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'''बहादुरगढ़''' [[महाराष्ट्र]] के [[ऐतिहासिक स्थान|ऐतिहासिक स्थानों]] में से एक है। [[भीमा नदी]] के तट पर बसे हुए बहादुरगढ़ का निर्माण बहादुर ख़ाँ ने करवाया था, जो [[मुग़ल]] बादशाह [[औरंगज़ेब]] का सेनापति था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या= | '''बहादुरगढ़''' [[महाराष्ट्र]] के [[ऐतिहासिक स्थान|ऐतिहासिक स्थानों]] में से एक है। [[भीमा नदी]] के तट पर बसे हुए बहादुरगढ़ का निर्माण बहादुर ख़ाँ ने करवाया था, जो [[मुग़ल]] बादशाह [[औरंगज़ेब]] का सेनापति था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=615|url=}}</ref> | ||
*सलहेरी के युद्ध के में मुग़ल सेनाओं को [[शिवाजी]] द्वारा बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा। | *सलहेरी के युद्ध के में मुग़ल सेनाओं को [[शिवाजी]] द्वारा बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा। |
09:04, 16 सितम्बर 2012 का अवतरण
बहादुरगढ़ महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। भीमा नदी के तट पर बसे हुए बहादुरगढ़ का निर्माण बहादुर ख़ाँ ने करवाया था, जो मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब का सेनापति था।[1]
- सलहेरी के युद्ध के में मुग़ल सेनाओं को शिवाजी द्वारा बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा।
- युद्ध में पराजय के कारण बादशाह औरंगज़ेब ने शाहजादा मुअज्जम और महावत खाँ के स्थान पर बहादुर ख़ाँ को शिवाजी के विरुद्ध भेजा।
- बहादुर ख़ाँ को मराठों से लड़ने का साहस ही नहीं होता था, अत: उसने भीमा नदी के तट पर भेड़ गाँव में अपनी छावनी बनाकर बहादुरगढ़ के क़िले का निर्माण करवाया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 615 |