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'''भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण''' / '''यूआईडीएआई''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Unique Identification Authority of India'') सन 2009 में गठित [[भारत सरकार]] का एक प्राधिकरण है जिसका गठन [[भारत]] के प्रत्येक नागरिक को एक बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय [[पहचान पत्र]] उपलब्ध करवाने की भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत किया गया। भारत के प्रत्येक निवासियों को प्रारंभिक चरण में पहचान प्रदान करने एवं प्राथमिक तौर पर प्रभावशाली जनहित सेवाऐं उपलब्ध कराना इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य था। इस बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र का नाम "[[आधार कार्ड|आधार]]" रखा गया।  
'''भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण''' / '''यूआईडीएआई''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Unique Identification Authority of India'') सन 2009 में गठित [[भारत सरकार]] का एक प्राधिकरण है जिसका गठन [[भारत]] के प्रत्येक नागरिक को एक बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय [[पहचान पत्र]] उपलब्ध करवाने की भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत किया गया। भारत के प्रत्येक निवासियों को प्रारंभिक चरण में पहचान प्रदान करने एवं प्राथमिक तौर पर प्रभावशाली जनहित सेवाऐं उपलब्ध कराना इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य था। इस बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र का नाम "[[आधार कार्ड|आधार]]" रखा गया।  
==स्थापना==
==स्थापना==
भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) एक सांविधिक प्रा‍धिकरण है, जिसकी स्‍थापना भारत सरकार द्वारा आधार (वित्‍तीय और अन्‍य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं के लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 (“आधार अधिनियम, 2016”) के प्रावधानों के अंतर्गत, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत् दिनांक 12 जुलाई, 2016 को की गई। एक सांविधिक प्राधिकरण के रूप में अपनी स्‍थापना से पूर्व यूआईडीएआई तत्‍कालीन [[योजना आयोग]] (अब नीति आयोग) राजपत्र अधिसूचना संख्‍या ए-43011/02/2009-एडमिन-1 दिनांक 28 जनवरी, 2009 के तहत् इसके एक सम्‍बद्ध कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा था। बाद में सरकार द्वारा सरकारी कार्य आवंटन नियमों में संशोधन करके 12 सि‍तम्‍बर, 2015 को यूआईडीएआई को तत्‍कालीन सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) के साथ संबद्ध कर दिया गया।
भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) एक सांविधिक प्रा‍धिकरण है, जिसकी स्‍थापना भारत सरकार द्वारा आधार (वित्तीय और अन्‍य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं के लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 (“आधार अधिनियम, 2016”) के प्रावधानों के अंतर्गत, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत् दिनांक 12 जुलाई, 2016 को की गई। एक सांविधिक प्राधिकरण के रूप में अपनी स्‍थापना से पूर्व यूआईडीएआई तत्‍कालीन [[योजना आयोग]] (अब नीति आयोग) राजपत्र अधिसूचना संख्‍या ए-43011/02/2009-एडमिन-1 दिनांक 28 जनवरी, 2009 के तहत् इसके एक सम्‍बद्ध कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा था। बाद में सरकार द्वारा सरकारी कार्य आवंटन नियमों में संशोधन करके 12 सि‍तम्‍बर, 2015 को यूआईडीएआई को तत्‍कालीन सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) के साथ संबद्ध कर दिया गया।
==उद्देश्य==  
==उद्देश्य==  
