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;'''अल-फ़ातिहा - 7 आयतें, 1 रुकु, मक्का सूरा'''  
;'''अल-फ़ातिहा - 7 आयतें, 1 रुकु, मक्का सूरा'''  
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम<br />


1:1 - [[अल्लाह]] के नाम से जो रहमान और रहीम है।<br />
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==बाहरी कड़ियाँ==
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==संबंधित लेख==
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12:35, 18 दिसम्बर 2014 का अवतरण

अल-फ़ातिहा - 7 आयतें, 1 रुकु, मक्का सूरा

1:1 - अल्लाह के नाम से जो रहमान और रहीम है।
1:2 - तारीफ़ अल्लाह ही के लिये है जो तमाम क़ायनात का रब है।
1:3 - रहमान और रहीम है।
1:4 - रोज़े जज़ा का मालिक है।
1:5 - हम तेरी ही इबादत करते हैं, और तुझ ही से मदद मांगते है।
1:6 - हमें सीधा रास्ता दिखा।
1:7 - उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने इनाम फ़रमाया, जो माअतूब नहीं हुए, जो भटके हुए नहीं है।

सूर अल-फ़ातिहा पूरी हुई


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