"अंत पाना": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) (''''अंत पाना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''अंत पाना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है। | '''अंत पाना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है। | ||
'''अर्थ'''- भेद जानना, मर्म जानना, रहस्य जानने या भेद लेने का प्रयत्न | '''अर्थ'''- भेद जानना, मर्म जानना, रहस्य जानने या भेद लेने का प्रयत्न करना। | ||
'''प्रयोग'''- | '''प्रयोग'''- | ||
#जिसका कोई ओर-छोर न हो उसका अंत पाना संभव नहीं।-[[सीताराम चतुर्वेदी]]। | #जिसका कोई ओर-छोर न हो उसका अंत पाना संभव नहीं। - [[सीताराम चतुर्वेदी]]। | ||
#यहाँ वह आया तो मेरा अंत ही लेने था, पर उसकी दाल नहीं गली। -[[प्रेमचंद]]। | #यहाँ वह आया तो मेरा अंत ही लेने था, पर उसकी दाल नहीं गली। - [[प्रेमचंद]]। | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
12:43, 2 अक्टूबर 2015 का अवतरण
अंत पाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- भेद जानना, मर्म जानना, रहस्य जानने या भेद लेने का प्रयत्न करना।
प्रयोग-
- जिसका कोई ओर-छोर न हो उसका अंत पाना संभव नहीं। - सीताराम चतुर्वेदी।
- यहाँ वह आया तो मेरा अंत ही लेने था, पर उसकी दाल नहीं गली। - प्रेमचंद।