"वाणासुर का क़िला": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Vanasur.JPG|thumb|वाणासुर किले का विहंगम दृश्य]] | [[चित्र:Vanasur_1.JPG|thumb|left|वाणासुर किले का प्रवेश द्वार]][[चित्र:Vanasur.JPG|thumb|वाणासुर किले का विहंगम दृश्य]] | ||
'''वाणासुर का क़िला''' [[उत्तराखंड]] में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। [[लोहाघाट]] से लगभग 7 कि.मी. की दूरी पर 'कर्णरायत' नामक स्थान से लगभग 1.5 कि.मी. की दूरी पैदल तय करने के उपरांत इस स्थल पर पहुंचा जा सकता है। किंवदंती है कि यहां पर [[कृष्ण]] के द्वारा अपने पौत्र का अपहरण किये जाने से क्रुद्ध होकर वाणासुर का वध किया गया था। इस स्थल पर पुरातात्विक दृष्टि से मशहूर क़िला आज भी विद्यमान है। इस स्थल से एक ओर भव्य [[हिमालय]] श्रृंखलाओं का दृश्य देखा जा सकता है तो दूसरी ओर [[लोहाघाट]] सहित [[मायावती अद्वैत आश्रम]] एवं अन्य नैसर्गिक छटाओं का भी आनन्द लिया जा सकता है। | '''वाणासुर का क़िला''' [[उत्तराखंड]] में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। [[लोहाघाट]] से लगभग 7 कि.मी. की दूरी पर 'कर्णरायत' नामक स्थान से लगभग 1.5 कि.मी. की दूरी पैदल तय करने के उपरांत इस स्थल पर पहुंचा जा सकता है। किंवदंती है कि यहां पर [[कृष्ण]] के द्वारा अपने पौत्र का अपहरण किये जाने से क्रुद्ध होकर वाणासुर का वध किया गया था। इस स्थल पर पुरातात्विक दृष्टि से मशहूर क़िला आज भी विद्यमान है। इस स्थल से एक ओर भव्य [[हिमालय]] श्रृंखलाओं का दृश्य देखा जा सकता है तो दूसरी ओर [[लोहाघाट]] सहित [[मायावती अद्वैत आश्रम]] एवं अन्य नैसर्गिक छटाओं का भी आनन्द लिया जा सकता है। | ||
19:42, 4 मार्च 2013 का अवतरण
वाणासुर का क़िला उत्तराखंड में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। लोहाघाट से लगभग 7 कि.मी. की दूरी पर 'कर्णरायत' नामक स्थान से लगभग 1.5 कि.मी. की दूरी पैदल तय करने के उपरांत इस स्थल पर पहुंचा जा सकता है। किंवदंती है कि यहां पर कृष्ण के द्वारा अपने पौत्र का अपहरण किये जाने से क्रुद्ध होकर वाणासुर का वध किया गया था। इस स्थल पर पुरातात्विक दृष्टि से मशहूर क़िला आज भी विद्यमान है। इस स्थल से एक ओर भव्य हिमालय श्रृंखलाओं का दृश्य देखा जा सकता है तो दूसरी ओर लोहाघाट सहित मायावती अद्वैत आश्रम एवं अन्य नैसर्गिक छटाओं का भी आनन्द लिया जा सकता है।
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