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'''हुबली''' एक शहर, जो पश्चिमी [[कर्नाटक]] (भूतपूर्व [[मैसूर]]), दक्षिण-पश्चिम भारत में स्थित है। हुबली, जिसे अक्सर 'हुब्बली' या 'पुब्बली'<ref>अर्थ, पुराना गांव</ref> कहा जाता है, 11वीं [[शताब्दी]] के पाषाण मंदिर 'अहर्निशंकर' के आस-पास विकसित हुआ था। यहां के उल्लेखनीय भवनों में 'महदी मस्जिद', 'भवानीशंकर मंदिर' और 'नगर भवन' शामिल हैं।
'''हुबली''' एक नगर, जो पश्चिमी [[कर्नाटक]] (भूतपूर्व [[मैसूर]]), दक्षिण-पश्चिम भारत में स्थित है। हुबली, जिसे अक्सर 'हुब्बली' या 'पुब्बली'<ref>अर्थ, पुराना गांव</ref> कहा जाता है, 11वीं [[शताब्दी]] के पाषाण मंदिर 'अहर्निशंकर' के आस-पास विकसित हुआ था। यहां के उल्लेखनीय भवनों में 'महदी मस्जिद', 'भवानीशंकर मंदिर' और 'नगर भवन' शामिल हैं।
==स्थिति तथा इतिहास==
*हुबली, धारवाड़ नगर से 24 कि.मी. दक्षिण-पूर्व में स्थित है और दक्षिणी रेलवे का केन्द्रिय कार्यालय यहाँ है। 16वीं [[शताब्दी]] से क़िलेबंद धारवाड़ का मूल नाम 'दारवड़ा'<ref>अर्थ, द्वार नगर</ref> है।
*हुबली एक प्रमुख और प्रसिद्ध औद्योगिक शहर है। इस ऐतिहासिक शहर को 'राया हुबली' रूप में जाना जाता था और प्राचीन काल में इसकी 'एलया पुरवदा हल्ली' के रूप में भी पहचान थी। यह शहर [[विजयनगर साम्राज्य]] के शासनकाल में [[कपास]] और [[लोहा|लोहे]] के व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र में तब्दील हो गया था।<ref>{{cite web |url= http://www.blr.stpi.in/hindi/sub-centers/hubli.html|title= हुबली|accessmonthday=26 जून|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language= हिन्दी}}</ref>
====उद्योग====
व्यापारिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हुबली [[कपास]], अनाज, [[नमक]], [[ताँबा|ताँबे]] के बरतन, साबुन एवं खाद के व्यापार का प्रमुख केंद्र है। नगर में सूत कातने, कपास ओटने और गाँठ बाँधने के कारखाने हैं। एक विशाल अख़बारी काग़ज़ का उद्योग भी हुबली में स्थित है। यह शहर अपने हथकरघा वस्त्र इकाइयों के लिए विख्यात है। यहाँ रेलवे का वर्कशाप तथा वस्त्र बुनने की मिल है। यहाँ सेना की छावनी भी है।


*हुबली एक व्यापारिक केंद्र है और यहां [[सूती वस्त्र उद्योग|सूती वस्त्र]], [[कपास]] की ओटाई तथा गांठ बनाने के कारख़ाने और एक विशाल अख़बारी काग़ज़ का उद्योग स्थित है।
ज़िले के महत्वपूर्ण स्मारकों में- सुंदर मंदिर, चर्च, मस्जिद और मठ  आदि प्रमुख हैं। ये दर्शन योग्य हैं। यहां के स्वादिष्ट पेढ़ों को भी नहीं भूलाया जा सकता है।
*यह दक्षिणी रेलवे का संभागीय मुख्यालय है, यहां एक रेलवे कार्यशाला है तथा यह प्रमुख सड़क जंक्शन भी है।
==शिक्षण संस्थान==
*16वीं [[शताब्दी]] से क़िलेबंद धारवाड़ का मूल नाम 'दारवड़ा'<ref>अर्थ, द्वार नगर</ref> है। यह रेलवे और [[राष्ट्रीय राजमार्ग]] पर स्थित एक शैक्षणिक और व्यापार (कपास) केंद्र है। यहां स्थित वाणिज्य, विधि, चिकित्सा और इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी के महाविद्यालय धारवाड़ के 'कर्नाटक विश्वविद्यालय' ([[1949]]) से संबद्ध हैं, जिसमें 'डी.एम. कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी', 'एम.डी.एम.ई. ट्रस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज', 'एल.ई.ए. होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज', 'आर.एम.एम. होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज', 'एम. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज', 'एस.डी.एम. कॉलेज ऑफ़ डेंटल साइंस', 'एस.ई.टी फ़ार्मेसी कॉलेज', 'यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लॉ' तथा कई अन्य महाविद्यालय शामिल हैं।
हुबली रेलवे और [[राष्ट्रीय राजमार्ग]] पर स्थित एक शैक्षणिक और व्यापार (कपास) केंद्र है। यहां स्थित वाणिज्य, विधि, चिकित्सा और इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी के महाविद्यालय धारवाड़ के 'कर्नाटक विश्वविद्यालय' ([[1949]]) से संबद्ध हैं, जिसमें 'डी.एम. कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी', 'एम.डी.एम.ई. ट्रस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज', 'एल.ई.ए. होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज', 'आर.एम.एम. होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज', 'एम. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज', 'एस.डी.एम. कॉलेज ऑफ़ डेंटल साइंस', 'एस.ई.टी फ़ार्मेसी कॉलेज', 'यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लॉ' तथा कई अन्य महाविद्यालय शामिल हैं। हुबली शहर में एक बाल- सुधार और एक मानसिक आरोग्यशाला भी है।
*हुबली शहर में एक बाल- सुधार और एक मानसिक आरोग्यशाला भी है।
====जनसंख्या====
*धारवाड़ को [[वर्ष]] [[1961]] ई. में 21 कि.मी. दक्षिण-पूर्व में स्थित औद्योगिक केंद्र हुबली के साथ मिला दिया गया था, जिससे राज्य की सबसे अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्र का निर्माण हुआ।
धारवाड़ को [[वर्ष]] [[1961]] ई. में 21 कि.मी. दक्षिण-पूर्व में स्थित औद्योगिक केंद्र हुबली के साथ मिला दिया गया था, जिससे राज्य की सबसे अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्र का निर्माण हुआ। वर्ष [[2001]] की जनगणना के अनुसार नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या 7,86,018 तथा ज़िले की जनसंख्या कुल 16,03,794 थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-6|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=241|url=}}</ref>
*वर्ष [[2001]] की जनगणना के अनुसार नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या 7,86,018 तथा ज़िले की जनसंख्या कुल 16,03,794 थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-6|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=241|url=}}</ref>


