"खेचरी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 37: पंक्ति 37:
|अन्य जानकारी=
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=3:18, 23 जुलाई, 2016 (IST)
|अद्यतन={{अद्यतन|15:28, 23 जुलाई 2016 (IST)}}
}}
}}


पंक्ति 50: पंक्ति 50:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
[[Category:ब्रज]][[Category:ब्रज के धार्मिक स्थल]][[Category:ब्रज के दर्शनीय स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]]
[[Category:ब्रज]][[Category:ब्रज के धार्मिक स्थल]][[Category:ब्रज के दर्शनीय स्थल]][[Cetegory:हिन्दू धार्मिक स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

09:58, 23 जुलाई 2016 का अवतरण

खेचरी
खेचरी
खेचरी
विवरण खेचरी ब्रज के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह गाँव मथुरा के पश्चिम में दो मील तथा 'शांतनु कुंड' से ईशान कोण में एक मील की दूरी पर स्थित है।
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला मथुरा
कब जाएँ कभी भी
यातायात बस, कार, ऑटो आदि
संबंधित लेख वृन्दावन, काम्यवन, राधाकुण्ड गोवर्धन, कोटवन, गोवर्धन, खदिरवन, महावन, बरसाना


अद्यतन‎

खेचरी ब्रजमण्डल के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह गाँव मथुरा के पश्चिम में दो मील तथा 'शांतनु कुंड' से ईशान कोण में एक मील की दूरी पर स्थित है।

  • खेचरी का तात्पर्य आकाश में विचरण करने वाली राक्षसी पूतना से है। मथुरा के राजा कंस ने पूतना के प्रभाव को जानकर उसे अपनी बहन बना लिया था। उसी के अनुरोध से विविध प्रकार के रूप धारण करने वाली, बालकों के रुधिर एवं मांस को भक्षण करने वाली अपवित्र पूतना माता का सुन्दर वेश धारणकर तथा स्तनों में कालकूट विष भरकर नन्दभवन में श्रीकृष्ण को मारने हेतु आई, किन्तु अहैतु की कृपा के सागर श्रीकृष्ण ने केवल माता का वेश धारण करने के कारण ही विष के साथ-साथ उसके प्राणों को भी खींचकर उसे मातृ सुलभ गति प्रदान की। यह पूतना राक्षसी का निवास स्थल है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

Cetegory:हिन्दू धार्मिक स्थल