यूआईडीएआई की स्‍थापना भारत के सभी निवा‍सियों को “आधार” नाम से एक विशिष्‍ट पहचान संख्‍या (यूआईडी) प्रदान करने हेतु की गई थी ताकि इसके द्वारा (क) दोहरी और फर्जी पहचान समाप्‍त की जा सके और (ख) उसे आसानी से एवम् किफायती लागत में सत्‍यापित और प्रमाणित किया जा सके। प्रथम यूआईडी नम्‍बर महाराष्‍ट्र के निवासी, नन्‍दूरबार को 29 सितम्‍बर 2010 को जारी किया गया। प्राधिकरण द्वारा अब तक 111 करोड़ से अधिक भारतीय निवासियों को आधार नम्‍बर प्रदान किए जा चुके हैं। आधार अधिनियम 2016 के तहत्, यूआईडीएआई आधार नामांकन और प्रमाणीकरण, आधार जीवन चक्र के सभी चरणों के प्रबंधन और संचालन सहित, व्‍यक्तियों को आधार नम्‍बर जारी करने और प्रमाणीकरण करने के लिए नीति, प्रक्रिया और प्रणाली विकसित करने के लिए और पहचान जानकारी तथा प्रमाणीकरण रिकार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्‍मेदार है।
यूआईडीएआई की स्‍थापना भारत के सभी निवा‍सियों को “आधार” नाम से एक विशिष्‍ट पहचान संख्‍या (यूआईडी) प्रदान करने हेतु की गई थी ताकि इसके द्वारा (क) दोहरी और फर्जी पहचान समाप्‍त की जा सके और (ख) उसे आसानी से एवम् किफायती लागत में सत्‍यापित और प्रमाणित किया जा सके। प्रथम यूआईडी नम्‍बर महाराष्‍ट्र के निवासी, नन्‍दूरबार को 29 सितम्‍बर 2010 को जारी किया गया। प्राधिकरण द्वारा अब तक 111 करोड़ से अधिक भारतीय निवासियों को आधार नम्‍बर प्रदान किए जा चुके हैं। आधार अधिनियम 2016 के तहत्, यूआईडीएआई आधार नामांकन और प्रमाणीकरण, आधार जीवन चक्र के सभी चरणों के प्रबंधन और संचालन सहित, व्‍यक्तियों को आधार नम्‍बर जारी करने और प्रमाणीकरण करने के लिए नीति, प्रक्रिया और प्रणाली विकसित करने के लिए और पहचान जानकारी तथा प्रमाणीकरण रिकार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्‍मेदार है।
==प्राधिकरण की संरचना==
==संरचना==
प्राधिकरण में एक अंशकालिक अध्यक्ष, दो अंशकालिक सदस्य और एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी, जो प्राधिकरण के सदस्य सचिव भी होंगे, की नियुक्ति की जाती है। श्री जे. सत्यनारायण, आईएएस (सेवानिवृत्त।) (1977, आंध्रप्रदेश संवर्ग) को प्राधिकरण के अध्यक्ष(अंशकालिक) के रूप नियुक्त किया गया है। नेट कोर सोलूशन के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्री राजेश जैन और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के संस्थापक, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ आनंद देशपांडे, को यूआईडीएआई के अंशकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), डॉ अजय भूषण पांडे, आईएएस (1984, महाराष्ट्र संवर्ग), प्राधिकरण के कानूनी प्रतिनिधि और प्रशासनिक मुखिया हैं।
प्राधिकरण में एक अंशकालिक अध्यक्ष, दो अंशकालिक सदस्य और एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी, जो प्राधिकरण के सदस्य सचिव भी होंगे, की नियुक्ति की जाती है। श्री जे. सत्यनारायण, आईएएस (सेवानिवृत्त।) (1977, आंध्रप्रदेश संवर्ग) को प्राधिकरण के अध्यक्ष(अंशकालिक) के रूप नियुक्त किया गया है। नेट कोर सोलूशन के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्री राजेश जैन और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के संस्थापक, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ आनंद देशपांडे, को यूआईडीएआई के अंशकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), डॉ अजय भूषण पांडे, आईएएस (1984, महाराष्ट्र संवर्ग), प्राधिकरण के कानूनी प्रतिनिधि और प्रशासनिक मुखिया हैं।
==मुख्यालय==
==मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय==
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का मुख्यालय (HQ) [[नई दिल्ली]] में है और देशभर में आठ क्षेत्रीय कार्यालय (आरओ) हैं। यूआईडीएआई के दो डेटा सेंटर, एक हेब्बल (बैंगलूरू) [[कर्नाटक]] में और दूसरा मानेसर (गुरुग्राम) [[हरियाणा]] में है। मुख्यालय में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), के सहयोग हेतु भारत सरकार के संयुक्त सचिव स्तर के सात अधिकारी बतौर उपमहानिदेशक (डीडीजी) (यूआईडीएआई के विभिन्न स्कंधों के प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। उपमहानिदेशक (डीडीजी) के सहयोग हेतु सहायक महानिदेशकों (एडीजी) उपनिदेशकों, अनुभाग अधिकारियों एवं सहायक अनुभाग अधिकारियों की नियुक्तियां की गई हैं सहयोग प्राप्त है। मुख्यालय में लेखा और आईटी शाखा सहित कुल 127 अधिकारी और कर्मचारी स्वीकृत हैं।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का मुख्यालय (HQ) [[नई दिल्ली]] में है और देशभर में आठ क्षेत्रीय कार्यालय (आरओ) हैं। यूआईडीएआई के दो डेटा सेंटर, एक हेब्बल (बैंगलूरू) [[कर्नाटक]] में और दूसरा मानेसर (गुरुग्राम) [[हरियाणा]] में है। मुख्यालय में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), के सहयोग हेतु भारत सरकार के संयुक्त सचिव स्तर के सात अधिकारी बतौर उपमहानिदेशक (डीडीजी) (यूआईडीएआई के विभिन्न स्कंधों के प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। उपमहानिदेशक (डीडीजी) के सहयोग हेतु सहायक महानिदेशकों (एडीजी) उपनिदेशकों, अनुभाग अधिकारियों एवं सहायक अनुभाग अधिकारियों की नियुक्तियां की गई हैं सहयोग प्राप्त है। मुख्यालय में लेखा और आईटी शाखा सहित कुल 127 अधिकारी और कर्मचारी स्वीकृत हैं। यूआईडीएआई के प्रत्‍येक क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख उपमहानिदेशक (डीडीजी) हैं, जिनके सहयोग हेतु सहायक महानिदेशक, उपनिदेशक, अनुभाग अधिकारी, सहायक अनुभाग अधिकारी, वरिष्‍ठ लेखा अधिकारी, लेखाकार एवं वैयक्तिक कर्मचारी शामिल हैं।  
==क्षेत्रीय कार्यालय==
यूआईडीएआई के प्रत्‍येक क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख उपमहानिदेशक (डीडीजी) हैं, जिनके सहयोग हेतु सहायक महानिदेशक, उपनिदेशक, अनुभाग अधिकारी, सहायक अनुभाग अधिकारी, वरिष्‍ठ लेखा अधिकारी, लेखाकार एवं वैयक्तिक कर्मचारी शामिल हैं।  
;क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले राज्‍यो/संघ राज्‍य क्षेत्रों की सूची निम्‍नानुसार है-
;क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले राज्‍यो/संघ राज्‍य क्षेत्रों की सूची निम्‍नानुसार है-
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====रजिस्‍ट्रार====
====रजिस्‍ट्रार====
रजिस्‍ट्रार के साथ समन्‍वय करते हुए नामांकन एजेंसियां नामांकन केंद्र स्‍थापित करती हैं जहां निवासी आधार हेतु नामांकन करवा सकते हैं। नामांकन कार्य हेतु प्रयोग में लाए जाने वाले बहुउद्देशीय अंगुली छाप स्‍केनर, आइरिस स्‍केनर और कैमरे एसटीक्‍यूसी और यूआईडीएआई द्वारा प्रमाणित होते हैं और सभी यूआईडीएआई द्वारा विकसित मानक एप्‍लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस(एपीआई) से जुड़े होते हैं। अनेक रजिस्‍ट्रारों, नामांकन एजेंसि‍यों और बहुत से तकनीकी प्रदाताओं की नियुक्ति ने इस क्षेत्र में एक प्रभावी प्रतिस्‍पर्धा का माहौल उत्‍पन्‍न किया है।
रजिस्‍ट्रार के साथ समन्‍वय करते हुए नामांकन एजेंसियां नामांकन केंद्र स्‍थापित करती हैं जहां निवासी आधार हेतु नामांकन करवा सकते हैं। नामांकन कार्य हेतु प्रयोग में लाए जाने वाले बहुउद्देशीय अंगुली छाप स्‍केनर, आइरिस स्‍केनर और कैमरे एसटीक्‍यूसी और यूआईडीएआई द्वारा प्रमाणित होते हैं और सभी यूआईडीएआई द्वारा विकसित मानक एप्‍लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस(एपीआई) से जुड़े होते हैं। अनेक रजिस्‍ट्रारों, नामांकन एजेंसि‍यों और बहुत से तकनीकी प्रदाताओं की नियुक्ति ने इस क्षेत्र में एक प्रभावी प्रतिस्‍पर्धा का माहौल उत्‍पन्‍न किया है।
==प्रमाणीकरण ईको-सिस्‍टम==
====प्रमाणीकरण ईको-सिस्‍टम====
