"विधि": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " जिम्मेदार" to " ज़िम्मेदार") |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 30: | पंक्ति 30: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{न्याय व्यवस्था}} | |||
[[Category:न्यायपालिका]] | [[Category:न्यायपालिका]] | ||
[[Category:विधिशास्त्र]] | [[Category:विधिशास्त्र]] |
06:31, 14 जून 2015 का अवतरण
विधि अथवा क़ानून किसी नियमसंहिता को कहते हैं। विधि प्रायः भलीभांति लिखी हुई संसूचकों के रूप में होती है। समाज को सम्यक ढंग से चलाने के लिये विधि अत्यन्त आवश्यक है। विधि मनुष्य के आचरण के वे सामान्य नियम होते है जो राज्य द्वारा स्वीकृत तथा लागू किये जाते है, जिनका पालन अनिवार्य होता है। पालन न करने पर न्यायपालिका दण्ड देता है। क़ानूनी प्रणाली कई तरह के अधिकारों और ज़िम्मेदारियों को विस्तार से बताती है। क़ानूनी इतिहास, दर्शन, आर्थिक विश्लेषण या समाजशास्त्र में, क़ानून विद्वानों कों जांच का भरपूर स्रोत प्रदान करता है।
शब्द संदर्भ
विधिशास्त्र
विधिशास्त्र साधारण अर्थ में समस्त वैधानिक सिद्धांत विधिशास्त्र में अंतर्निहित हैं। विधिशास्त्र 'जूरिसप्रूडेंस' अर्थात् Juris = विधान, Prudence = ज्ञान। इस अर्थ में क़ानून की सारी पुस्तकें विधिशास्त्र की पुस्तकें हैं। इस प्रसंग में क़ानून का एकमात्र अर्थ होता है देश का साधारण क़ानून जो उन नियमों से सर्वथा पृथक् है, जिन्हें क़ानून से सादृश्य रहने के कारण क़ानून का नाम दिया जाता है। यदि हम विज्ञान शब्द का प्रयोग इसके अधिक से अधिक व्यापक रूप में करे जिसमें बौद्धिक अनुसंधान के किसी भी विषय का ज्ञान हो जाए तो हम कह सकते हैं कि विधिशास्त्र देश के साधारण क़ानून का विज्ञान है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख