"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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-[[चण्डीगढ़]] | -[[चण्डीगढ़]] | ||
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||[[चित्र:Chota-Imambara-Lucknow.jpg|right|120px|छोटा इमामबाड़ा, लखनऊ]]'लखनऊ' को ऐतिहासिक रूप से 'अवध क्षेत्र' के नाम से जाना जाता था। पुरातत्त्ववेत्ताओं के अनुसार इसका प्राचीन नाम 'लक्ष्मणपुर' था। [[राम]] के छोटे भाई [[लक्ष्मण]] ने इसे बसाया था। | ||[[चित्र:Chota-Imambara-Lucknow.jpg|right|120px|छोटा इमामबाड़ा, लखनऊ]]'लखनऊ' को ऐतिहासिक रूप से 'अवध क्षेत्र' के नाम से जाना जाता था। पुरातत्त्ववेत्ताओं के अनुसार इसका प्राचीन नाम 'लक्ष्मणपुर' था। [[राम]] के छोटे भाई [[लक्ष्मण]] ने इसे बसाया था। [[लखनऊ]] को 'नवाबों का शहर' कहा जाता था। इस शहर को 'पूर्व का स्वर्ण नगर' और 'शिराज-ए-हिंद' के रूप में भी जाना जाता था। [[कला]] और [[संस्कृति]] के संरक्षक [[अवध]] के नवाबों के शासन काल में की गई [[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल चित्रकारी]] आज भी कई संग्रहालयों में सुरक्षित है। [[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]], [[छोटा इमामबाड़ा लखनऊ|छोटा इमामबाड़ा]] तथा [[रूमी दरवाज़ा लखनऊ|रूमी दरवाज़ा]], [[मुग़ल कालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला|मुग़ल वास्तुकला]] के अद्भुत उदाहरण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लखनऊ]] | ||
{[[यहूदी|यहूदियों]] का पूजा स्थल क्या कहलाता है? | {[[यहूदी|यहूदियों]] का पूजा स्थल क्या कहलाता है? | ||
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-[[सारनाथ]] | -[[सारनाथ]] | ||
-[[कुशीनगर]] | -[[कुशीनगर]] | ||
+[[ | +[[कौशांबी]] | ||
-[[देवीपाटन]] | -[[देवीपाटन]] | ||
||'कौशांबी' | ||'कौशांबी' [[महात्मा बुद्ध]] के काल की परम प्रसिद्ध नगरी थी, जो [[वत्स जनपद|वत्स देश]] की राजधानी थी। इसका अभिज्ञान तहसील मंझनपुर, ज़िला [[इलाहाबाद]] में [[प्रयाग]] से 24 मील {{मील|मील=24}} पर स्थित 'कोसम' नाम के ग्राम से किया गया है। यह नगरी [[यमुना नदी]] पर बसी हुई थी। [[कौशांबी]] से एक कोस उत्तर-पश्चिम में एक छोटी पहाड़ी थी, जिसकी [[प्लक्षगुहा|प्लक्ष]] नामक गुहा में बुद्ध कई बार आए थे। [[जैन]] ग्रंथों में भी कौशांबी का उल्लेख मिलता है। आवश्यक सूत्र की एक कथा में जैन भिक्षुणी 'चंदना' का उल्लेख है, जो भिक्षुणी बनने से पूर्व कौशांबी के एक व्यापारी धनावह के हाथों बेच दी गई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कौशांबी]] | ||
{[[महावीर]] का प्रथम अनुयायी कौन था? | {[[जैन]] [[तीर्थंकर]] [[महावीर]] का प्रथम अनुयायी कौन था? | ||
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+जमालि | +जमालि | ||
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-[[ओणम]] | -[[ओणम]] | ||
-[[पोंगल]] | -[[पोंगल]] | ||
||[[चित्र:Mustard.jpg|right|120px|सरसों का खेत]]'बसंत पंचमी' के पर्व से ही '[[बसंत ऋतु]]' का आगमन होता है। शांत, ठंडी, मंद वायु, कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सब को नवप्राण व उत्साह से स्पर्श करती है। पत्रपटल तथा [[पुष्प]] खिल उठते हैं। स्त्रियाँ पीले | ||[[चित्र:Mustard.jpg|right|120px|सरसों का खेत]]'बसंत पंचमी' के पर्व से ही '[[बसंत ऋतु]]' का आगमन होता है। शांत, ठंडी, मंद वायु, कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सब को नवप्राण व उत्साह से स्पर्श करती है। पत्रपटल तथा [[पुष्प]] खिल उठते हैं। स्त्रियाँ [[पीला रंग|पीले रंग]] के वस्त्र पहन, [[बसंत पंचमी]] के इस दिन के सौन्दर्य को और भी अधिक बढ़ा देती हैं। लोकप्रिय खेल पतंगबाजी बसंत पंचमी से ही जुड़ा है। इस दिन विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ [[सरस्वती देवी|सरस्वती]] की [[पूजा]] और आराधना की जाती है। बसंत पंचमी पर न केवल पीले रंग के वस्त्र पहने जाते हैं, अपितु खाद्य पदार्थों में भी पीले [[चावल]], पीले लड्डू व [[केसर]] युक्त खीर का उपयोग किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बसंत पंचमी]] | ||
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05:49, 6 अगस्त 2012 का अवतरण
कला और संस्कृति
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