यूआईडीएआई ने निवासियों के तत्‍काल प्रमाणीकरण के उद्देश्‍य से एक स्‍केलेबल इकोसिस्‍टम स्‍थापित किया है। आधार प्रमाणीकरण ईको-सिस्‍टम प्रतिदिन करोड़ों आधार प्रमाणि‍त करने में सक्षम है और आवश्‍यकतानुसार इस क्षमता को और अधिक बढ़ाने में भी सक्षम है। यूआईडीएआई ने विभिन्‍न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में से बहुत बड़ी संख्‍या में प्रमाणन सेवा एजेंसियों (एएसए) और प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसियों (एयूए) को नियुक्ति किया है। यूआईडीएआई ने एसटीक्‍यूसी के सहयोग से बायोमेट्रिक उपकरणों के तकनीकी मानक निर्धारित किए हैं और उनमें से बहुत को प्रमाणित भी कर दि‍या है। चूंकि प्रमाणीकरण सेवा ऑन-लाईन एवं रियल टाइम में उपलब्‍ध है। यूआईडीएआई ने दो डेटा सेंटर भी स्‍थापित किए हैं, जहां प्रमाणीकरण और अन्‍य ऑन-लाईन सेवाएं, जैसे कि ई-केवाईसी की उच्‍च उपलब्‍धता सुनिश्चित करने हेतु ‘एक्‍टिव-एक्टिव मोड’ में परिनियोजित की गई हैं। देशभर में रियल टाईम, स्‍केलेबल और इंटर ऑपरेबल विधि से कहीं भी शाखा रहित बैंकिंग सुविधा उपलब्‍ध करवाने हेतु बैंकों और भुगतान नेटवर्क ऑपरेटरों द्वारा आधार प्रमाणीकरण को माइक्रो-एटीएम में स्‍थापित कर दिया गया है।
यूआईडीएआई ने निवासियों के तत्‍काल प्रमाणीकरण के उद्देश्‍य से एक स्‍केलेबल इकोसिस्‍टम स्‍थापित किया है। आधार प्रमाणीकरण ईको-सिस्‍टम प्रतिदिन करोड़ों आधार प्रमाणि‍त करने में सक्षम है और आवश्‍यकतानुसार इस क्षमता को और अधिक बढ़ाने में भी सक्षम है। यूआईडीएआई ने विभिन्‍न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में से बहुत बड़ी संख्‍या में प्रमाणन सेवा एजेंसियों (एएसए) और प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसियों (एयूए) को नियुक्ति किया है। यूआईडीएआई ने एसटीक्‍यूसी के सहयोग से बायोमेट्रिक उपकरणों के तकनीकी मानक निर्धारित किए हैं और उनमें से बहुत को प्रमाणित भी कर दि‍या है। चूंकि प्रमाणीकरण सेवा ऑन-लाईन एवं रियल टाइम में उपलब्‍ध है। यूआईडीएआई ने दो डेटा सेंटर भी स्‍थापित किए हैं, जहां प्रमाणीकरण और अन्‍य ऑन-लाईन सेवाएं, जैसे कि ई-केवाईसी की उच्‍च उपलब्‍धता सुनिश्चित करने हेतु ‘एक्‍टिव-एक्टिव मोड’ में परिनियोजित की गई हैं। देशभर में रियल टाईम, स्‍केलेबल और इंटर ऑपरेबल विधि से कहीं भी शाखा रहित बैंकिंग सुविधा उपलब्‍ध करवाने हेतु बैंकों और भुगतान नेटवर्क ऑपरेटरों द्वारा आधार प्रमाणीकरण को माइक्रो-एटीएम में स्‍थापित कर दिया गया है।
==वित्‍त एवं बजट==
==वित्त एवं बजट==
उप-महानिदेशक (वित्‍त) वित्‍त प्रभाग (एफडी) के प्रमुख हैं, जो यूआईडीएआई के वित्‍तीय सलाहकार भी हैं। वित्‍त प्रभाग द्वारा मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी को वित्‍तीय निहितार्थ सभी मामलों में पेशेवर परामर्श उपलब्‍ध करवाया जाता है। वित्‍त प्रभाग बजट फार्मूलेशन, आउटकम बजट, बजट परफॉरमेंस, खर्चे एवं रोकड़ प्रबंधन और वित्तीय प्रस्‍तावों की जांच के लिए उत्‍तरदायी है।
उप-महानिदेशक (वित्त) वित्त प्रभाग (एफडी) के प्रमुख हैं, जो यूआईडीएआई के वित्तीय सलाहकार भी हैं। वित्त प्रभाग द्वारा मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी को वित्तीय निहितार्थ सभी मामलों में पेशेवर परामर्श उपलब्‍ध करवाया जाता है। वित्त प्रभाग बजट फार्मूलेशन, आउटकम बजट, बजट परफॉरमेंस, खर्चे एवं रोकड़ प्रबंधन और वित्तीय प्रस्‍तावों की जांच के लिए उत्‍तरदायी है।
====वित्‍तीय परामर्श/सहमति====
====वित्तीय परामर्श/सहमति====
* वित्‍तीय खर्चों में समुचित मूल्‍यांकन के लिए नीति एवं कार्यक्रम प्रतिपादन गतिविधियों में सहयोग करना।
* वित्तीय खर्चों में समुचित मूल्‍यांकन के लिए नीति एवं कार्यक्रम प्रतिपादन गतिविधियों में सहयोग करना।
* मंत्रिमण्‍डलीय/ईएफसी/एसएससी प्रस्‍तावों और संशोधित लागत आकलन प्रस्‍तावों पर परामर्श देना।
