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'''चांदवड़''' या 'चंद्रादित्यपुरी' [[महाराष्ट्र]] में [[इतिहास]] प्रसिद्ध [[अहिल्याबाई होल्कर]] का जन्म स्थान है। किंवदंती है कि चांदवड़ या चंद्रवटनगर की नींव [[यादव वंश|यादव]] वंशीय राजा दीर्घ पन्नार ने डाली थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=330|url=}}</ref>
'''चांदवड़''' या 'चंद्रादित्यपुरी' [[महाराष्ट्र]] में [[इतिहास]] प्रसिद्ध [[अहिल्याबाई होल्कर]] का जन्म स्थान है। किंवदंती है कि चांदवड़ या चंद्रवटनगर की नींव [[यादव वंश|यादव]] वंशीय राजा दीर्घ पन्नार ने डाली थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=330|url=}}</ref>


*801 ई. से 1073 ई. तक यहाँ यादवों का साम्राज्य रहा था।  
*801 ई. से 1073 ई. तक यहाँ यादवों का साम्राज्य रहा था।  

14:03, 16 जून 2013 के समय का अवतरण

चांदवड़ या 'चंद्रादित्यपुरी' महाराष्ट्र में इतिहास प्रसिद्ध अहिल्याबाई होल्कर का जन्म स्थान है। किंवदंती है कि चांदवड़ या चंद्रवटनगर की नींव यादव वंशीय राजा दीर्घ पन्नार ने डाली थी।[1]

  • 801 ई. से 1073 ई. तक यहाँ यादवों का साम्राज्य रहा था।
  • चांदवड़ नगर 4000 फुट ऊँची पहाड़ी के नीचे बसा हुआ है।
  • पहाड़ी पर जाने वाले मार्ग में रेणुका देवी का मंदिर है, जो संभवत: प्राचीन काल में जैन गुहा मंदिर रहा होगा, क्योंकि दीवार में तीन ओर तीर्थंकरों की मूर्तियाँ उत्कीर्ण हैं।
  • जैन साहित्य में चांदवड़ का प्राचीन नाम चंद्रादित्यपुरी मिलता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |पृष्ठ संख्या: 330 |

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