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06:00, 26 जून 2014 का अवतरण

हुबली एक नगर, जो पश्चिमी कर्नाटक (भूतपूर्व मैसूर), दक्षिण-पश्चिम भारत में स्थित है। हुबली, जिसे अक्सर 'हुब्बली' या 'पुब्बली'[1] कहा जाता है, 11वीं शताब्दी के पाषाण मंदिर 'अहर्निशंकर' के आस-पास विकसित हुआ था। यहां के उल्लेखनीय भवनों में 'महदी मस्जिद', 'भवानीशंकर मंदिर' और 'नगर भवन' शामिल हैं।

स्थिति तथा इतिहास

  • हुबली, धारवाड़ नगर से 24 कि.मी. दक्षिण-पूर्व में स्थित है और दक्षिणी रेलवे का केन्द्रिय कार्यालय यहाँ है। 16वीं शताब्दी से क़िलेबंद धारवाड़ का मूल नाम 'दारवड़ा'[2] है।
  • हुबली एक प्रमुख और प्रसिद्ध औद्योगिक शहर है। इस ऐतिहासिक शहर को 'राया हुबली' रूप में जाना जाता था और प्राचीन काल में इसकी 'एलया पुरवदा हल्ली' के रूप में भी पहचान थी। यह शहर विजयनगर साम्राज्य के शासनकाल में कपास और लोहे के व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र में तब्दील हो गया था।[3]

उद्योग

व्यापारिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हुबली कपास, अनाज, नमकताँबे के बरतन, साबुन एवं खाद के व्यापार का प्रमुख केंद्र है। नगर में सूत कातने, कपास ओटने और गाँठ बाँधने के कारखाने हैं। एक विशाल अख़बारी काग़ज़ का उद्योग भी हुबली में स्थित है। यह शहर अपने हथकरघा वस्त्र इकाइयों के लिए विख्यात है। यहाँ रेलवे का वर्कशाप तथा वस्त्र बुनने की मिल है। यहाँ सेना की छावनी भी है।

ज़िले के महत्वपूर्ण स्मारकों में- सुंदर मंदिर, चर्च, मस्जिद और मठ आदि प्रमुख हैं। ये दर्शन योग्य हैं। यहां के स्वादिष्ट पेढ़ों को भी नहीं भूलाया जा सकता है।

शिक्षण संस्थान

हुबली रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक शैक्षणिक और व्यापार (कपास) केंद्र है। यहां स्थित वाणिज्य, विधि, चिकित्सा और इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी के महाविद्यालय धारवाड़ के 'कर्नाटक विश्वविद्यालय' (1949) से संबद्ध हैं, जिसमें 'डी.एम. कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी', 'एम.डी.एम.ई. ट्रस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज', 'एल.ई.ए. होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज', 'आर.एम.एम. होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज', 'एम. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज', 'एस.डी.एम. कॉलेज ऑफ़ डेंटल साइंस', 'एस.ई.टी फ़ार्मेसी कॉलेज', 'यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लॉ' तथा कई अन्य महाविद्यालय शामिल हैं। हुबली शहर में एक बाल- सुधार और एक मानसिक आरोग्यशाला भी है।

जनसंख्या

धारवाड़ को वर्ष 1961 ई. में 21 कि.मी. दक्षिण-पूर्व में स्थित औद्योगिक केंद्र हुबली के साथ मिला दिया गया था, जिससे राज्य की सबसे अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्र का निर्माण हुआ। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या 7,86,018 तथा ज़िले की जनसंख्या कुल 16,03,794 थी।[4]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अर्थ, पुराना गांव
  2. अर्थ, द्वार नगर
  3. हुबली (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 26 जून, 2014।
  4. भारत ज्ञानकोश, खण्ड-6 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 241 |

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