* मंत्रिमण्‍डलीय/ईएफसी/एसएससी प्रस्‍तावों और संशोधित लागत आकलन प्रस्‍तावों पर परामर्श देना।
* वित्‍तीय शक्तियों के प्रत्‍यायोजन संबंधित परामर्श।
* वित्तीय शक्तियों के प्रत्‍यायोजन संबंधित परामर्श।
* सीएफए के एसेप्‍टेंस ऑफ नेसेसिटी (एओएल) और एक्‍सपेंडिचर एंगल सैंकशन (ईएएस) हेतु सरकारी खर्चों/वित्‍तीय प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति से संबंधि‍त सभी मामलों में परामर्श प्रदान करना।
* सीएफए के एसेप्‍टेंस ऑफ नेसेसिटी (एओएल) और एक्‍सपेंडिचर एंगल सैंकशन (ईएएस) हेतु सरकारी खर्चों/वित्तीय प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति से संबंधि‍त सभी मामलों में परामर्श प्रदान करना।
* नियमों, विनियमों, प्रचालन आवश्‍यकताओं और अपेक्षि‍त क्रम के परिपेक्ष्‍य में प्रस्‍तावों का मूल्‍यांकन।
* नियमों, विनियमों, प्रचालन आवश्‍यकताओं और अपेक्षि‍त क्रम के परिपेक्ष्‍य में प्रस्‍तावों का मूल्‍यांकन।
* टेण्‍डर/आरएफपी डॉक्‍यूमेंट्स, करार संशोधन सहित करारों की वित्‍तीय दृष्टि से जांच।
* टेण्‍डर/आरएफपी डॉक्‍यूमेंट्स, करार संशोधन सहित करारों की वित्तीय दृष्टि से जांच।
* विभिन्‍न समितियों में वित्‍त प्रतिनिधि का नामांकन और भागीदारी (सीएबी टेण्‍डर ओपनिंग एवं इवेल्‍यूएशन कमेटी, कमर्शियल नेगोशिएशन कमेटियां, अन्‍य कमेटियां) और
* विभिन्‍न समितियों में वित्त प्रतिनिधि का नामांकन और भागीदारी (सीएबी टेण्‍डर ओपनिंग एवं इवेल्‍यूएशन कमेटी, कमर्शियल नेगोशिएशन कमेटियां, अन्‍य कमेटियां) और
* आंतरिक नियंत्रण प्रणाली प्रोक्‍यूरमेंट मैनुअल के अनुसार अपेक्षित श्रम और वित्‍त मंत्रालय के विभिन्‍न अधिप्राप्‍तियों एवं कॉन्‍ट्रेक्‍ट्स के संबंध में नियमों एवं विनियमों की अनुपालना।
* आंतरिक नियंत्रण प्रणाली प्रोक्‍यूरमेंट मैनुअल के अनुसार अपेक्षित श्रम और वित्त मंत्रालय के विभिन्‍न अधिप्राप्‍तियों एवं कॉन्‍ट्रेक्‍ट्स के संबंध में नियमों एवं विनियमों की अनुपालना।
====बजट की तैयारी====
====बजट की तैयारी====
* बजट और उसके संबंधित कार्य (बजट प्राक्‍कलन, संशोधित प्राक्‍कलन और अनुपूरण अनुदान)।
* बजट और उसके संबंधित कार्य (बजट प्राक्‍कलन, संशोधित प्राक्‍कलन और अनुपूरण अनुदान)।
* मुख्‍यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यशील प्रभागों हेतु बजट आबंटन।
* मुख्‍यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यशील प्रभागों हेतु बजट आबंटन।
* अंतिम बजट आवश्‍यकताओं की तैयारी और बची हुए शेष राशि को समय पर वापस और पुर्नविनियोग करना।
* अंतिम बजट आवश्‍यकताओं की तैयारी और बची हुए शेष राशि को समय पर वापस और पुर्नविनियोग करना।
* यूआईडीएआई से संबंधित कार्यों हेतु गठित वित्‍त संबंधी संसदीय स्‍थायी समिति के कार्य।
* यूआईडीएआई से संबंधित कार्यों हेतु गठित वित्त संबंधी संसदीय स्‍थायी समिति के कार्य।
====व्‍यय पर निगरानी===
====व्‍यय पर निगरानी====
* स्‍वीकृत अनुदान के अनुसार खर्चों व्‍ययों की प्रगति की मासिक निगरानी एवं समीक्षा।
* स्‍वीकृत अनुदान के अनुसार खर्चों व्‍ययों की प्रगति की मासिक निगरानी एवं समीक्षा।
* व्‍यय विभाग द्वारा मित्‍व्‍ययता/खर्चों की तर्कसंगत व्‍यवस्‍था संबंधी जारी निर्देर्शों की अनुपालना सुनिश्‍चित करना।
* व्‍यय विभाग द्वारा मित्‍व्‍ययता/खर्चों की तर्कसंगत व्‍यवस्‍था संबंधी जारी निर्देर्शों की अनुपालना सुनिश्‍चित करना।
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*[https://uidai.gov.in/hi आधिकारिक वेबसाइट]
*[https://uidai.gov.in/hi आधिकारिक वेबसाइट]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत सरकार के संस्थान}}
{{भारत के संस्थान}}
[[Category:योजना आयोग]]  
[[Category:योजना आयोग]]  
[[Category:भारत सरकार के संस्थान]]  
[[Category:भारत सरकार के संस्थान]]  

