढ़ लोक संगीत | ||
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-[[खेल]] | -[[खेल]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] में 'लक्ष्मण मन्दिर' कहाँ स्थित है? | {[[छत्तीसगढ़]] में 'लक्ष्मण मन्दिर' कहाँ स्थित है? | ||
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+[[सिरपुर (छत्तीसगढ़)|सिरपुर]] | +[[सिरपुर (छत्तीसगढ़)|सिरपुर]] | ||
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||[[चित्र:Laxman-Temple-Sirpur.jpg|right|100px|लक्ष्मण मन्दिर, सिरपुर]]'सिरपुर' या 'श्रीपुर' या 'सीरपुर' [[छत्तीसगढ़]] राज्य की राजधानी [[रायपुर]] से लगभग 78 कि.मी. दूर [[महानदी]] के तट पर स्थित है। ऐतिहासिक जनश्रुति से विदित होता है कि [[भद्रावती]] के सोमवंशी [[पाण्ड्य]] नरेशों ने भद्रावती को छोड़कर [[सिरपुर (छत्तीसगढ़)|सिरपुर]] बसाया था। यहाँ की उत्तर [[गुप्तकालीन कला और स्थापत्य|गुप्तकालीन कला]] की विशेषता जानने के लिए विशाल 'लक्ष्मण मन्दिर' का वर्णन पर्याप्त है। इसका तोरण 6'×6' है, जिस पर अनेक प्रकार की नक़्क़ाशी की गई हैं। इसके ऊपर शेषशायी [[विष्णु]] की सुन्दर प्रतिमा अवस्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिरपुर (छत्तीसगढ़)|सिरपुर]] | ||[[चित्र:Laxman-Temple-Sirpur.jpg|right|100px|लक्ष्मण मन्दिर, सिरपुर]]'सिरपुर' या 'श्रीपुर' या 'सीरपुर' [[छत्तीसगढ़]] राज्य की राजधानी [[रायपुर]] से लगभग 78 कि.मी. दूर [[महानदी]] के तट पर स्थित है। ऐतिहासिक जनश्रुति से विदित होता है कि [[भद्रावती]] के सोमवंशी [[पाण्ड्य]] नरेशों ने भद्रावती को छोड़कर [[सिरपुर (छत्तीसगढ़)|सिरपुर]] बसाया था। यहाँ की उत्तर [[गुप्तकालीन कला और स्थापत्य|गुप्तकालीन कला]] की विशेषता जानने के लिए विशाल 'लक्ष्मण मन्दिर' का वर्णन पर्याप्त है। इसका तोरण 6'×6' है, जिस पर अनेक प्रकार की नक़्क़ाशी की गई हैं। इसके ऊपर शेषशायी [[विष्णु]] की सुन्दर प्रतिमा अवस्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिरपुर (छत्तीसगढ़)|सिरपुर]] | ||
{निम्नलिखित में से [[संगीत]] के 'तालतीय' [[ग्रंथ]] के रचनाकार कौन हैं? | {निम्नलिखित में से [[संगीत]] के 'तालतीय' [[ग्रंथ]] के रचनाकार कौन हैं? | ||
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+राजा चक्रधर सिंह | +राजा चक्रधर सिंह | ||
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-बसंत रानाडे | -बसंत रानाडे | ||
{ऐसा कौन-सा त्यौहार है, जिसमें बच्चे [[पौष मास]] की [[पूर्णिमा]] के दिन एक-दूसरे के घर धान माँगने जाते हैं? | {ऐसा कौन-सा त्यौहार है, जिसमें बच्चे [[पौष मास]] की [[पूर्णिमा]] के दिन एक-दूसरे के घर धान माँगने जाते हैं? | ||
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-आक्ती | -आक्ती | ||
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+छेर-छेरा | +छेर-छेरा | ||
{चुलमाटी, तेलमाटी, मायामौरी, नहहौर, परघनी, भड़ौनी, भांवर दहेज व विदा गीत किस गीत के प्रमुख भाग हैं? | {चुलमाटी, तेलमाटी, मायामौरी, नहहौर, परघनी, भड़ौनी, भांवर दहेज व विदा गीत किस गीत के प्रमुख भाग हैं? | ||
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-सोहर गीत | -सोहर गीत | ||
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-देव गीत | -देव गीत | ||
{[[सीताबेंगरा गुफ़ा]] का [[शिलालेख]] किस लिपि में लिखा हुआ है? | {[[सीताबेंगरा गुफ़ा]] का [[शिलालेख]] किस लिपि में लिखा हुआ है? | ||
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-[[शारदा लिपि]] | -[[शारदा लिपि]] | ||
