"बेडसा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''बेडसा''' अथवा 'वेदसा' [[महाराष्ट्र]] का एक ऐतिहासिक [[ग्राम]] है। यह [[कार्ले चैत्यगृह|कार्ले]] से 10 मील दक्षिण की ओर स्थित है। बेडसा की गणना [[गुहा वास्तु]] के उल्लेखनीय केन्द्र के रूप में की जाती है। पहाड़ी पर कार्ले और [[भाजा]] के गुफ़ा मंदिरों के समान ही [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] गुफ़ा मंदिर है, जिनमें एक चैत्य गुफ़ा भी | {{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | ||
|चित्र=Bedsa-Caves.jpg | |||
|चित्र का नाम=बेडसा गुफ़ा | |||
|विवरण='बेडसा' [[महाराष्ट्र]] के प्रसिद्ध ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ पहाड़ी पर [[कार्ले गुफ़ाएँ|कार्ले]] और [[भाजा]] के गुफ़ा मंदिरों के समान ही [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] गुफ़ा मंदिर है। | |||
|शीर्षक 1=राज्य | |||
|पाठ 1=[[महाराष्ट्र]] | |||
|शीर्षक 2=स्थिति | |||
|पाठ 2=[[मुम्बई]]-[[पूना]] रेलमार्ग पर बड़गांव स्टेशन से 6 मील की दूरी पर स्थित। | |||
|शीर्षक 3= | |||
|पाठ 3= | |||
|शीर्षक 4= | |||
|पाठ 4= | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|शीर्षक 6= | |||
|पाठ 6= | |||
|शीर्षक 7= | |||
|पाठ 7= | |||
|शीर्षक 8= | |||
|पाठ 8= | |||
|शीर्षक 9= | |||
|पाठ 9= | |||
|शीर्षक 10= | |||
|पाठ 10= | |||
|संबंधित लेख=[[महाराष्ट्र]], [[कार्ले चैत्यगृह]], [[महाराष्ट्र का इतिहास]] | |||
|अन्य जानकारी=बेडसा की मुख्य गुफ़ा का मुखमण्डप सौन्दर्य की दृष्टि से उच्च कोटि का है। इसकी तुलना कार्ले के अलंकृत मुखमण्डप से की जा सकती है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''बेडसा''' अथवा 'वेदसा' [[महाराष्ट्र]] का एक ऐतिहासिक [[ग्राम]] है। यह [[कार्ले चैत्यगृह|कार्ले]] से 10 मील दक्षिण की ओर स्थित है। बेडसा की गणना [[गुहा वास्तु]] के उल्लेखनीय केन्द्र के रूप में की जाती है। पहाड़ी पर कार्ले और [[भाजा]] के गुफ़ा मंदिरों के समान ही [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] गुफ़ा मंदिर है, जिनमें एक चैत्य गुफ़ा भी सम्मिलित है। | |||
*यह [[मुम्बई]]-[[पूना]] रेलमार्ग पर बड़गांव स्टेशन से 6 मील की दूरी पर स्थित है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=875|url=}}</ref> | *यह [[मुम्बई]]-[[पूना]] रेलमार्ग पर बड़गांव स्टेशन से 6 मील की दूरी पर स्थित है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=875|url=}}</ref> | ||
पंक्ति 8: | पंक्ति 39: | ||
*गुफ़ा के मुखमण्डप के ऊपर शायद संगीतशाला थी तथा पिछली दीवार पर एक प्रवेश द्वार था। | *गुफ़ा के मुखमण्डप के ऊपर शायद संगीतशाला थी तथा पिछली दीवार पर एक प्रवेश द्वार था। | ||
*गुहा के मुख्य द्वार का पूरा भाग वेदिका अलंकरण से सुसज्जित है। समस्त मुखपट्ट वास्तव में वास्तु एवं शिल्पकला का उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। | *गुहा के मुख्य द्वार का पूरा भाग वेदिका अलंकरण से सुसज्जित है। समस्त मुखपट्ट वास्तव में वास्तु एवं शिल्पकला का उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। | ||