12:35, 6 जनवरी 2018 का अवतरण

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण / यूआईडीएआई (अंग्रेज़ी: Unique Identification Authority of India) सन 2009 में गठित भारत सरकार का एक प्राधिकरण है जिसका गठन भारत के प्रत्येक नागरिक को एक बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र उपलब्ध करवाने की भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत किया गया। भारत के प्रत्येक निवासियों को प्रारंभिक चरण में पहचान प्रदान करने एवं प्राथमिक तौर पर प्रभावशाली जनहित सेवाऐं उपलब्ध कराना इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य था। इस बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र का नाम "आधार" रखा गया।

स्थापना

भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) एक सांविधिक प्रा‍धिकरण है, जिसकी स्‍थापना भारत सरकार द्वारा आधार (वित्तीय और अन्‍य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं के लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 (“आधार अधिनियम, 2016”) के प्रावधानों के अंतर्गत, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत् दिनांक 12 जुलाई, 2016 को की गई। एक सांविधिक प्राधिकरण के रूप में अपनी स्‍थापना से पूर्व यूआईडीएआई तत्‍कालीन योजना आयोग (अब नीति आयोग) राजपत्र अधिसूचना संख्‍या ए-43011/02/2009-एडमिन-1 दिनांक 28 जनवरी, 2009 के तहत् इसके एक सम्‍बद्ध कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा था। बाद में सरकार द्वारा सरकारी कार्य आवंटन नियमों में संशोधन करके 12 सि‍तम्‍बर, 2015 को यूआईडीएआई को तत्‍कालीन सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) के साथ संबद्ध कर दिया गया।

उद्देश्य

यूआईडीएआई की स्‍थापना भारत के सभी निवा‍सियों को “आधार” नाम से एक विशिष्‍ट पहचान संख्‍या (यूआईडी) प्रदान करने हेतु की गई थी ताकि इसके द्वारा (क) दोहरी और फर्जी पहचान समाप्‍त की जा सके और (ख) उसे आसानी से एवम् किफायती लागत में सत्‍यापित और प्रमाणित किया जा सके। प्रथम यूआईडी नम्‍बर महाराष्‍ट्र के निवासी, नन्‍दूरबार को 29 सितम्‍बर 2010 को जारी किया गया। प्राधिकरण द्वारा अब तक 111 करोड़ से अधिक भारतीय निवासियों को आधार नम्‍बर प्रदान किए जा चुके हैं। आधार अधिनियम 2016 के तहत्, यूआईडीएआई आधार नामांकन और प्रमाणीकरण, आधार जीवन चक्र के सभी चरणों के प्रबंधन और संचालन सहित, व्‍यक्तियों को आधार नम्‍बर जारी करने और प्रमाणीकरण करने के लिए नीति, प्रक्रिया और प्रणाली विकसित करने के लिए और पहचान जानकारी तथा प्रमाणीकरण रिकार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्‍मेदार है।

संरचना

प्राधिकरण में एक अंशकालिक अध्यक्ष, दो अंशकालिक सदस्य और एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी, जो प्राधिकरण के सदस्य सचिव भी होंगे, की नियुक्ति की जाती है। श्री जे. सत्यनारायण, आईएएस (सेवानिवृत्त।) (1977, आंध्रप्रदेश संवर्ग) को प्राधिकरण के अध्यक्ष(अंशकालिक) के रूप नियुक्त किया गया है। नेट कोर सोलूशन के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्री राजेश जैन और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के संस्थापक, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ आनंद देशपांडे, को यूआईडीएआई के अंशकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), डॉ अजय भूषण पांडे, आईएएस (1984, महाराष्ट्र संवर्ग), प्राधिकरण के कानूनी प्रतिनिधि और प्रशासनिक मुखिया हैं।

मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का मुख्यालय (HQ) नई दिल्ली में है और देशभर में आठ क्षेत्रीय कार्यालय (आरओ) हैं। यूआईडीएआई के दो डेटा सेंटर, एक हेब्बल (बैंगलूरू) कर्नाटक में और दूसरा मानेसर (गुरुग्राम) हरियाणा में है। मुख्यालय में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), के सहयोग हेतु भारत सरकार के संयुक्त सचिव स्तर के सात अधिकारी बतौर उपमहानिदेशक (डीडीजी) (यूआईडीएआई के विभिन्न स्कंधों के प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। उपमहानिदेशक (डीडीजी) के सहयोग हेतु सहायक महानिदेशकों (एडीजी) उपनिदेशकों, अनुभाग अधिकारियों एवं सहायक अनुभाग अधिकारियों की नियुक्तियां की गई हैं सहयोग प्राप्त है। मुख्यालय में लेखा और आईटी शाखा सहित कुल 127 अधिकारी और कर्मचारी स्वीकृत हैं। यूआईडीएआई के प्रत्‍येक क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख उपमहानिदेशक (डीडीजी) हैं, जिनके सहयोग हेतु सहायक महानिदेशक, उपनिदेशक, अनुभाग अधिकारी, सहायक अनुभाग अधिकारी, वरिष्‍ठ लेखा अधिकारी, लेखाकार एवं वैयक्तिक कर्मचारी शामिल हैं।

