शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) ('*भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
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*अर्धश्रावणिक व्रत में एक मास तक एक भक्त या नक्त रहना चाहिये। | *अर्धश्रावणिक व्रत में एक मास तक एक भक्त या नक्त रहना चाहिये। | ||
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05:03, 11 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- श्रावण शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को अर्धश्रावणिक व्रत आरम्भ होता है।
- अर्धश्रावणिक व्रत में एक मास तक अर्धश्रावणी नामक पार्वती की पूजा करनी चाहिये।
- अर्धश्रावणिक व्रत में एक मास तक एक भक्त या नक्त रहना चाहिये।
- अन्त में कुमारियों एवं ब्राह्मणों को खिलाना चाहिये।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि व्रतखण्ड( 2, 753-54); व्रतप्रकाश (106-107)
अन्य संबंधित लिंक
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