"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-घ": अवतरणों में अंतर
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अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना। | अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना। | ||
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|19- घर काट खाने को | |19- घर काट खाने को आना/घर काटने का दौड़ना। | ||
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अर्थ - अकेलापन अखरना। | अर्थ - अकेलापन अखरना। | ||
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अर्थ - निश्चिंत हो जाना। | अर्थ - निश्चिंत हो जाना। | ||
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|33- घँघोल डालना। | |||
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अर्थ - गँदला या गंदा कर देना। | |||
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|34- घंटा दिखाना। | |||
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अर्थ - ऐसा उत्तर देना या मुद्रा बनाना जिससे आवेदक या इच्छुक पूरी तरह से निराश हो जाए। | |||
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|35- घंटा हिलाना। | |||
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अर्थ - व्यर्थ बैठे रहना, व्यर्थ का काम करना। | |||
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|36- घट-घट में बसना। | |||
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अर्थ - हर एक में व्याप्त होना। | |||
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|37- घंटे मोरछल से उठाना। | |||
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अर्थ - गाजे-बाजे के साथ किसी भाग्यवान की अर्थी निकालना। | |||
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|38- घड़ियाँ गिनना। | |||
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अर्थ -अत्यंत उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करना, मरणासन्न होना, मृत्यु की इंतजार में होना। | |||
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|39- घड़ी टेढ़ी होना। | |||
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अर्थ - समय विपरीत होना। | |||
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|40- घड़ी दो घड़ी का। | |||
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अर्थ - कुछ ही क्षणों का। | |||
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|41- घड़ी पहाड़ हो जाना। | |||
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अर्थ - थोड़ा समय भी न बीतना | |||
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|42- घड़ो पानी पड़ना। | |||
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अर्थ - लोगों के सामने हेय या हीन सिद्ध होने पर अत्यन्त लज्जित होना। | |||
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|43- घपले में पड़ना/पड़ जाना। | |||
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अर्थ - खटाई में पड़ना, भ्रमित होना। | |||
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|44- घबरा उठना। | |||
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अर्थ - बेचैन होना। | |||
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|45- घमंड में चूर। | |||
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अर्थ - घमंड से ओतप्रोत। | |||
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|46- घर आँगन हो जाना। | |||
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अर्थ - घर का टूट-फूट कर खँडहर या मैदान हो जाना | |||
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|47- घर उजड़ना/उजाड़ देना। | |||
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अर्थ - गृहस्थी चौपट होना। | |||
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|48- घर कर लेना। | |||
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अर्थ - अपनी स्थायी निवास बना लेना। | |||
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|49- घर का आदमी। | |||
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अर्थ - परिवार का सदस्य, घनिष्ठ मित्र अथवा संबंधी। | |||
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|50- घर का रास्ता समझना। | |||
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अर्थ - सुगम और सुपरिचित समझना। | |||
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|51- घर के घर | |||
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अर्थ - घर की सीमा में ही, आपस में ही। | |||
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|52- घर के घर रह जाना | |||
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अर्थ - ऐसी स्थिति में होना कि व्यापार, लेन देन आदि में न लाभ हो न हानि। | |||
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|53- घर खाली छोड़ना। | |||
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अर्थ - वर करते हुए भी आघात या प्रहार न करना, बल्कि जान बूझकर खाली जाने देना। | |||
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| 54- घर खोद डालना। | |||
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अर्थ - बार बार किसी के घर जाकर उसे परेशान करना। | |||
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| 55- घर जमाना। | |||
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अर्थ - घर गृहस्थी के लिए आवश्यक वस्तुएँ लाना। | |||
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|56- घर तक पहुँचना। | |||
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अर्थ - किसी को माँ बहन तक की गालियाँ देना। | |||