क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले राज्‍यो/संघ राज्‍य क्षेत्रों की सूची निम्‍नानुसार है-
क्षेत्रीय कार्यालय क्षेत्रीय कार्यालयों के अंतर्गत आने वाले राज्य एवं संघ शासित प्रदेश
क्षेत्रीय कार्यालय, बैंगलोर कर्नाटक, केरल, तमिल नाडु, पुदुचेरी, लक्षद्वीप
क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और संघ शासित प्रदेश चंडीगढ़
क्षेत्रीय कार्यालय, दिल्ली उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान
क्षेत्रीय कार्यालय, गुवाहाटी असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिज़ोरम, त्रिपुरा और सिक्किम
क्षेत्रीय कार्यालय, हैदराबाद आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़, अंडमान और निकोबार
क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ उत्तर प्रदेश
क्षेत्रीय कार्यालय, मुंबई गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दादरा एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव
क्षेत्रीय कार्यालय, रांची बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल

नामांकन एवं अद्यतन ईको-सिस्‍टम

नामांकन ईको-सिस्‍टम में रजिस्‍ट्रार और नामांकन एजेंसियों शामिल हैं। रजिस्‍ट्रार, यूआईडीएआई द्वारा व्‍यक्तियों के नामांकन के उद्देश्‍य हेतु अधिकृत अथवा मान्‍य संस्‍था हैं। नामांकन एजेंसियों की नियुक्ति रजिस्‍ट्रार द्वारा की जाती है और वे प्रमाणित ऑपरेटरों/सुपरवाइज़रों की नियुक्त्‍िा कर नामांकन प्रक्रिया के दौरान व्‍यक्तियों के जनसांख्यिकी विवरण और बायोमेट्रिक्‍स डेटा संग्रह हेतु उत्‍तरदायी हैं।

रजिस्‍ट्रार

रजिस्‍ट्रार के साथ समन्‍वय करते हुए नामांकन एजेंसियां नामांकन केंद्र स्‍थापित करती हैं जहां निवासी आधार हेतु नामांकन करवा सकते हैं। नामांकन कार्य हेतु प्रयोग में लाए जाने वाले बहुउद्देशीय अंगुली छाप स्‍केनर, आइरिस स्‍केनर और कैमरे एसटीक्‍यूसी और यूआईडीएआई द्वारा प्रमाणित होते हैं और सभी यूआईडीएआई द्वारा विकसित मानक एप्‍लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस(एपीआई) से जुड़े होते हैं। अनेक रजिस्‍ट्रारों, नामांकन एजेंसि‍यों और बहुत से तकनीकी प्रदाताओं की नियुक्ति ने इस क्षेत्र में एक प्रभावी प्रतिस्‍पर्धा का माहौल उत्‍पन्‍न किया है।

प्रमाणीकरण ईको-सिस्‍टम

यूआईडीएआई ने निवासियों के तत्‍काल प्रमाणीकरण के उद्देश्‍य से एक स्‍केलेबल इकोसिस्‍टम स्‍थापित किया है। आधार प्रमाणीकरण ईको-सिस्‍टम प्रतिदिन करोड़ों आधार प्रमाणि‍त करने में सक्षम है और आवश्‍यकतानुसार इस क्षमता को और अधिक बढ़ाने में भी सक्षम है। यूआईडीएआई ने विभिन्‍न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में से बहुत बड़ी संख्‍या में प्रमाणन सेवा एजेंसियों (एएसए) और प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसियों (एयूए) को नियुक्ति किया है। यूआईडीएआई ने एसटीक्‍यूसी के सहयोग से बायोमेट्रिक उपकरणों के तकनीकी मानक निर्धारित किए हैं और उनमें से बहुत को प्रमाणित भी कर दि‍या है। चूंकि प्रमाणीकरण सेवा ऑन-लाईन एवं रियल टाइम में उपलब्‍ध है। यूआईडीएआई ने दो डेटा सेंटर भी स्‍थापित किए हैं, जहां प्रमाणीकरण और अन्‍य ऑन-लाईन सेवाएं, जैसे कि ई-केवाईसी की उच्‍च उपलब्‍धता सुनिश्चित करने हेतु ‘एक्‍टिव-एक्टिव मोड’ में परिनियोजित की गई हैं। देशभर में रियल टाईम, स्‍केलेबल और इंटर ऑपरेबल विधि से कहीं भी शाखा रहित बैंकिंग सुविधा उपलब्‍ध करवाने हेतु बैंकों और भुगतान नेटवर्क ऑपरेटरों द्वारा आधार प्रमाणीकरण को माइक्रो-एटीएम में स्‍थापित कर दिया गया है।

वित्त एवं बजट

उप-महानिदेशक (वित्त) वित्त प्रभाग (एफडी) के प्रमुख हैं, जो यूआईडीएआई के वित्तीय सलाहकार भी हैं। वित्त प्रभाग द्वारा मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी को वित्तीय निहितार्थ सभी मामलों में पेशेवर परामर्श उपलब्‍ध करवाया जाता है। वित्त प्रभाग बजट फार्मूलेशन, आउटकम बजट, बजट परफॉरमेंस, खर्चे एवं रोकड़ प्रबंधन और वित्तीय प्रस्‍तावों की जांच के लिए उत्‍तरदायी है।

