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06:56, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वादशी को प्रारम्भ होता है।
  • उस दिन उपवास रखा जाता है।
  • विष्णु के 12 नामों में एक लेना चाहिए, यथा—मार्गशीर्ष एवं पौष में नारायण, माघ में माधव....कार्तिक में दामोंदर।
  • वर्ष के अन्त में बछड़े के साथ गाय, चप्पल, वस्त्र आदि 12 ब्राह्मणों को देना चाहिए।
  • कर्ता विष्णुलोक को जाता है।[1]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1097-1101); कृत्यकल्पतरु (व्रत्ख्ण्ड 347)।

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