"अक्षरमुष्टि कला": अवतरणों में अंतर
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13:06, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। अक्षरों को ऐसी युक्ति से कहना कि उस संकेत का जानने वाला ही उनका अर्थ समझे, दूसरा नहीं; मुष्टिसकेंत द्वारा बातचीत करना, जैसे दलाल आदि कर लेते हैं की कला।