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||[[छत्तीसगढ़]] राज्य के रामगढ़ के शैलाप्रयों में स्थित [[सीताबेंगरा गुफ़ा|सीताबेंगरा]] नामक गुफ़ा नाट्यशाला के लिए प्रसिद्ध है। रामगढ़ शैलाश्रय के अंतर्गत सीताबेंगरा गुहाश्रय के अन्दर लिपिबद्ध अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर इस नाट्यशाला का निर्माण लगभग दूसरी-तीसरी [[शताब्दी]] ई. पूर्व होने की बात इतिहासकारों एवं पुरात्त्वविदों ने समवेत स्वर में स्वीकार की है। सीताबेंगरा गुफ़ा में एक प्राचीन [[शिलालेख]] भी है, जिस पर '[[ब्राह्मी लिपि]]' में लेख लिखा गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्राह्मी लिपि]] | ||[[छत्तीसगढ़]] राज्य के रामगढ़ के शैलाप्रयों में स्थित [[सीताबेंगरा गुफ़ा|सीताबेंगरा]] नामक गुफ़ा नाट्यशाला के लिए प्रसिद्ध है। रामगढ़ शैलाश्रय के अंतर्गत सीताबेंगरा गुहाश्रय के अन्दर लिपिबद्ध अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर इस नाट्यशाला का निर्माण लगभग दूसरी-तीसरी [[शताब्दी]] ई. पूर्व होने की बात इतिहासकारों एवं पुरात्त्वविदों ने समवेत स्वर में स्वीकार की है। सीताबेंगरा गुफ़ा में एक प्राचीन [[शिलालेख]] भी है, जिस पर '[[ब्राह्मी लिपि]]' में लेख लिखा गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्राह्मी लिपि]] | ||
{पुस्तक 'छत्तीसगढ़ के लोकगीत' के लेखक कौन हैं? | {पुस्तक 'छत्तीसगढ़ के लोकगीत' के लेखक कौन हैं? | ||
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+दानेश्वर वर्मा | +दानेश्वर वर्मा | ||
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-शरद कोठारी | -शरद कोठारी | ||
{[[छत्तीसगढ़]] में 'अमझोरा' क्या है? | {[[छत्तीसगढ़]] में 'अमझोरा' क्या है? | ||
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+विवाह पद्धति | +विवाह पद्धति | ||
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-[[लोक नृत्य]] | -[[लोक नृत्य]] | ||
{[[छत्तीसगढ़ी]] लोक गीतों का राजा किसे कहा जाता है? | {[[छत्तीसगढ़ी]] लोक गीतों का राजा किसे कहा जाता है? | ||
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-तेजा गीत को | -तेजा गीत को | ||
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+ददरिया को | +ददरिया को | ||
{[[महानदी]] का उद्गम किस [[पर्वत]] श्रेणी से होता है? | {[[महानदी]] का उद्गम किस [[पर्वत]] श्रेणी से होता है? | ||
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-[[पारसनाथ पहाड़ी|पारसनाथ]] | -[[पारसनाथ पहाड़ी|पारसनाथ]] | ||
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||'सिहावा' [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[रायपुर]] के समीप [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में स्थित एक [[पर्वत]] श्रेणी है। इस पर्वत श्रेणी में ही [[महानदी]] का उद्गम होता है। किंवदंती है कि इस स्थान पर पूर्वकाल में श्रृंगी आदि सप्त ऋषियों की तपोभूमि थी, जिनके नाम से प्रसिद्ध कई गुफाएँ पहाड़ियों के उच्च शिखरों पर अवस्थित हैं। सिहावा के खंडहरों से छः मंदिरों के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिहावा]] | ||'सिहावा' [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[रायपुर]] के समीप [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में स्थित एक [[पर्वत]] श्रेणी है। इस पर्वत श्रेणी में ही [[महानदी]] का उद्गम होता है। किंवदंती है कि इस स्थान पर पूर्वकाल में श्रृंगी आदि सप्त ऋषियों की तपोभूमि थी, जिनके नाम से प्रसिद्ध कई गुफाएँ पहाड़ियों के उच्च शिखरों पर अवस्थित हैं। सिहावा के खंडहरों से छः मंदिरों के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिहावा]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] में 'तमसई' किस पकवान को कहा जाता है? | {[[छत्तीसगढ़]] में 'तमसई' किस पकवान को कहा जाता है? | ||
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+खीर | +खीर | ||
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-मालपुआ | -मालपुआ | ||
{'मेघनाद पर्व' किस जनजाति द्वारा मनाया जाता है? | {'मेघनाद पर्व' किस जनजाति द्वारा मनाया जाता है? | ||
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+[[गोंड]] | +[[गोंड]] |
09:16, 9 अप्रैल 2012 का अवतरण
छत्तीसगढ़
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