*बेडसा की मुख्य गुफ़ा का मुखमण्डप सौन्दर्य की दृष्टि से | *बेडसा की मुख्य गुफ़ा का मुखमण्डप सौन्दर्य की दृष्टि से उच्च कोटि का है। इसकी तुलना कार्ले के अलंकृत मुखमण्डप से की जा सकती है। | ||
*चैत्यशाला के अन्दर का मण्डप 45 फुट 6 इंच लम्बा एवं 21 फुट चौड़ा है। इस चैत्यशाला के समीप ही आयताकार विहार है। उसके चौकोर मण्डप का पिछला भाग वृत्ताकार है तथा तीनों ओर चौकोर कोठरियाँ बनी हैं। | *चैत्यशाला के अन्दर का मण्डप 45 फुट 6 इंच लम्बा एवं 21 फुट चौड़ा है। इस चैत्यशाला के समीप ही आयताकार विहार है। उसके चौकोर मण्डप का पिछला भाग वृत्ताकार है तथा तीनों ओर चौकोर कोठरियाँ बनी हैं। | ||
12:02, 2 दिसम्बर 2014 का अवतरण
बेडसा
| |
विवरण | 'बेडसा' महाराष्ट्र के प्रसिद्ध ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ पहाड़ी पर कार्ले और भाजा के गुफ़ा मंदिरों के समान ही बौद्ध गुफ़ा मंदिर है। |
राज्य | महाराष्ट्र |
स्थिति | मुम्बई-पूना रेलमार्ग पर बड़गांव स्टेशन से 6 मील की दूरी पर स्थित। |
संबंधित लेख | महाराष्ट्र, कार्ले चैत्यगृह, महाराष्ट्र का इतिहास |
अन्य जानकारी | बेडसा की मुख्य गुफ़ा का मुखमण्डप सौन्दर्य की दृष्टि से उच्च कोटि का है। इसकी तुलना कार्ले के अलंकृत मुखमण्डप से की जा सकती है। |
बेडसा अथवा 'वेदसा' महाराष्ट्र का एक ऐतिहासिक ग्राम है। यह कार्ले से 10 मील दक्षिण की ओर स्थित है। बेडसा की गणना गुहा वास्तु के उल्लेखनीय केन्द्र के रूप में की जाती है। पहाड़ी पर कार्ले और भाजा के गुफ़ा मंदिरों के समान ही बौद्ध गुफ़ा मंदिर है, जिनमें एक चैत्य गुफ़ा भी सम्मिलित है।
- यह मुम्बई-पूना रेलमार्ग पर बड़गांव स्टेशन से 6 मील की दूरी पर स्थित है।[1]
- बेडसा की गुफ़ाओं से ज्ञात होता है कि यहाँ के कलाकार ने किस प्रकार काष्ठ शिल्प से प्रस्तर शिल्प को अपनाया था।
- इस ऐतिहासिक स्थान के शिलाश्रयों में चैत्य गृह के सभी लक्षण विद्यमान हैं।
- यहाँ की गुफ़ाओं के मुखमण्डप में दो बड़े स्तम्भ हैं। इन्हें कार्ले की गुफ़ा के स्तम्भों की भाँति स्वतंत्र स्तम्भ नहीं माना जा सकता। इन स्तम्भों पर अशोक कालीन स्तम्भों का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। ये स्तम्भ अठपहलु हैं। इन स्तम्भों के शीर्ष अत्यंत सुन्दर हैं तथा यह युगल आरोहियों से अलंकृत हैं।
- बेडसा में मानव एवं पशु दोनों की आकृतियों का सफल शिल्पांकन किया गया है।
- गुफ़ा के मुखमण्डप के ऊपर शायद संगीतशाला थी तथा पिछली दीवार पर एक प्रवेश द्वार था।
- गुहा के मुख्य द्वार का पूरा भाग वेदिका अलंकरण से सुसज्जित है। समस्त मुखपट्ट वास्तव में वास्तु एवं शिल्पकला का उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।
- बेडसा की मुख्य गुफ़ा का मुखमण्डप सौन्दर्य की दृष्टि से उच्च कोटि का है। इसकी तुलना कार्ले के अलंकृत मुखमण्डप से की जा सकती है।
- चैत्यशाला के अन्दर का मण्डप 45 फुट 6 इंच लम्बा एवं 21 फुट चौड़ा है। इस चैत्यशाला के समीप ही आयताकार विहार है। उसके चौकोर मण्डप का पिछला भाग वृत्ताकार है तथा तीनों ओर चौकोर कोठरियाँ बनी हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 875 |