वित्तीय परामर्श/सहमति

  • वित्तीय खर्चों में समुचित मूल्‍यांकन के लिए नीति एवं कार्यक्रम प्रतिपादन गतिविधियों में सहयोग करना।
  • मंत्रिमण्‍डलीय/ईएफसी/एसएससी प्रस्‍तावों और संशोधित लागत आकलन प्रस्‍तावों पर परामर्श देना।
  • वित्तीय शक्तियों के प्रत्‍यायोजन संबंधित परामर्श।
  • सीएफए के एसेप्‍टेंस ऑफ नेसेसिटी (एओएल) और एक्‍सपेंडिचर एंगल सैंकशन (ईएएस) हेतु सरकारी खर्चों/वित्तीय प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति से संबंधि‍त सभी मामलों में परामर्श प्रदान करना।
  • नियमों, विनियमों, प्रचालन आवश्‍यकताओं और अपेक्षि‍त क्रम के परिपेक्ष्‍य में प्रस्‍तावों का मूल्‍यांकन।
  • टेण्‍डर/आरएफपी डॉक्‍यूमेंट्स, करार संशोधन सहित करारों की वित्तीय दृष्टि से जांच।
  • विभिन्‍न समितियों में वित्त प्रतिनिधि का नामांकन और भागीदारी (सीएबी टेण्‍डर ओपनिंग एवं इवेल्‍यूएशन कमेटी, कमर्शियल नेगोशिएशन कमेटियां, अन्‍य कमेटियां) और
  • आंतरिक नियंत्रण प्रणाली प्रोक्‍यूरमेंट मैनुअल के अनुसार अपेक्षित श्रम और वित्त मंत्रालय के विभिन्‍न अधिप्राप्‍तियों एवं कॉन्‍ट्रेक्‍ट्स के संबंध में नियमों एवं विनियमों की अनुपालना।

बजट की तैयारी

  • बजट और उसके संबंधित कार्य (बजट प्राक्‍कलन, संशोधित प्राक्‍कलन और अनुपूरण अनुदान)।
  • मुख्‍यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यशील प्रभागों हेतु बजट आबंटन।
  • अंतिम बजट आवश्‍यकताओं की तैयारी और बची हुए शेष राशि को समय पर वापस और पुर्नविनियोग करना।
  • यूआईडीएआई से संबंधित कार्यों हेतु गठित वित्त संबंधी संसदीय स्‍थायी समिति के कार्य।

व्‍यय पर निगरानी

  • स्‍वीकृत अनुदान के अनुसार खर्चों व्‍ययों की प्रगति की मासिक निगरानी एवं समीक्षा।
  • व्‍यय विभाग द्वारा मित्‍व्‍ययता/खर्चों की तर्कसंगत व्‍यवस्‍था संबंधी जारी निर्देर्शों की अनुपालना सुनिश्‍चित करना।
  • वेतन एवं लेखा कार्यालय (पीएओ) का प्रबोधन कार्य।

आंतरिक लेखा परीक्षण

  • आंतरिक लेखा प‍रीक्षण योजना तैयार करना। (मुख्‍यालय का तिमाही लेखा प‍रीक्षण, मुख्‍यालय में कार्यशील विभागों का वार्षिक निष्‍पादन लेखा प‍रीक्षण और आरओ/तकनीकी केंद्र का वार्षिक लेखा प‍रीक्षण और उसके लिए कर्मचारियों की तैनाती।
  • आंतरिक लेखा प‍रीक्षण रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर संबंधित विभाग/क्षेत्रीय कार्यालयों/तकनीकी केंद्र को जारी करना।
  • आंतरिक लेखा प‍रीक्षण टिप्‍पणियों के अनुपालन में अनुवर्ती कार्रवाई करना।

अन्‍य गतिविधियां

  • सीएजी/पीएसी/यूआईडीएआई के संदर्भ में ऑडिट पैरा से संबंधित मामले।
  • कार्यालय लेखा परीक्षा महानिदेशक (पी एण्‍ड टी), नई दिल्‍ली द्वारा जारी ऑडिट पैरा पर कार्यशील विभागों के उत्‍तर / अनुपालना की जांच / समीक्षा।
  • सीएजी पैरा पर एकशन टेकन नोट तैयार करना।
  • वार्षिक रिपोर्ट, आर्थिक सर्वेक्षण, मासिक पीएमओ रिपोर्ट हेतु सामग्री उपलब्‍ध कराना।
  • यूआईडीएआई के अधिकारियों के विदेश प्रतिनि‍युक्ति प्रस्‍तावों की जांच और सहमति।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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