"अष्टसखी कुंज वृन्दावन": अवतरणों में अंतर

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*[[भारत]] के [[उत्तर प्रदेश]] प्रदेश में [[मथुरा]], जो भारत की राजधानी [[दिल्ली]] और [[आगरा]] जाने वाली सड़क पर (आगरा से लगभग 65 कि.मी. पहले) स्थित है। [[वृन्दावन]]  मथुरा से होकर पहुँचा जा सकता है। मथुरा [[कृष्णा]] की जन्म भूमि है।   
*[[मदन मोहन मन्दिर वृन्दावन|श्री मदन मोहन जी]] के पुराने मन्दिर के पास में अष्टसखी का कुंज स्थित है।   
*[[मदन मोहन मन्दिर वृन्दावन|श्री मदन मोहन जी]] के पुराने मन्दिर के पास में अष्टसखी का कुंज स्थित है।   
*हेतमपुर के महाराज ने इसका निर्माण किया था।   
*हेतमपुर के महाराज ने इसका निर्माण किया था।   
*बीच में श्री [[राधा]]-[[कृष्ण]] युगलस्वरूप तथा इनकी दोनों ओर चार-चार सखियों के विग्रह हैं।  
*बीच में श्री [[राधा]] - [[कृष्ण]] युगलस्वरूप तथा इनकी दोनों ओर चार-चार सखियों के विग्रह हैं।  
*सन 1216 ई. में हेतमपुर के महाराजा रामरंजन चक्रवर्ती तथा उनकी पत्नी पद्मासुन्दरी ने इस मन्दिर का निर्माणकर श्री राधारासबिहारी विग्रह को पधराया था।
*सन 1216 ई. में हेतमपुर के महाराजा रामरंजन चक्रवर्ती तथा उनकी पत्नी पद्मासुन्दरी ने इस मन्दिर का निर्माणकर श्री राधारासबिहारी विग्रह को पधराया था।
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==

11:48, 25 मई 2011 का अवतरण

  • भारत के उत्तर प्रदेश प्रदेश में मथुरा, जो भारत की राजधानी दिल्ली और आगरा जाने वाली सड़क पर (आगरा से लगभग 65 कि.मी. पहले) स्थित है। वृन्दावन मथुरा से होकर पहुँचा जा सकता है। मथुरा कृष्णा की जन्म भूमि है।
  • श्री मदन मोहन जी के पुराने मन्दिर के पास में अष्टसखी का कुंज स्थित है।
  • हेतमपुर के महाराज ने इसका निर्माण किया था।
  • बीच में श्री राधा - कृष्ण युगलस्वरूप तथा इनकी दोनों ओर चार-चार सखियों के विग्रह हैं।
  • सन 1216 ई. में हेतमपुर के महाराजा रामरंजन चक्रवर्ती तथा उनकी पत्नी पद्मासुन्दरी ने इस मन्दिर का निर्माणकर श्री राधारासबिहारी विग्रह को पधराया था।

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