"कैंची की तरह ज़बान चलना": अवतरणों में अंतर
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'''प्रयोग'''- उसकी दिन-रात कैंची की तरह ज़बान चला करती है। (प्रेमचंद) | '''प्रयोग'''- उसकी [[दिन]]-[[रात]] कैंची की तरह ज़बान चला करती है। ([[प्रेमचंद]]) | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |