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07:27, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
(1) पौष की अष्टमी से आरम्भ होता है।
- लगातार नक्त विधि।
- किन्तु दोनों पक्षों की अष्टमी पर उपवास रखा जाता है।
- दिन में तीन बार शिव की पूजा, होम, भूमि पर शयन किया जाता है।
- पौष पूर्णिमा पर घी से महापूजा की जाती है।
- आठ ब्राह्मणों को भोज, एक जोड़ी गायों एवं एक कपिल बैल का दान दिया जाता है।
- माघ एवं आगे के मासों में मार्गशीर्ष तक विभिन्न भोजनों से नक्तविधि।
- यह व्रत मासव्रत होता है।[1]
(2) कार्तिक में नक्तविधि।
- मास के अन्त में गुड़ एवं घृत युक्त तिल रोटी का अर्पण किया जाता है।
- अष्टमी एवं चतुर्दशी पर उपवास किया जाता है।
- र्गशीर्ष से आगे के मासों में शिव से सम्बन्धित पदार्थों का शिव प्रतिमा को अर्पण किया जाता है।
- इस व्रत में शिव भगवान की पूजा कि जाती है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
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