"अंकमाल": अवतरणों में अंतर
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'''अंकमाल''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[संस्कृत]] अङ्क + माला)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=02 |url=|ISBN=}}</ref> | '''अंकमाल''' - [[संज्ञा]] [[पुल्लिंग]] ([[संस्कृत]] अङ्क + माला)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=02 |url=|ISBN=}}</ref> | ||
आलिंगन। | 1. आलिंगन। | ||
;उदाहरण | |||
"भगति हेत भगता के चले, अंकमाल ले बीठल मिले।"<ref>रैदास बानी, पृ. 57</ref> | 2. भेंट। | ||
3. परिरंभण। | |||
4. गले लगाना। | |||
;उदाहरण - "भगति हेत भगता के चले, अंकमाल ले बीठल मिले।"<ref>रैदास बानी, पृ. 57</ref> | |||
;मुहावरा | ;मुहावरा | ||
'अंकमाल देना' = आलिंगन करना। भेंटना। गले लगाना। | 'अंकमाल देना' = आलिंगन करना। भेंटना। गले लगाना। | ||
;उदाहरण | ;उदाहरण - "आजु आए जानि सब अंकमाल देत हैं।"<ref>तुलसी ग्रंथावली, पृ. 170</ref> | ||
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10:02, 1 जनवरी 2020 के समय का अवतरण
अंकमाल - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत अङ्क + माला)[1]
1. आलिंगन।
2. भेंट।
3. परिरंभण।
4. गले लगाना।
- उदाहरण - "भगति हेत भगता के चले, अंकमाल ले बीठल मिले।"[2]
- मुहावरा
'अंकमाल देना' = आलिंगन करना। भेंटना। गले लगाना।
- उदाहरण - "आजु आए जानि सब अंकमाल देत हैं।"[3]
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