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|57- घर में चूल्हा न जलना। | |||
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अर्थ - रसोई न बनना। | |||
इन्हीं परेशानियों के कारण हमारे यहाँ दो दिन चूल्हा तक नहीं जला। | |||
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|58- घर में झाड फिरना/फिर जाना। | |||
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अर्थ - घर में कुछ भी न रह जाना। | |||
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13:01, 16 अक्टूबर 2015 का अवतरण
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ | |
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1- घर में नहीं हैं दाने और अम्मा चली भुनाने। |
अर्थ -झूठी शान दिखाना, न होने पर ढोंग करना। | |
2- घड़ी में घर जले, अढ़ाई घड़ी भद्रा। |
अर्थ - संकट को होशियारी से दूर करें। | |
3- घड़ी में तोला, घड़ी में माशा। |
अर्थ - चंचल मन वाला। | |
4- घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते। |
अर्थ - घर में आने वाले का सत्कार करना चाहिए। | |
5- घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध। |
अर्थ - अपने घर में योग्यता का आदर नहीं होता और बाहर का व्यक्ति योग्य समझा जाता है। | |
6- घर का भेदी लंका ढाए। |
अर्थ - घर की फूट का परिणाम बुरा होता है। | |
7- घर की खांड़ किरकिरी, लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा। |
अर्थ - अपनी वस्तु़ ख़राब लगती है और दूसरे की अच्छी। | |
8- घर की मुर्गी दाल बराबर। |
अर्थ - अपनी चीज़ या अपने आदमी की क़दर नहीं होती। | |
9- घर खीर तो, बाहर खीर। |
अर्थ - अपने पास कुछ हो तो, बाहर भी आदर होता है। | |
10- घर का घोड़ा, नखास मोल। |
अर्थ - चीज़ घर में पड़ी है और उसकी कोई कीमत नहीं है। | |
11- घायल की गति घायल जाने। |
अर्थ - जो कष्ट भोगता है वही दूसरों का कष्ट समझता है।। | |
12- घी कहाँ गया ? खिचड़ी में। |
अर्थ - वस्तु का प्रयोग ठीक जगह हो गया। | |
13- घी सँवारे काम, बड़ी बहू का नाम। |
अर्थ - काम तो साधन से हुआ, नाम करने वाले का हो गया। | |
14- घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या। |
अर्थ - पेशेवर को किसी की से रियायत नहीं करनी चाहिए। | |
15- घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा। |
अर्थ - उन्नति करके आदमी अपना ही भला करता है। | |
16- घोड़े को लात, आदमी को बात। |
अर्थ - उत्तम वस्तु थोड़ी भी हो तो अच्छी है।। | |
17- घडियाँ गिनना। |
अर्थ - बेचैनी से प्रतीक्षा करना। | |
18- घड़ों पानी पड़ जाना। |
अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना। | |
19- घर काट खाने को आना/घर काटने का दौड़ना। |
अर्थ - अकेलापन अखरना। | |
20- घर का न घाट का। |
अर्थ - कहीं का भी नहीं रहना। | |
21- घर फूँक तमाशा देखना। |
अर्थ - अपनी हानि करके मौज उड़ाना। | |
22- घर में गंगा बहना। |
अर्थ - अच्छी चीज़ पास ही में मिल जाना। | |
23- घाव पर नमक छिड़कना। |
अर्थ - दु:खी को और दु:खी करना। | |
24- घाव हरा करना। |
अर्थ - भूले हुए दु:ख की याद दिलाना। | |
25- घास काटना। |
अर्थ - फूहड़ काम करना। । | |
26- घास छीलना। |
अर्थ - व्यर्थ समय गवाँना।। | |
27- घिग्घी बँधना। |
अर्थ - स्पष्ट बोल न सकना। | |
28- घी घना मुट्ठी चना। |
अर्थ - जो मिल जाए उसी पर संतुष्ट रहना चाहिए। | |
29- घी के दिये जलना। |
अर्थ - आनंद मंगल होना, खुशियाँ मनाना। | |
30- घी खिचड़ी होना। |
अर्थ - खूब मिल- जुल जाना।। | |
31- घोंघा बसंत। |
अर्थ - मूर्ख होना। | |
32- घोड़े बेचकर सोना। |
अर्थ - निश्चिंत हो जाना। | |
33- घँघोल डालना। |
अर्थ - गँदला या गंदा कर देना। | |
34- घंटा दिखाना। |
अर्थ - ऐसा उत्तर देना या मुद्रा बनाना जिससे आवेदक या इच्छुक पूरी तरह से निराश हो जाए। | |
35- घंटा हिलाना। |
अर्थ - व्यर्थ बैठे रहना, व्यर्थ का काम करना। | |
36- घट-घट में बसना। |
अर्थ - हर एक में व्याप्त होना। | |
37- घंटे मोरछल से उठाना। |
अर्थ - गाजे-बाजे के साथ किसी भाग्यवान की अर्थी निकालना। | |
38- घड़ियाँ गिनना। |
अर्थ -अत्यंत उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करना, मरणासन्न होना, मृत्यु की इंतजार में होना। | |
39- घड़ी टेढ़ी होना। |
अर्थ - समय विपरीत होना। | |
40- घड़ी दो घड़ी का। |
अर्थ - कुछ ही क्षणों का। | |
41- घड़ी पहाड़ हो जाना। |
अर्थ - थोड़ा समय भी न बीतना | |
42- घड़ो पानी पड़ना। |
अर्थ - लोगों के सामने हेय या हीन सिद्ध होने पर अत्यन्त लज्जित होना। | |
43- घपले में पड़ना/पड़ जाना। |
अर्थ - खटाई में पड़ना, भ्रमित होना। | |
44- घबरा उठना। |
अर्थ - बेचैन होना। | |
45- घमंड में चूर। |
अर्थ - घमंड से ओतप्रोत। | |
46- घर आँगन हो जाना। |
अर्थ - घर का टूट-फूट कर खँडहर या मैदान हो जाना | |
47- घर उजड़ना/उजाड़ देना। |
अर्थ - गृहस्थी चौपट होना। | |
48- घर कर लेना। |
अर्थ - अपनी स्थायी निवास बना लेना। | |
49- घर का आदमी। |
अर्थ - परिवार का सदस्य, घनिष्ठ मित्र अथवा संबंधी। | |
50- घर का रास्ता समझना। |
अर्थ - सुगम और सुपरिचित समझना। | |
51- घर के घर |
अर्थ - घर की सीमा में ही, आपस में ही। | |
52- घर के घर रह जाना |
अर्थ - ऐसी स्थिति में होना कि व्यापार, लेन देन आदि में न लाभ हो न हानि। | |
53- घर खाली छोड़ना। |
अर्थ - वर करते हुए भी आघात या प्रहार न करना, बल्कि जान बूझकर खाली जाने देना। | |
54- घर खोद डालना। |
अर्थ - बार बार किसी के घर जाकर उसे परेशान करना। | |
55- घर जमाना। |
अर्थ - घर गृहस्थी के लिए आवश्यक वस्तुएँ लाना। | |
56- घर तक पहुँचना। |
अर्थ - किसी को माँ बहन तक की गालियाँ देना। | |
57- घर में चूल्हा न जलना। |
अर्थ - रसोई न बनना। इन्हीं परेशानियों के कारण हमारे यहाँ दो दिन चूल्हा तक नहीं जला। | |
58- घर में झाड फिरना/फिर जाना। |
अर्थ - घर में कुछ भी न रह जाना। |