|
|
पंक्ति 8: |
पंक्ति 8: |
| | | | | |
| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {"दु:ख में सुमिरन सब करें, सुख में करे न कोय", यह पंक्ति किसने कही है?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मीराबाई]]
| |
| -[[सूरदास]]
| |
| -[[तुलसीदास]]
| |
| +[[कबीरदास]]
| |
| ||[[चित्र:Kabirdas-2.jpg|कबीरदास|100px|right]][[कबीरदास]] के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे [[रामानन्द|गुरु रामानन्द]] स्वामी के आशीर्वाद से [[काशी]] की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी। उसे नीरु नाम का जुलाहा अपने घर ले आया। उनकी माता का नाम 'नीमा' था। उसी ने उनका पालन-पोषण किया। बाद में यही बालक 'कबीर' कहलाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबीरदास]]
| |
|
| |
| {किस [[शास्त्रीय नृत्य]] में पुरुष भाग नहीं लेते हैं?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मणिपुरी]]
| |
| -[[कत्थक]]
| |
| +[[ओडिसी]]
| |
| -[[भरतनाट्यम]]
| |
| ||[[चित्र:Odisi -dance-1.jpg|ओडिसी नृत्य, उड़ीसा|100px|right]][[ओडिसी]] को पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर सबसे पुराने जीवित [[शास्त्रीय नृत्य]] रूपों में से एक माना जाता है। [[उड़ीसा]] के पारम्परिक नृत्य, ओडिसी का जन्म मंदिर में नृत्य करने वाली देवदासियों के नृत्य से हुआ था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ओडिसी]]
| |
|
| |
| {संगीतकार [[तानसेन]] का सम्बन्ध किस राज दरबार से रहा है?
| |
| |type="()"}
| |
| +[[रीवा]], [[ग्वालियर]], [[मुग़ल]]
| |
| -रीवा, मुग़ल, [[मालवा]]
| |
| -मालवा, ग्वालियर, रीवा,
| |
| -ग्वालियर, मालवा, मुग़ल
| |
|
| |
| {[[अमीर ख़ुसरो]] का नाम किस वाद्ययंत्र के आविष्कार से सम्बन्धित है?
| |
| |type="()"}
| |
| +[[सितार]]
| |
| -[[तबला]]
| |
| -[[शहनाई]]
| |
| -सरोद
| |
|
| |
| {भारतीय [[शास्त्रीय नृत्य]] की सबसे प्राचीन शैली कौन-सी है?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[ओडिसी]]
| |
| -[[कुचिपुड़ी]]
| |
| +[[भरतनाट्यम]]
| |
| -[[कथकली]]
| |
| ||[[चित्र:Bharatanatyam-Dance.jpg|भरतनाट्यम नृत्य|100px|right]][[शास्त्रीय नृत्य]] का यह एक प्रसिद्ध नृत्य है। भरतनाट्यम, [[भारत]] के प्रसिद्ध नृत्यों में से एक है तथा इसका संबंध दक्षिण भारत के [[तमिलनाडु]] राज्य से है। यह नाम 'भरत' शब्द से लिया गया तथा इसका संबंध नृत्यशास्त्र से है। ऐसा माना जाता है कि [[ब्रह्मा]], [[हिन्दू]] देवकुल के महान त्रिदेवों में से प्रथम, [[नाट्य शास्त्र]] अथवा नृत्य-विज्ञान हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भरतनाट्यम]]
| |
|
| |
| {निम्न में से मुँह से बजाया जाने वाला वाद्य यंत्र कौन-सा है? | | {निम्न में से मुँह से बजाया जाने वाला वाद्य यंत्र कौन-सा है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |