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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
*[[श्रावण]] [[पूर्णिमा]] पर जब [[शुक्र देव|शुक्र]] पूर्व में स्थित रहता है वरलक्ष्मीव्रत किया जाता है। | *[[श्रावण]] [[पूर्णिमा]] पर जब [[शुक्र देव|शुक्र]] पूर्व में स्थित रहता है वरलक्ष्मीव्रत किया जाता है। | ||
*घर के उत्तर पूर्व में एक मण्डप का निर्माण, जहाँ पर कलश स्थापना जिस पर वरलक्ष्मी का आवाहन किया जाता है और श्रीसूक्त के साथ पूजा की जाती है। <ref>साम्राज्यलक्ष्मी पीठिका (पृ0 147-149)</ref> | *घर के उत्तर पूर्व में एक मण्डप का निर्माण, जहाँ पर कलश स्थापना जिस पर वरलक्ष्मी का आवाहन किया जाता है और श्रीसूक्त के साथ पूजा की जाती है।<ref>साम्राज्यलक्ष्मी पीठिका (पृ0 147-149)</ref> | ||
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05:11, 11 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- श्रावण पूर्णिमा पर जब शुक्र पूर्व में स्थित रहता है वरलक्ष्मीव्रत किया जाता है।
- घर के उत्तर पूर्व में एक मण्डप का निर्माण, जहाँ पर कलश स्थापना जिस पर वरलक्ष्मी का आवाहन किया जाता है और श्रीसूक्त के साथ पूजा की जाती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ साम्राज्यलक्ष्मी पीठिका (पृ0 147-149)
संबंधित लिंक
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