"रामायण सामान्य ज्ञान 8": अवतरणों में अंतर
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||'जनक' [[मिथिला|मिथिला महाजनपद]] के राजा और [[श्रीराम]] के श्वसुर थे। इनका वास्तविक नाम 'सिरध्वज' और इनके भाई का नाम 'कुशध्वज' था। [[सीता]] महाराज [[जनक]] की ही पुत्री थीं, जिनका विवाह [[अयोध्या]] के [[राजा दशरथ]] के ज्येष्ठ पुत्र [[राम]] से सम्पन्न हुआ था। जनक अपने अध्यात्म तथा तत्त्वज्ञान के लिए अत्यन्त प्रसिद्ध थे। उनके पूर्वजों में [[निमि]] के ज्येष्ठ पुत्र देवरात थे। भगवान [[शिव]] का [[धनुष अस्त्र|धनुष]] उन्हीं की धरोहरस्वरूप राजा जनक के पास सुरक्षित था। जब राजा जनक ने एक [[यज्ञ]] किया, तब [[विश्वामित्र]] तथा मुनियों ने [[राम]] और [[लक्ष्मण]] को भी उस यज्ञ में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि उन दोनों को शिव-धनुष के दर्शन करने का अवसर भी प्राप्त होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जनक]] | ||'जनक' [[मिथिला|मिथिला महाजनपद]] के राजा और [[श्रीराम]] के श्वसुर थे। इनका वास्तविक नाम 'सिरध्वज' और इनके भाई का नाम 'कुशध्वज' था। [[सीता]] महाराज [[जनक]] की ही पुत्री थीं, जिनका विवाह [[अयोध्या]] के [[राजा दशरथ]] के ज्येष्ठ पुत्र [[राम]] से सम्पन्न हुआ था। जनक अपने अध्यात्म तथा तत्त्वज्ञान के लिए अत्यन्त प्रसिद्ध थे। उनके पूर्वजों में [[निमि]] के ज्येष्ठ पुत्र देवरात थे। भगवान [[शिव]] का [[धनुष अस्त्र|धनुष]] उन्हीं की धरोहरस्वरूप राजा जनक के पास सुरक्षित था। जब राजा जनक ने एक [[यज्ञ]] किया, तब [[विश्वामित्र]] तथा मुनियों ने [[राम]] और [[लक्ष्मण]] को भी उस यज्ञ में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि उन दोनों को शिव-धनुष के दर्शन करने का अवसर भी प्राप्त होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जनक]] | ||
07:48, 13 जनवरी 2015 का अवतरण
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