"बेलम गुफ़ाएँ": अवतरणों में अंतर
('{{पुनरीक्षण}} {{tocright}} '''बेलम गुफ़ाएँ''' आंध्र प्रदेश राज्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
[[चित्र:Belum-Caves.jpg|thumb|250px|बेलम गुफ़ाएँ के लिए प्रवेश द्वार]] | |||
'''बेलम गुफ़ाएँ''' [[आंध्र प्रदेश]] राज्य के [[कुर्नूल]] से 106 किमी दूर स्थित हैं। [[मेघालय]] की गुफ़ाओं के बाद ये भारतीय उपमहाद्वीप की दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफ़ाएँ हैं। | '''बेलम गुफ़ाएँ''' [[आंध्र प्रदेश]] राज्य के [[कुर्नूल]] से 106 किमी दूर स्थित हैं। [[मेघालय]] की गुफ़ाओं के बाद ये भारतीय उपमहाद्वीप की दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफ़ाएँ हैं। | ||
==बेलम का अर्थ== | ==बेलम का अर्थ== | ||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
इन्हें मूल रूप से तो 1884 में ''एच.बी. फुटे'' ने खोजा था लेकिन दुनिया के सामने [[1982]] में यूरोपीय गुफाविज्ञानियों की एक मंडली ने इन्हें मौजूदा स्वरूप में पेश किया। हालांकि इनका रास्ता पुरातत्व विभाग ने खोज निकाला था। | इन्हें मूल रूप से तो 1884 में ''एच.बी. फुटे'' ने खोजा था लेकिन दुनिया के सामने [[1982]] में यूरोपीय गुफाविज्ञानियों की एक मंडली ने इन्हें मौजूदा स्वरूप में पेश किया। हालांकि इनका रास्ता पुरातत्व विभाग ने खोज निकाला था। | ||
==प्रवेश द्वार== | ==प्रवेश द्वार== | ||
[[चित्र:Belum-Caves-1.jpg|thumb|250px|रॉक हॉल, बेलम गुफ़ाएँ]] | |||
जमीन से गुफ़ाओं तक 3 कुएं जैसे छेद हैं। इन्हीं में से बीच का छेद गुफ़ा के प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल होता है। लगभग 20 मीटर तक सीधे नीचे उतरने के बाद गुफ़ा जमीन के नीचे फैल जाती हैं। | जमीन से गुफ़ाओं तक 3 कुएं जैसे छेद हैं। इन्हीं में से बीच का छेद गुफ़ा के प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल होता है। लगभग 20 मीटर तक सीधे नीचे उतरने के बाद गुफ़ा जमीन के नीचे फैल जाती हैं। | ||
==गुफ़ाओं का विवरण== | ==गुफ़ाओं का विवरण== | ||
पंक्ति 24: | पंक्ति 25: | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
10:05, 25 जुलाई 2012 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
बेलम गुफ़ाएँ आंध्र प्रदेश राज्य के कुर्नूल से 106 किमी दूर स्थित हैं। मेघालय की गुफ़ाओं के बाद ये भारतीय उपमहाद्वीप की दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफ़ाएँ हैं।
बेलम का अर्थ
इस का नाम, संस्कृत में प्रयुक्त 'बैलम' शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है 'गुफ़ाओं'। तेलुगू में ये गुफ़ाएँ 'बेलम गुहलु' नाम से जानी जाती हैं।
इतिहास
इन्हें मूल रूप से तो 1884 में एच.बी. फुटे ने खोजा था लेकिन दुनिया के सामने 1982 में यूरोपीय गुफाविज्ञानियों की एक मंडली ने इन्हें मौजूदा स्वरूप में पेश किया। हालांकि इनका रास्ता पुरातत्व विभाग ने खोज निकाला था।
प्रवेश द्वार
जमीन से गुफ़ाओं तक 3 कुएं जैसे छेद हैं। इन्हीं में से बीच का छेद गुफ़ा के प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल होता है। लगभग 20 मीटर तक सीधे नीचे उतरने के बाद गुफ़ा जमीन के नीचे फैल जाती हैं।
गुफ़ाओं का विवरण
इनकी लंबाई 3229 मीटर है। अंदर ताजे पानी के कई सोते बहते हैं। इनकी संरचना इन्हें दुनियाभर के भूविज्ञानियों के आकर्षण का केंद्र बनाती हैं। बेलम गुफ़ाओं में लंबे गलियारे, विशाल कोठरियाँ, मीठे पानी के सुरंग और नालियाँ हैं। गुफ़ा का गहरा बिंदु प्रवेश द्वार से 120 फुट (37 मीटर) है और यह पातालगंगा के रूप में जाना जाता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख