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छो (अवियोगद्वादशी का नाम बदलकर अवियोग द्वादशी कर दिया गया है) |
(कोई अंतर नहीं)
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11:43, 6 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष द्वादशी को करना चाहिए।
- अवियोग द्वादशी में शिव एवं गौरी, ब्रह्मा एवं सावित्री, विष्णु एवं लक्ष्मी तथा सूर्य एवं उनकी पत्नी निक्षुभा की पूजा करनी चाहिए।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1177-1180)।
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