"शंकरसिंह वाघेला": अवतरणों में अंतर
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09:03, 1 मार्च 2020 के समय का अवतरण
शंकरसिंह वाघेला
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पूरा नाम | शंकरसिंह वाघेला |
जन्म | 21 जुलाई, 1940 |
जन्म भूमि | गांधीनगर, गुजरात |
पति/पत्नी | गुलाब बा |
संतान | तीन पुत्र |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी - 1970-1996 राष्ट्रीय जनता पार्टी - 1996-1998 |
पद | भूतपूर्व मुख्यमंत्री, गुजरात |
कार्य काल | 23 अक्तूबर, 1996 से 27 अक्तूबर, 1997 तक |
अन्य जानकारी | शंकरसिंह वाघेला ने कुल छह बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था और तीन बार सांसद बने थे। वह साल 1977 में पहली बार सांसद बने थे। 1984 से 1989 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। |
बाहरी कड़ियाँ | 13:59, 1 मार्च 2020 (IST)
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शंकरसिंह वाघेला (अंग्रेज़ी: Shankersingh Vaghela, 21 जुलाई, 1940) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो गुजरात के भूतपूर्व बारहवें मुख्यमंत्री रहे हैं। वह 23 अक्तूबर, 1996 से 27 अक्तूबर, 1997 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। गुजरात में नरेंद्र मोदी के बाद यदि कोई दूसरा लोकप्रिय नेता है तो वह शंकरसिंह वाघेला हैंं। बापू के नाम से मशहूर शंकरसिंह वाघेला गुजरात में कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं।
परिचय
शंकरसिंह वाघेला का जन्म 21 जुलाई, 1940 में गांधीनगर जिले के वासन के एक राजपूत परिवार में हुआ था। उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ आर्ट्स काी पढ़ाई की है। शंकरसिंह वाघेला ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत जनसंघ से की थी, बाद में वे जनता पार्टी में चले गए। जनता पार्टी के विभाजन के बाद वाघेला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता बने। 1996 में वह भाजपा से भी अलग हो गए और राष्ट्रीय जनता पार्टी की स्थापना की। अक्टूबर 1996 से अक्टूबर 1997 तक वह गुजरात के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। बाद में उनकी पार्टी का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) में विलय हो गया। 21 जुलाई, 2017 को उन्होंने फिर से कांग्रेस छोड़ दी और विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया।[1]
'बापू' नाम से प्रसिद्धि
शंकरसिंह वाघेला ने कुल छह बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था और तीन बार सांसद बने थे। वह साल 1977 में पहली बार सांसद बने थे। 1984 से 1989 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। 2004 से 2009 के बीच यूपीए की पहली सरकार में वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री रहे। वाघेला को गुजरात में लोग 'बापू' भी कहते हैं।
मुख्यमंत्री
शंकरसिंह वाघेला 40 सालों से भी ज्यादा से राजनीति में हैं। कभी उनको नरेंद्र मोदी का गुरु माना जाता था। शंकरसिंह वाघेला अकेले ऐसे नेता हैं जो कांग्रेस और बीजेपी दोनों के अध्यक्ष रह चुके हैं। जनसंघ, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ, जनता पार्टी, बीजेपी, उनकी अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी हो या फिर कांग्रेस, वाघेला ने हमेशा अपनी पार्टी और सांगठनिक ढांचे को दरकिनार कर फ़ैसले लिए हैं। शंकरसिंह वाघेला बाद में कांग्रेस के समर्थन से गुजरात में मुख्यमंत्री भी बन गए थे। बाद में उनकी राष्ट्रीय जनता पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया। वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य भी रह चुके हैं। 1995 से पहले शंकरसिंह वाघेला ने बीजेपी के लिए गुजरात में जी-तोड़ मेहनत की थी। गुजरात भारत में पहला ऐसा राज्य बना, जहां बीजेपी ने अपने दम पर सरकार बनाई थी। लेकिन जब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उनकी जगह केशुभाई पटेल को सीएम पद की कुर्सी सौंप दी तो यहीं से वाघेला और बीजेपी के बीच दरार की शुरुआत हो गई।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 शंकरसिंह बाघेला, गुजरात में मोदी के बाद सबसे लोकप्रिय नेता (हिंदी) hindi.oneindia.com। अभिगमन तिथि: 01 मार्च, 2020।
बाहरी कडियाँ
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |